Bhaskar Impact : पैरामेडिकल स्टूडेंट्स की शिकायतों का मेडिकल फैकल्टी ने लिया संज्ञान, होगी कार्रवाई !

  • कानपुर के पैनेशिया पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में अनियमितताओं की खबरें स्टेट मेडिकल फैकल्टी तक पहुंचीं
  • स्टेट मेडिकल फैकल्टी का एफीलिएशन विभाग करेगा जांच, होगा सख्त एक्शन!
  • नये सत्र से प्रदेश भर के पैरामेडिकल व नर्सिंग कोर्सों में सख्ती से लागू होगी बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली

कानपुर। लखनपुर स्थित ‘दि पैनेशिया पैरामेडिकल साइंस एंड नर्सिंग इंस्टीट्यूट’ के स्टूडेंट्स की शिकायतों पर ‘दैनिक भाष्कर’ में प्रकाशित खबरों का स्टेट मेडिकल फैकल्टी ने संज्ञान ले लिया है। पूरे प्रदेश के पैरामेडिकल व नर्सिंग संस्थानों को एफीलिएशन देने वाले यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी ने पैनेशिया इंस्टीट्यूट में जांच करने और गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया है। मेडिकल फैकल्टी के रजिस्ट्रार ने स्टूडेंट्स से सीधे संस्थान में भी शिकायत देने को कहा है। बहुत जल्द पैनेशिया कालेज को नोटिस जारी किया जा सकता है। वहीं मेडिकल फैकल्टी की वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने पैनेशिया इंस्टीट्यूट में अनियमितताओं की शिकायतों को जांच के लिये उनके एफीलिएशन विभाग को ट्रांसफर करने की बात कही है। वहीं मेडिकल फैकल्टी अब बिना शिक्षक नियुक्त किये ही पढ़ाई के नाम पर खानापूरी करने वाले संस्थानों और स्टूडेंट्स पर भी नकेल नकेल कसने के लिये बायोमेट्रिक अटेंडेंस लागू करने की ठोस योजना बना ली है।

दि पैनेशिया पैरामेडिकल साइंस एंड नर्सिंग इंस्टीट्यूट में चल रहे सीटी टेक्नीशियन, आटी टेक्नीशियन जैसे कोर्स के स्टूडेंट्स ने अपने संस्थान में शिक्षक नहीं होने, कोई प्रेक्टिकल ट्रेनिंग नहीं दिये जाने, सभी कोर्सों में केवल दो अदद एनाटमी टीचरों से पढ़वाये जाने, क्लासें नहीं करवाये जाने, हाईस्कूल-इंअर के सर्टिफिकेट्स और मार्कशीटें जबरन बंधक बना लिये जाने जैसी गंभीर शिकायतें की थीं। वहीं संस्थान की पूर्व कार्यवाहक प्रिंसिपल सुजाता सिंह सैनी ने भी स्टेट मेडिकल फैकल्टी को अगस्त 2021 में रिसीव कराये गये शिकायती पत्र में पनेशिया प्रबंधन पर इन्हीें सारी अनियमिततायें करने के आरोप लगाये थे। आरोप था कि एमबीबीएस-एमएस डाॅक्टरों या एमफार्म-बी.फार्मा डिग्री होल्डरों के बजाये संस्थान के ही बिना तजुर्बे वाले डिप्लोमाधारी छात्र-छात्राओं से प्रथम वर्ष स्टूडेंट्स को पढ़वा कर खिलवाड़ किया जा रहा है। एक अदद लैबोरेट्री और लाईब्रेरी तक नहीं होने के आरोप लगाये थे।

मेडिकल फैकल्टी के सेक्रेटरी व रजिस्ट्रार डाॅ. आलोक कुमार ने कहा कि मामले की बेहतर जांच व कार्रवाई की जा सकती है अगर स्टूडेंट्स सीधे विभाग में लिखित शिकायतें दर्ज करवा दें। मामले को संज्ञान में ले लिया गया है। वहीं सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर सुनीता मलिक के अनुसार इस मामले में उनका एफीलिएशन विभाग ही जांच एवं कार्रवाई करेगा। पैनेशिया मामला एफीलिएशन डिपार्टमेंट को दिया जायेगा। आदेश पहले से था, लेकिन बीच में कोविड प्रोटोकाॅल के कारण पैरामेडिकल संस्थानों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगा दी गई थी। अब नये सत्र से मेडिकल फैकल्टी से एफीलिएटेड पैरामेडिकल व नर्सिंग कोस चला रहे संस्थानों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस लागू करके टीमें इंस्पेक्शन करेंगी। पूरी सुविधायें भी जांची जायेंगी। सभी नर्सिंग व पैरामेडिल संस्थानों को तुरंत स्टाफ, शिक्षकों और सुविधाओं में सुधार करने के भी सख्त निर्देश व नोटिस भी जारी किये जा चुके हैं।

पैरामेडिकल व नर्सिंग कोर्सों में शिक्षक नियुक्ति के नियम व अर्हतायें

  • प्रेक्टिल ओरियंटेड डिप्लोमा होने के कारण ओटी टेक्नीशियन जैसे कोर्स में भी आॅपरेशन थियेटर में ट्रेनिंग देने को एम.एस डिग्री होल्डर सर्जन
  • आईसीयू, एनआईसीयू, इमरजेंसी और जनरल प्राॅसीजर की जानकारी देने को कम से कम एमबीबीएस डिग्री धारक डाॅक्टर
  • रेडियोलाॅजी की ट्रेनिंग के लिये क्वालिफाइड रेडियोलाॅजिस्ट डाॅक्टर आदि चाहिये….
  • वहीं प्रति कोर्स 6 से 8 परमानेंट शिक्षक, 2 एक्स्ट्रा शिक्षकों का भी प्रावधान
  • जनरल एनाटमी, फिजियोलाॅजी, नर्सिंग एवं प्राॅसीजर के शिक्षक के लिये बीएससी व एमएससी नर्सिंग डिग्री
  • माईक्रोबायोलाॅजी विषय शिक्षक के लिये बायोटेक में पोस्ट ग्रेजुएशन
  • फार्मकोलाॅजी शिक्षक के पास एम.फर्मा या न्यूनतम बी.फार्म डिग्री, एक से दो वर्ष तजुर्बे के साथ
  • सीटी और एमआरआई कोर्सों की प्रेक्टिकल के लिये तजुर्बेकार सीटी स्कैन व एमआरआई मशीन टक्नीशियन आदि
  • हर प्रकार के पैरामेडिक व नर्सिंग कोर्स के लिये लाईब्रेरी और एक लैबोरेट्री का प्रावधान

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