कपास की खेती में बड़ा बदलाव : फाइलो के आईओटी उपकरण उत्तर भारत में कपास में लगने वाले कीड़ों की समस्या का कर रहे हैं समाधान


नई दिल्ली। राजस्थान से लेकर हरियाणा तक कपास के खेतों में घातक कीट, पिंक बॉलवर्म ने भारी तबाही मचा रखी है। इस साल कपास की खेती में अप्रत्याशित नुकसान हुआ है और कपास उगाने वाले किसान इस नुकसान से काफी परेशान हैं। कुछ किसानों को कपास की खेती का भविष्य अनिश्चित लगने लगा है लेकिन इस संकट के बीच सिरसा, हरियाणा के किसान, सुमित सिंह की कहानी उम्मीद की किरण बनकर आई है।


सुमित सिंह की सफलता की कहानी एआई और पेटेंटेड इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (आओटी) सिस्टम द्वारा संचालित कृषिविज्ञान प्लेटफॉर्म, फाइलो के हस्तक्षेप के साथ जुड़ी है। फाइलो की टेक्नोलॉजी किसानों को सामान्य पद्धतियों से काफी अलग बहुमूल्य जानकारी और सलाह प्रदान करती है।


फाइलो के आईओटी उपकरण की मदद से सिरसा के किसान सुमित सिंह ने सिंचाई और फर्टिलाइजेशन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं सहित फसल के पांच अलग-अलग चरणों के लिए सटीक मार्गदर्शन हासिल किया। फसलों के रोग और पिंक बॉलवर्म, वाइटफ्लाई, थ्रिप्स, एफिड्स, मिलीबग्स और जैसिड्स सहित रोग एवं कीट प्रबंधन में फाइलो की प्रिडिक्टिव कैपेबिलिटीज महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।


किसानों को समय पर सलाह मिलना इस हस्तक्षेप की सबसे बड़ी खासियत है। अगस्त और सितंबर में, जब पिंक बॉलवर्म के खतरे की आशंका सबसे ज्यादा होती है, सुमित सिंह ने फाइलो की अनुशंसाओं पर तुरंत कारवाई की। सही समय पर दो बार कीटनाशक के छिड़काव के अच्छे नतीजे निकले और उनकी आमदनी में 25,000 रुपए की शानदार बढ़ोतरी हुई। उनकी कपास की पैदावार 4 क्विंटल प्रति एकड़ के क्षेत्रीय औसत से बढ़कर 8 क्विंटल प्रति एकड़ हो गई। तुड़ाई के आगामी दौर के बाद इसमें और वृद्धि की संभावना है।


पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी के अलावा, नियत सिंचाई और उर्वरक की बदौलत फसल की समान गुणवत्ता सुनिश्चित हुई और बेहतर कीमत मिली। यह बदलाव खेत में फाइलो के आईओटी उपकरणों का प्रयोग करने से ही संभव हुआ। सुमित सिंह जैसे किसानों को अब मृदा की नमी, तापमान, वायु दबाव, वर्षा, आर्द्रता, हवा का रुख, हवा की गति, और मौसम की भविष्यवाणी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर रियल-टाइम डेटा सुलभ है।
फाइलो के आईओटी उपकरणों का प्रभाव व्यक्तिगत खेतों तक ही सीमित नहीं है। एक सिंगल डिवाइस पूरे गांव के काम आ सकती है और लगभग 200 किसानों को इससे लाभ मिल सकता है। कपास की फसल के क्षेत्र में पंजाब, हरियाणा और गुजरात में 50 किसानों पर फोकस के साथ फाइलो की यात्रा अभी शुरू ही हुई है।
पिंक बॉलवर्म के संकट को देखते हुए, फाइलो की टेक्नोलॉजी कपास के किसानों के लिए आशा की किरण है, जो भारत में कपास की सटीक और संवहनीय खेती के नए युग के शुभारम्भ का संकेत है।