बरेली : मेयर चुनाव में भाजपा के कोर माने जाने वाले कायस्थ वोट पर सपा की टिकी नजर

दैनिक भास्कर ब्यूरो

बरेली। निकाय चुनाव में इस बार भाजपा और सपा दोनों के बीच महापौर की सीट हथियाने के लिए रस्साकशी जोरों पर है। कायस्थ बिरादरी के मतदाता शहर के किसी भी चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं। शहर में इस बिरादरी के मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। इस बिरादरी के मतदाता भाजपा के कोर वोट माने जाते हैं। प्रदेश सरकार के वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार भाजपा में कायस्थ बिरादरी का बड़ा चेहरा हैं। सपा के पास अब तक इस बिरादरी का कोई बड़ा चेहरा नहीं है। मुस्लिम यादव के अलावा अन्य कुछ जातियों में सपा का वोट बैंक है। मगर, इस बार पार्टी की नजर कायस्थ मतदाताओं पर भी है। निर्विवाद छवि के पार्टी नेता संजीव सक्सेना सपा से मेयर टिकट के एक मात्र ऐसे दावेदार हैं जो भाजपा को चुनाव में कड़ी टक्कर दे सकते हैं। सपा में अगर उम्र का फैक्टर सामने आया तो पार्टी कायस्थ बिरादरी के नेता संजीव सक्सेना पर दांव खेल सकती है। इसका चुनाव में पार्टी को फायदा हो सकता है।

सीट सामान्य होने के बाद संजीव सक्सेना की प्रबल दावेदारी, मिल सकता है टिकट

सपा में यूं तो एक दर्जन से अधिक महापौर टिकट के दावेदार हैं। इनमें दो पूर्व मेयरों के अलावा एक पूर्व विधायक की बहू भी शामिल हैं। मगर, इस बार सपा की नजर उम्र दराज या जनता से कटकर रहने वाले नेताओं के बजाय ऐसे चेहरे पर है, जिसकी अपनी बिरादरी में मजबूत पकड़ हो। कायस्थ मतदाता इस लिहाज से सबसे सटीक बैठते हैं। इस बिरादरी के मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए सपा बिसात बिछाने में लगी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष संजीव सक्सेना ने पार्टी से महापौर टिकट की दावेदारी की है।

शहर की आकाश पुरम कॉलोनी निवासी संजीव सक्सेना की अपनी बिरादरी में मजबूत पकड़ है। इनके दादा बाबूराम सक्सेना स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वह स्वतंत्रता आंदोलन में जेल भी गए थे। देश के आजाद होने पर सरकार ने उनको पेंशन देने की पेशकश तो उन्होंने यह कहकर पेंशन लेने से इनकार कर दिया कि तीन बेटे हैं। उनकी पेंशन किसी जरूरतमंद को दे दी जाए। इस बात से प्रभावित होकर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी ने स्व. बाबूराम सक्सेना को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया था।

उन स्वॅ. बाबूराम सक्सेना के प्रपौत्र संजीव सक्सेना वर्ष 1983 से बरेली कॉलेज में छात्रसंघ की राजनीति से सक्रिय हैं। नौकरी के बाद पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित कर रखा है। कायस्थ महासभा में सामूहिक शादियां कराने से लेकर अन्य कामों में भी बीते कई साल से सक्रिय हैं। वर्तमान में कायस्थ महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। अपनी बिरादरी के अलावा मुस्लिम मतदाताओं पर भी उनकी मजबूत पकड़ है। कोरोना काल में जनता की बिना प्रचार-प्रसार सेवा की। सामाजिक गतिविधियों जैसे होली मिलन समारोह, पुरस्कार वितरण, वैवाहिक समेत अधिकांश कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के चलते उनकी दावेदारी सपा में मजबूत मानी जा रही है। सपा के स्थानीय नेताओं का भी मानना है कि कायस्थ बिरादरी से अगर किसी को टिकट मिला तो वह प्रत्याशी भाजपा को चुनाव में मजबूत टक्कर देगा।

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