बरेली : अपनी छवि से सुर्खियों में लेडी सिंघम

दैनिक भास्कर ब्यूरो

बरेली । वैसे तो पुलिस अक्सर अपनी कड़क मिज़ाज छवि, कोई कार्रवाई या फिर अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहती है। लेकिन इन दोनों बातों से अलग हैं आंवला की सीओ डॉक्टर दीपशिखा। दबंग के चुलबुल पांडेय जैसा रौब रखने वाली इस लेडी पुलिस ऑफिसर ने अपने काम की बदौलत कम समय में ही बड़ा नाम कमाया है। आंवला में सीओ का चार्ज संभालने वाली डॉक्टर दीपशिखा माफियों और दबंगो पर नकेल कसने को तैयार रहती है। इसके लिए वह अकेले और फोर्स के साथ सड़कों पर निकलती हैं। जिस क्षेत्र में जिस तरीके के अपराध होंते हैं उसी तरह की कार्ययोजना तैयार कर कार्रवाई के लिये मशहूर हैं डॉक्टर दीपशिखा। लेडी सिंघम दीपशिखा महिलाओं से छेड़छाड़, उत्पीड़न के मामलों में किसी तरह की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं करती हैं।

महिलाओं का उत्पीड़न करने वालों से सख्ती से निपटती हैं। भले ही बीते दिनों कांवड़ के बवाल से ठीक एक दिन पहले सीओ आंवला डा. दीपशिखा अहिबरन सिंह पर हिंदू संगठन के लोगों ने अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया और उसके बाद कावड़ यात्रा के दौरान गांव मनौना में रास्ते को लेकर विवाद हुआ। ऐसा लगता था कि सीओ डॉ दीपशिखा की छवि धूमिल करने के लिये बड़ी योजना रची गईं। जिसमें विवाद का ठीकरा डॉ दीपशिखा पर फोड़ा गया जबकि यह एक साजिश के तहत हुआ था। सीओ डा. दीपशिखा ने दोनों पक्षों को समझानें का काफ़ी प्रयास किया। मगर साजिश रचने वालों नें उनके मंसूबो पर पानी फेरते हुए कोई भी पक्ष उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुआ।

वही एक तरफ अपराध के मामले में जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें शासन से और सख्ती से कमर कसने के साथ कहा कि यदि इन अपराधियों के द्वारा कोई अपराध किया जाएगा तो संबंधित पुलिस अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। ऐसे में सीओ डॉक्टर दीपशिखा द्वारा गांव मनौना में दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास जो किया गया काफी सराहनीय रहा। लेकिन षड्यंत्रकारी अपनी बेबुनियाद हरकतों से सीओ को बरेली से बाहर का रास्ता दिखाने में लगें हैं।

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