दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। इसे स्वास्थ्य विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मनमानी कहें या फिर लंबे समय से जिले में काम कर रही कंपनी के रसूख का दम, जनपद के करीब दर्जनभर से अधिक निजी नर्सिंग होमों में आज भी नियमों के विपरीत कानपुर की एक कंपनी का सिक्का चल रहा है। मामला यह है कि पर्यावरण निदेशालय की गाइडलाइन के अनुसार बगैर बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के प्रमाण पत्र के किसी भी नर्सिंग होम का संचालन संभव नहीं है, साथ ही गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट है कि निस्तारण का काम करने वाली कंपनी 75 किमी से अधिक दूर नहीं होनी चाहिए।
लेकिन जिले के करीब दर्जनभर से अधिक निजी नर्सिंग होमों में गाइडलाइन के विपरीत कानपुर की कंपनी से मिलीभगत करके अनाधिकृत रूप से बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण कराया जा रहा है। जबकि मुख्यालय में एनजीटी के आदेश पर बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी की स्थापना हो चुकी है। आयुक्त के आदेश पर अनाधिकृत तौर पर वेस्ट उठाने का काम कर रहे एक वाहन को सीज किया गया है।
नियमों के विपरीत कानपुर की कंपनी कर रही वेस्ट निस्तारण का काम
राष्ट्रीय हरित अभिकरण और पर्यावरण निदेशालय के आदेशों व गाइडलाइन को ताक पर रख कर जनपद के दर्जनभर से अधिक प्रमुख निजी नर्सिंग होम संचालक अपनी मनमानी पर उतारू हैं। हालांकि इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग की भी मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि बगैर अधिकृत कंपनी के प्रमाण पत्र के निजी नर्सिंग होम संचालकों को पंजीयन मिलना भी संभव नहीं बताया जाता। वहीं इस पूरे मामले में प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड की अनदेखी भी प्रतीत होती है, जबकि सीबीडब्लूटीएफ के मानकों के लिए सीधे तौर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ही जिम्मेदार बताया जाता है।
मुख्यालय में स्थापित है कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसेलिटी
कानपुर की कंपनी बगैर मानकों को पूरा किए ही एक किराये के वाहन के जरिए जिले के दर्जनभर नर्सिंग होमों का मेडिकल कचरा उठाने और निस्तारण करने का दावा करती है, लेकिन वास्तव में हकीकत कुछ और ही समझ में आती है। जबकि गाइडलाइन में स्पष्ट निर्देश हैं कि कंपनी को इस काम के लिए निजी वाहन का प्रयोग करना होगा।
मुख्यालय में स्थापित बामदेव स्मार्ट साल्यूशंस के कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसेलिटी के संचालकों ने जब पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई तो मंडलायुक्त आरपी सिंह ने अनाधिकृत रूप से बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के काम में लगे वाहन संख्या यूपी 90 एटी 1391 के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आरटीओ को निर्देश दिए। हालांकि आयुक्त के आदेश पर मंगलवार की सुबह अनाधिकृत रूप से काम कर रहे वाहन को पकड़ कर सीज कर दिया है और आगे की कार्रवाई के लिए लिखापढ़ी भी कर दी है।