
- महोखर स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय आयोजित हुआ विधिक जागरुकता शिविर
बांदा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जनपद न्यायाधीश डॉ. बब्बू सारंग के दिशा निर्देशन पर ग्राम बड़ोखर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में विधिक जागरुकता शिविर आयोजित किया गया, जिसमें यौन अपराधों से बालिकाओं की सुरक्षा, महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण से बचाव तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए छात्राओं को जागरुक किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला जज श्रीपाल सिंह ने शिविर को संबोधित करते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत बताया कि शिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार है, बल्कि प्रत्येक बच्चे को प्राथमिक शिक्षा नि:शुल्क प्राप्त करने का अधिकार है। चाहे उसकी जाति, लिंग, राष्ट्रीयता कुछ भी हो। इस अधिनियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीटे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और वंचित समूहों के बच्चों के लिए आरक्षित की गई हैं। इसका उद्देश्य सभी वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, ताकि उन्हें समाज में समान अवसर प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यह कानून सभी विद्यालयों के लिए एक समान पाठ्यक्रम निर्धारित करता है।
अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए बुनियादी शिक्षा में प्रवेश सुनिश्चित करने का दायित्व सक्षम सरकार और स्थानीय प्राधिकारियों पर है। विधिक जागरुकता शिविर में शिविर को पराविधिक स्वयंसेवक सुमन शुक्ला ने महिला अथवा बालिका के यौन शोषण के मुद्दे पर विधिक जानकारी देते हुए उन्हें जागरुक किया और कहा कि ऐसी परिस्थिति में तत्काल शिकायत दर्ज कराएं।
उन्होंने यह भी बताया कि बालिकाओं के साथ होने वाले लैगिंग शोषण के बचाव के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा जनपद न्यायालय में गठित समिति के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। अंत में कविता गुप्ता प्रभारी वार्डन द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर प्रज्ञा सिंह, रोशिनी सिंह, सुमन निगम, प्रियंका पांडेय, राशिद अहमद आदि के अलावा छात्राएं मौजूद रही।