बरेली : मेयर टिकट के नाम पर दावेदारों से जमकर चंदा वसूली

दैनिक भास्कर ब्यूरो

बरेली। किसी भी राजनीतिक पार्टी में यूं तो किसी भी पद के टिकट के लिए रुपये के लेनदेन की बात कभी खुलकर सामने नहीं आई। मगर, अंदरखाने यह जरूर सुनने को मिलता है कि फलां से जुगाड़ लगाई तो टिकट जरूर मिल जाएगा। एक बड़े राजनीतिक दल से मेयर का टिकट दिलाने के नाम शहर के एक फाउंडेशन द्वारा दावेदारों से करोड़ों रुपये के चंदा वसूली की चर्चा पूरे शहर में है। राजनीति से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति से यह सुना जा सकता है कि फाउंडेशन ने महानगर में खुशहाली लाने के लिए दावेदारों से खूब चंदा इकट्ठा किया। भाजपा, सपा, बसपा या कांग्रेस में से किसी ने भी अब तक महापौर के टिकट की घोषणा नहीं की है। मगर, बड़े राजनीतिक दल से टिकट दिलाने के लिए फाउंडेशन ने बीते 50 दिनों में कभी धार्मिक आयोजन तो कभी किसी अन्य बहाने से करोड़ों की चंदा वसूली कर ली। यह मामला शहर में चर्चा का विषय है।

एक फाउंडेशन ने टिकट के नाम पर इकट्ठा कर लिए करोड़ों रुपये

भगवा दल से महापौर का टिकट पाने के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदारों ने बीते दो महीने से एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रखा है। किसी ने मुरादाबाद तो किसी दावेदार ने टिकट के लिए लखनऊ से दिल्ली तक की दौड़ लगाई। मगर, अभी भी दावेदारों की सांसें सूची जारी न होने तक अटकी हुई हैं। बीते दिनों शहर में एक धार्मिक आयोजन भी मेयर का टिकट पक्का करने के लिए फाउंडेशन के जरिए ही कराया गया था। उसमें एक डॉक्टर ने 11 लाख रुपये का चंदा तो नंबर एक में दिया। बड़ी मात्रा में चंदा कैश में दिया गया। धार्मिक आयोजन तो अपनी जगह था। उसमें सबने शिरकत की। मगर, इस आयोजन की आड़ में दिल्ली से एक वरिष्ठ नेता को बुलाकर मेयर के टिकट का आशीर्वाद डॉक्टर साहब को दिलाना था। इस काम को फाउंडेशन संचालक ने बखूबी अंजाम दिया। सूत्रों के अनुसार टिकट दावेदारों ने वरिष्ठ नेता को अपने घर बुलाकर चाय पिलाने के लिए ही 25 लाख रुपये तक का चंदा दिया।

राजनीतिक सूत्रों की मानें तो इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बावजूद दिल्ली से आए वरिष्ठ नेता उनके घर चाय पीने नहीं गए। इस पर टिकट दावेदारों ने अंदरखाने संचालक या उनके बीच के व्यक्तियों से नाराजगी भी जताई। बताया जाता है कि जब दिल्ली से आए वरिष्ठ नेता को अपने बरेली दौरे के दौरान चंदा वसूली की बातें पता चलीं तो वह किसी के घर न जाकर संगठन के निजी भवन में पूरी सादगी से रुके।

वरिष्ठ नेता टिकट की राजनीति से पूरी तरह बचते नजर आए। मगर, फाउंडेशन संचालक ने धार्मिक आयोजन में उनको बुलाकर मेयर के टिकट का आशीर्वाद तो डॉक्टर साहब को दिला ही दिया। जब से डॉक्टर साहब को वरिष्ठ नेता का आशीर्वाद मिला तबसे वह एक बड़े राजनीतिक दल से टिकट के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं। राजनीतिक दल से महापौर का टिकट 14 से 18 अप्रैल के बीच में घोषित होने के आसार हैं। हालांकि जब दल से टिकट की सूची जारी होगी, तभी यह भी पता चलेगा कि उनका चंदा महापौर का टिकट दिलाने काम आया या नहीं।

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