भारतीय किसान यूनियन “किसान“ ने अध्यादेशों के खिलाफ दी उग्र प्रदर्शन की चेतावनी


– यूनियन ने की किसान आयोग के गठन की मांग
किशनी/मैनपुरी- भारतीय किसान यूनियन किसान के करीब दो दर्जन पदाधिकारियों ने तहसील परिसर में प्रदर्शन कर सरकार द्वारा लाये गये किसान विरोधी अध्यादेशों को वापस करने की मांग की।
  यूनियन के जिलाध्यक्ष शिवाकान्त दुबे की अगुआई में करीब दो दर्जन किसान नेताओं ने तहसील परिसर में प्रदर्शन कर सरकार द्वारा लाये गये किसान विरोधी अध्यादेशों को वापस करने की मांग की है। शिवाकान्त दुबे के साथ पांच लोग एसडीएम रामसकल मौर्य के कार्यालय में गये और उन्हैं राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। किसान नेताओं का कहना है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसके बद भी सरकारें किसानों के हितों को ध्यान में नहीं रखतीं। साथ ही जब भी कोई निर्णय लेतीं है वह अदूरदर्शितापूर्ण होता है।

उन्होंने कहा कि अध्यादेश लाने से पूर्व सरकार को किसान आयोग का गठन करना चाहिये था। सरकार सबसे पहले फसल का न्यूनतम मूल्य की प्रक्रिया को निर्धारित करना चाहिये। ज्ञापन में चेताया गया है कि यदि सरकार ने अपने लाये गये अध्यादेशों को वापस न किया तो भारतीय किसान यूनियन उग्र प्रदर्शन करेगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। ज्ञापन देने वालों में जिला महासचिव सुभाष यादव, सुधीर कुमार, रामबिलास, प्रेमदास, यतेन्द्र मिश्रा, देवकान्त मिश्रा, विवेक मिश्रा आदि थे।
मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट