बरेली मेयर की सीट अनारक्षित, भाजपा-सपा के बीच होगा मुकाबला

बरेली। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद दोबारा जारी आरक्षण सूची में बरेली मेयर की सीट फिर से सामान्य घोषित हो गई। इससे भाजपा और सपा के मेयर टिकट दावेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई। निवर्तमान महापौर डॉ. उमेश गौतम ने आरक्षण सूची पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इसे सरकार का अच्छा निर्णय बताते हुए कहा कि बरेली नगर निगम में बीते पांच साल में स्थानीय भाजपा नेताओं, प्रशासन और पार्षदों के सहयोग से शहर का एतिहासिक विकास कराया गया है। जनता बरेली नगर निगम में फिर से कमल खिलाएगी। उम्मीद है कि पार्टी उन पर दोबारा भरोसा जताएगी। वहीं दूसरी ओर सपा नेता और पूर्व मेयर डॉ. आईएस तोमर का कहना है कि मेयर पद पर उनके चुनाव लड़ने या न लड़ने का निर्णय हाईकमान लेगा। अगर नेतृत्व ने टिकट दिया तो वह पूरे दमखम से मैदान में उतरेंगे।

मेयर सीट पर तीन बार भाजपा, दो बार सपा और एक बार रहा कांग्रेस का कब्जा

देर शाम जैसे ही टीवी और सोशल मीडिया पर प्रदेश के नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा ने निकायों की आरक्षण सूची पढ़ी तो उसमें बरेली की सीट अनारक्षित और शाहजहांपुर नगर निगम की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित घोषित की गई। उसके बाद टिकट दावेदारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस के टिकट दावेदार टीवी पर पहले ही नजरें लगाए थे। बरेली नगर निगम के मतदाता मेयर सीट के चुनाव में एक बार फिर अपना निर्णय सुनाएंगे। वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर डॉ. उमेश गौतम ने सपा प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर को 12757 वोटों से शिकस्त देकर जीत का परचम लहराया था।

  • भाजपा ने किया शहर का ऐतिहासिक विकास, फिर जीतेंगे भरोसा : डॉ. उमेश गौतम

आंकड़ों के अनुसार पिछले चुनाव में डॉ. उमेश गौतम को 1 लाख 39 हजार 06 वोट मिले थे जबकि सपा प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर को 1 लाख 25 हजार 249 वोटों से संतोष करना पड़ा। तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी अजय शुक्ला को मात्र 21 हजार 295 वोट ही मिल पाए थे। उनकी जमानत भी नहीं बची थी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के तत्कालीन प्रत्याशी इंजीनियर नवनीत अग्रवाल की भी शर्मनाक पराजय हुई थी। उनको मात्र 3869 वोट ही मिल पाए थे। हालांकि आप प्रत्याशी बाद में भाजपा में शामिल हो गए। चर्चा है कि भाजपा में जाकर वह यहां भी मेयर के टिकट पर अपना दावा ठोकने लगे हैं। इससे पहले वर्ष 2012 के निकाय चुनाव में सपा के डॉ. आईएस तोमर 1.32 लाख से अधिक वोट लेकर मेयर बने थे। उस समय भाजपा के गुलशन आनंद 81 हजार 466 वोट ही मिल पाए थे।

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