बरेली : हेलो, 1962 डायल करते ही बीमार पशु को देखने पहुंचेंगे डॉक्टर

दैनिक भास्कर ब्यूरो

बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुधन के स्वास्थ्य रोग नियंत्रण और संवर्धन के लिए प्रदेश को 520 मोबाइल वेटनरी वैन की सौगात दी है। इसी क्रम में बरेली मंडल में 35 मोबाइल वेटनरी वैन की शुरुआत की जा रही है। अब हेलो 1962 डायल करते ही बीमार पशुओं को देखने डॉक्टर सीधे घर पहुंचेंगे। अपर निदेशक पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ ललित वर्मा ने बताया कि बरेली में नौ बदायूं में 13, शाहजहांपुर में नौ और पीलीभीत में चार मोबाइल वेटरनरी वैन की शुरुआत की गई है।

रविवार को सांसद संतोष गंगवार ने आंवला क्षेत्र में रवाना की दो वैन

एक लाख पशुओं पर एक मोबाइल वेटनरी वैन की व्यवस्था की गई है। बरेली में करीब 9.45 लाख बदायूं में 13 लाख 25 हजार, शाहजहांपुर में भी नौ लाख से ज्यादा, पीलीभीत में 4.5 लाख पशुधन है। पशुओं के रोग नियंत्रण और संवर्धन के लिए मोबाइल बैंक तत्पर रहेंगे। रविवार को मोबाइल वेटरनरी वैन का शुभारंभ सांसद संतोष गंगवार जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल के प्रतिनिधि प्रशांत पटेल, डीएम शिवाकांत द्विवेदी, सीडीओ जग प्रवेश मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मेघ श्याम ने दो वैन को आंवला क्षेत्र में रवाना कर किया।

आगरा से संचालित होंगी मोबाइल वेटनरी वैन

बरेली अलीगढ़ आगरा मंडल की मोबाइल वेटनरी वैन की जिम्मेदारी पशुपतिनाथ एजेंसी को सौंपी गई है। आगरा में उन्होंने कॉल सेंटर बनाया है। टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करते ही आगरा कॉल सेंटर में कॉल रिसीव होगी। इसके बाद संबंधित लोकेशन पर मौजूद मोबाइल वेटनरी वैन के डॉक्टर को कॉल ट्रांसफर की जाएगी। कॉल कनेक्ट होने के कुछ देर बाद ही वेटनरी वैन संबंधित बीमार पशु के स्वामी तक पहुंचेगी। मोबाइल वेटनरी वैन में एक डॉक्टर, मल्टीटास्क वर्कर और ड्राइवर के साथ आधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों की व्यवस्था की गई है।

पशु उपचार पशुपालक के द्वार योजना से स्वस्थ होंगे पशु

आंवला से विधायक और प्रदेश में पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि पशु उपचार पशुपालक के द्वार योजना भारत सरकार के सहयोग से संचालित की जा रही है। योजना में दवाई और जांच निशुल्क है। इस योजना से पशुपालकों से उनके पशुओं के पंजीकरण का शुल्क लिया जाएगा। टोल फ्री नंबर पर कॉल के एक घंटे के अंदर ही मोबाइल वेटनरी यूनिट पशुपालक के पास पहुंच जाएगी। इसको लेकर सभी जिलों के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में 24 घंटे में शुरू कर दें।

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