
दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली । सत्ता में वापसी पाने के लिए समाजवादी नियमों कों तोड़कर सब कों साधने के प्रयास में लगी हैं। मगर यूथ ब्रिगेड कही जाने वाली सपा के झंडो का बोझ अब नाबालिग बच्चे समेत बुजुर्गों पर आ गया हैं। आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक के लालच में लाए गए नाबालिग बच्चे समाजवादी ब्रिगेडियर का भार उठाने को मजबूर है। जंग जीतने के लिये उतरी सपा पुराने खस्ताहाल बुजुर्गो कों लेकर दौड़ लगा रही हैं जबकि युवा नदारद हैं। सपा समर्थित मेयर प्रत्याशी इक़बाल सिँह तोमर कों कमान सौपकर। सपाईयों नें नाबालिग बच्चों के हाथों में पैरोकारी देकर खुद रणभूमि सें ओझल हो गए हैं। इन दिनों एक वीडियो खूब चर्चा में बना हुआ। जिसमें सपा द्वारा चुनाव आयोग का मखौल उड़ाया जा रहा है।
युवा ब्रिगेड के सिपाही मैदान सें नदारद

नाबालिग बच्चों के हाथों में झंडे थमा कर चुनाव प्रचार कराया जा रहा है। निकाय चुनाव प्रचार में सपा समर्थित प्रत्याशी आई एस तोमर भूल गए कि बच्चों के बचपन के अमूल्य पल छीनकर वो उनके भविष्य के साथ खिलवाड कर रहें है। परीक्षा का समय चल रहा है जहां बच्चो को स्कूल जाना चाहिए वहीं वच्चों से पार्टी का प्रचार कराया जा रहा है। वही इस मुहीम में समाजवादी सभासद भी पीछे नहीं हैं वो भी अपने मेयर प्रत्याशी के साथ कांधे सें कांधा मिलाकर खड़े होकर बच्चों के हाथों में पोस्टर बैनर देकर प्रचार के साथ उनसे दिल खोलकर समाजवादी पार्टी ज़िंदा बाद के नारे लगवाए जा रहें हैं।
आपको बता दें ट्रोल हुई वीडियो का मंजर कुछ इस तरह से हैं
इक़बाल सिंह तोमर अपने चुनाव निशान जीप सें उतरकर कुछ दूर पैदल चलते हैं .. इस बीच कुमार टाकीज़ सें वार्ड 64 सें सभासद प्रत्याशी शिरोज़ कुरैशी सपा का झंडा लिये खड़े नाबालिग़ बच्चों कों आगे कर देते हैं। जिसमें नाबालिग बच्चे चुनाव प्रचार के साथ उनका इस्तक़बाल करते नज़र आते हैं। जबकि चुनाव आयोग का निर्देश है कि नाबालिग बच्चों से चुनाव प्रचार नहीं कराया जाएगा। चुनाव आयोग ने इसको लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं।
चुनाव आयोग का उड़ाया जा रहा मखौल
हालांकि संयुक्त निर्वाचन अधिकारी सुधा वर्मा के जारी निर्देशों में कहा है कि कोई भी प्रत्याशी चाहे वह दलीय हो या निर्दल निकाय चुनाव के प्रचार में नाबालिग बच्चों को नहीं लगा सकता है। यदि कोई प्रत्याशी ऐसा करता है तो आदेश का उल्लंघन माना जाए और उसके खिलाफ आयोग की ओर से जारी किए गए निर्देशों के तहत कार्रवाई की जाए। यहां तक कि इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी निर्देश जारी किए हैं। फिर भी समाजवादी पार्टी द्वारा चुनाव आयोग की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है।