बहराइच : जैविक खेती से तैयार डच रोज़ की खुशबू से महकेगी तराई की फिज़ा

  • कद्दू वर्गीय सब्ज़ी से लोगों के स्वास्थ्य में होगा सुधार
  • किसानों की आय में इज़ाफे के साथ मृदा की सुधरेगी सेहत जैविक खेती कर रहे कृषकों के प्रयासों की डीएम ने की सराहना

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

बहराइच । आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, नये अनुसंधानों, शोधो तथा कृषि के क्षेत्र में नवीन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ संकल्पित जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देश पर शैक्षणिक भ्रमण पर करनाल हरियाणा गये कृषकों के दल में शामिल 02 कृषकों द्वारा प्राकृतिक खेती से पैदा की गई कद्दू वर्गीय सब्ज़ी तथा डच रोज़ (इंग्लिश गुलाब) के फूल जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी रम्या आर. को भेंट किया।

विकास भवन सभागार में आयोजित किसान दिवस के अवसर पर विकास खण्ड तजवापुर के ग्राम गजपतिपुर के किसान पंकज वर्मा व ग्राम शेखदहीर (भटपुरवा) के ज़ियाउलहक ने प्राकृतिक खेती से पैदा की गई 06 फिट लम्बी लौकी व गोल आकार की लौकी तथा गुलाब के पुष्प भेंट किया।

रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किये बिना प्राकृतिक रूप से पैदा की गई 06 फिट आकार की लौकी, गोल आकार की लौकी तथा खिले हुए गुलाबों को देखकर डीएम ने कृषकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आप लोग इसी तरह के अभिनव प्रयास कर जिले के कृषकों को नई राह दिखाएं। डीएम ने किसान दिवस में मौजूद कृषकों का आहवान किया कि जिले में अभिनव प्रयोग करने वाले कृषकों से प्रेरित होकर खेती कर अपनी आय को दोगुना करें। डीएम ने कहा कि जैविक खेती से तैयार उत्पाद की मांग निरन्तर बढ़ने से किसानों को अच्छी आय प्राप्त हो रही है। 

विकास खण्ड तजवापुर अन्तर्गत कृषक उत्पादक समूह के निदेशक पंकज वर्मा ने बताया कि एक एकड़ क्षेत्रफल में लगभग 3.50 लाख की लागत से डच रोज (इग्लिंश गुलाब) की खेती कर रहे हैं। जिससे उन्हें प्रतिदिन 3 से 4 हजार रूपये की आमदनी हो जाती है। उन्होंने बताया कि डच रोज (इग्लिंश गुलाब) की खेती से कोई भी कृषक एक एकड़ क्षेत्रफल से 40 से 50 हज़ार रूपये मासिक की आय प्राप्त कर सकते हैं।

इसी प्रकार ग्राम शेखदहीर (भटपुरवा) के प्रगतिशील कृषक ज़ियाउलहक ने बताया कि उनके द्वारा 01 एकड़ क्षेत्रफल में नरेन्द्र शिवानी प्रजाति की लम्बी लौकी व नरेन्द्र माधुरी प्रजाति की गोल लौकी की प्राकृतिक खेती की जा रही है। जिससे उन्हें 60 से 70 हजार रूपये की आय प्राप्त होगी। श्री हक ने बताया कि 01 एकड़ में खेती करने पर लगभग रू. 25 हज़ार का व्ययभार आता है।

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