बरेली : उमेश गौतम बोले- दोबारा मेयर बना तो रोजगार उपलब्ध कराने पर होगा फोकस

दैनिक भास्कर ब्यूरो

बरेली। स्मार्ट सिटी में शानदार काम करके जनता के दिल में जगह बनाने वाले निवर्तमान महापौर डॉ. उमेश गौतम इस बार भी चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं। भाजपा में अभी उनकी लड़ाई टिकट की है। इसमें सफल होने की स्थिति में वह दोबारा चुनाव लड़ेंगे। फिर से महापौर बनने की स्थिति में उन्होंने अगले पांच साल में बरेली के विकास का खाका भी तैयार कर लिया है। डॉ. उमेश गौतम का मानना है कि अगर हाईकमान ने उन पर दोबारा भरोसा जताया तो इस बार उनका मुख्य फोकस पढ़े लिखे नौजवानों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर रहेगा। इसके लिए अमेरिका के आईटी सेक्टर विशेषज्ञों से बात कर ली है।

अमेरिका की तीन आईटी इंडस्ट्री बरेली में काम करने को तैयार

वह बरेली में आईटी इंडस्ट्री लगाने पर सहमत हैं, ताकि ग्रेजुएट, बीटेक, एमटेक या इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाले युवाओं को यहीं पर रोजगार मिले। उनको नौकरी की तलाश में दिल्ली, नोएडा, बंगलौर न जाना पड़े। डॉ. उमेश गौतम का कहना है कि महापौर का काम सिर्फ शहर की साफ-सफाई, जलभराव दूर करना, सड़क या नाली निर्माण कराना ही नहीं है। महापौर सही दिशा में काम करें तो वह अपने शहर को देश में नंबर एक बना सकते हैं। दैनिक भास्कर ने निवर्तमान महापौर डॉ. उमेश गौतम से दोबारा मेयर बनने की स्थिति में अगले पांच साल में बरेली के विकास के बारे में बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-

प्रश्न- आप दोबारा मेयर बनते हैं तो क्या प्राथमिकताएं रहेंगी

डॉ. उमेश- देखिए, सड़क, नाली साफ-सफाई। इन पर नजर रखना तो रोज का काम है। मगर, जो भी महापौर की कुर्सी पर बैठे। उसके दिमाग में कुछ नया करने का जज्बा होना चाहिए। हमने अगले पांच साल में अपनी प्राथमिकताएं अभी से तय कर ली हैं। दोबारा मौका मिलता है तो बरेली के जो पढ़े लिखे युवा अमेरिका के आईटी सेक्टर में अच्छा काम कर रहे हैं। वह इंडिया के पुणे में आईटी इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं। हमने उनसे कहा कि पुणे क्यों। बरेली में क्यों नहीं। वह बोले-कनेक्टिविटी नहीं है तो उनको यहां की रेल और हवाई सेवाओं के बारे में बताया गया। अब वह बरेली में आईटी इंडस्ट्री लगाने को तैयार हैं। जून से इस पर काम भी शुरू हो जाएगा। नौकरी के लिए बरेली के युवाओं को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

प्रश्न- कुतुबखाना पुल निर्माण धीमा होने से व्यापारी परेशान हैं। क्यों,

डॉ. उमेश- कुतुबखाना पुल का निर्माण तेज कराया जाएगा। व्यापारियों को कुछ परेशानी जरूर है, लेकिन जब पुल बनेगा तो उनका व्यापार दोगुनी गति से आगे बढ़ेगा। जब भी कोई व्यक्ति अपना पुराना घर तोड़कर नया घर बनाता है तो कुछ दिन परेशानी होती है। मगर, जब नया घर बनकर तैयार होता है तो उसे भी अच्छा लगता है। हम कुतुबखाना पुल व्यापारियों के फायदे के लिए बना रहे हैं। यह बात व्यापारियों को तब समझ में आएगी, जब पुल बनकर तैयार हो जाएगा। व्यापारी समेत पूरा शहर हमारा परिवार है। परिवार में कोई भी परेशान होगा तो मुखिया को पहले तकलीफ होगी। हम व्यापारियों के साथ खड़े हैं।

प्रश्न- स्मार्ट सिटी के काम धीमी गति से चल रहे हैं। कुछ काम अधूरे भी हैं क्यों

डॉ. उमेश- स्मार्ट सिटी के काम तेज कराए जाएंगे। शहर की सड़कें पहले की तुलना में चौड़ी हुई हैं। इस बार तो मुख्य मार्गों और कुछ स्थानों पर ही काम हो पाया। अगले पांच साल के अंदर प्रत्येक वार्ड को स्मार्ट बनाने का प्रयास किया जाएगा। बरेली हॉट, ऑडिटोरियम का निर्माण पूरा होते ही विकास में तेजी आएगी। रोजगार की समस्या दूर करने के लिए अर्बन हॉट, जिसका नाम अब बरेली हॉट हो चुका है, को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसमें जरी-जरदोजी और बेंत के कारीगर अपने परंपरागत उद्योगों को आगे बढ़ाएंगे। पूरी दुनिया में बरेली के परंपरागत उद्योगों की मार्केटिंग की जाएगी।

प्रश्न- शहर के कुछ इलाकों में जलभराव की समस्या है। ऐसे में स्मार्टनेस का क्या मतलब

डॉ. उमेश- शहर के उत्तरी इलाकों में जलभराव की समस्या दूर करने के लिए नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में ही सनसिटी विस्तार, नॉर्थ सिटी एक्सटेंशन से कुर्मांचल नगर, मुंशी नगर और 100 फुटा होते ही नाले के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत होगा। यह नाला छोटी बिहार तक जाएगा। यह शहर का सबसे बड़ा नाला होगा, जिसकी अनुमानित लागत 10 करोड़ से अधिक आएगा। इसके बाद पूरे शहर में जलभराव की समस्या नहीं रहेगा। शहर डलावघर मुक्त पहले ही हो चुका है। सफाई व्यवस्था पहले से बेहतर है। रोजाना दो शिफ्टों में सफाई होती है। जब लोग सोकर सुबह उठते हैं तो सड़कें साफ मिलती हैं।

प्रश्न- भाजपा दोबारा मौका देती है तो किस दल से आपका मुकाबला होगा

डॉ. उमेश- शहरवासियों ने सपा और कांग्रेस के महापौर का कार्यकाल देखा है। उसके बाद बीते पांच साल में मेरा कार्यकाल भी देखा है। बहुत कुछ बताने की जरूरत नहीं है। सब कुछ जनता के सामने है। सपा और कांग्रेस में महापौर के टिकट दावेदार तो यह कहने लगे हैं कि अगर गौतम जी चुनाव लड़े तो वह नहीं लड़ेंगे। वह जानते हैं कि अगर सामने आए तो बहुत वोटों से हारेंगे। पांच साल पहले 2017 में भी 20 साल बाद भाजपा ने नगर निगम की सीट पर जीत की गाथा लिखी थी। इस बार पार्टी ने मौका दिया तो दोनों दलों का सूपड़ा साफ हो जाएगा। ऐसा हम नहीं कहते, बरेली का प्रत्येक मतदाता अभी से कहने लगा है।

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