बरेली : किसानों के नाम पर चुनावी रणनीति, यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर BJP लगा रही जुगाड़

जनता को बहुत जल्द देखने को मिलेगा इन्वेस्टर सम्मिट का असर

राज्य बागवानी विपणन सहकारी संघ लिमिटेड के निदेशक दक्ष पाराशर
से दैनिक भास्कर की बातचीत

बरेली। निकाय चुनाव समीक्षा के लिए बरेली के एक होटल में भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। इसमें प्रदेश से भाजपा सरकार के मंत्रियों से लेकर संगठन के प्रमुख नेताओं ने शिरकत की। सरकार और संगठन मिलकर निकाय चुनाव नतीजों की समीक्षा करने में लगे हैं। जिन नगरपालिका और नगर पंचायतों में भाजपा हारी है। वहां उसकी वजह तलाशी जा रही हैं। इसको देखते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव की ब्यूह रचना तैयार कर रही है। दैनिक भास्कर ने किसानों और बागवानी के अलावा राजनीति से जुड़े मुद्दों पर भाजपा के उभरते नेता और राज्य बागवानी विपणन संघ सहकारी लिमिटेड के निदेशक दक्ष पाराशर से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-

प्र. लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी से कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है

जवाब- लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का लक्ष्य प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का है। इसके लिए किसान, युवा, अगड़े, पिछड़े और अनुसूचित जाति-जनजाति समेत प्रत्येक जाति, वर्ग के मतदाताओं को भाजपा की नीतियों के बारे में कार्यकर्ता बूथस्तर पर अवगत कराकर जागरूक करने में लगे हैं।

मोदी और योगी सरकार की जन और किसान हित की योजनाओं की जानकारी भी जनता को दी जा रही है। केंद्र और प्रदेश की सरकारें जिस दिशा में काम कर रही हैं, उससे प्रदेश में विपक्ष का एक बार फिर से सूपड़ा साफ होना तय है।

प्र. किसानों की आय दो गुनी करने का बहुत शोर है, इसकी रुपरेखा क्या है

जवाब- किसान अब केवल खेती पर निर्भर नहीं रह सकता। उसे खेती के साथ स्वरोजगार की भी जरूरत है। उद्यान और बागवानी के माध्यम से सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए संकल्पबद्ध है। किसानों की हर स्तर पर भागेदारी सरकार की पहली प्राथमिकता है। किसानों को परंपरागत खेती जैसे धान-गन्ना, गेहूं को छोड़कर अत्याधुनिक तकनीक से खेती करनी चाहिए। लघु एवं मध्यम वर्ग के किसान अपने खेत में पाली हाउस बनाकर फूलों या सब्जी की खेती कर सकते हैं। उसमें सरकार 50 फीसदी तक की सब्सिडी देती है। इनमें अलावा मशरूम उत्पादन यूनिट लगा सकते हैं। वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। इसके लिए लिए ट्रेनिंग की भी व्यवस्था बागवानी एवं उद्यान विभाग की ओर से की गई है।

प्र. क्या इतने भर से किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी

जवाब- हमारा देश कृषि प्रधान देश है। किसानों की आबादी 60 फीसदी से अधिक है। हम सिर्फ फूलों की खेती पर निर्भर नहीं रह सकते। सब्जी की खेती भी महत्वपूर्ण है। कम समय में किसान सब्जी और मसालों की खेती करके अपना उत्पादन बढ़ा सकते हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसान शिमला मिर्च, कद्दवर्गीय फसलों, मसाला मिर्च, संकर टमाटर, खरीफ प्याज, गेंदा जैसी फसलों के उत्पादन पर 75 से 90 फीसदी तक अनुदान सरकार से ले सकते हैं। जिन किसानों को जानकारी नहीं है, वह उद्यान विभाग के कार्यालय जाकर यह जानकारी कर सकते हैं। इसके बाद भी कोई समस्या है तो राज्य बागवानी विपणन सहकारी संघ लिमिटेड के लखनऊ दफ्तर में आकर मिल सकते हैं। कहीं कुछ सुनवाई न हो रही हो तो मुझे सीधे फोन करें। मैं किसान भाइयों की मदद के लिए 24 घंटे तैयार हूं।

प्र. बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए

जवाब- योगी सरकार ने इस दिशा में बेहतर काम किया है। हमारी सरकार ने सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त कर दिया है। अब किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में बिना एक भी पैसा रिश्वत देकर युवाओं को नौकरी मिल रही है। हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती। प्राइवेट सेक्टर में युवाओ को रोजगार देने के लिए यूपी सरकार ने बीते कुछ महीने पहले ही 33 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू हस्ताक्षर किए हैं। इनमें 20 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू बरेली के हैं। यह सब इसलिए हो पाया क्योंकि सरकार ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाई है। जो एमओयू साइन हुए है, उनकी ओर से जब नई फैक्ट्रियां लगेंगी तो जाहिर सी बात है कि उनमें युवाओं को नौकरी मिलेगी। इसके अलावा बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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