जाको राखे साइयां, मार सके न कोय: 31 घंटे ऑपरेशन के बाद सना को निकाला गया बाहर

बिहार के मुंगेर जिले में तीन साल की छोटी बच्ची सना बोरवेल में गिर गई है. सना को बोरवेल से निकालने के लिए जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तरफ से युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान कल रात से ही चल रहा है.

फिलहाल राहत एवं बचाव टीम सना तक पहुंच चुकी है. टीम ने सना को पानी भी पिलाया है. उसका पांव फंसा हुआ है, जिसकी वजह से बचाव मे देरी हो रही है. बच्ची को बचाने के लिए पहले एसडीआरएफ की टीम वहां मौजूद थी. अब वहां इस अभियान में एनडीआरएफ की टीम भी शामिल हो गई है. शाम को वहां तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे बचाव कार्य में बाधा आ रही है.

घटनास्थल पर एंबुलेंस बुला ली गई है. प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है. आसपास के क्षेत्र की बिजली काट दी गई है. वहीं पुलिस सना को तुरंत अस्पताल पहुंचाने को ध्यान में रखते हुए सड़क खाली करा रही है. सभी वाहनों को एक दिशा में चलने का निर्देश दिया गया है.

राहत कार्यों से जुड़ी टीम अब सना के पास पहंचने से महज 3 फीट की दूरी पर है, अब तिरछे स्तर पर गड्ढा खोदा जा रहा है. लेकिन बारिश के कारण गीली मिट्टी से गड्ढा खोदने में दिक्कत आ रही है. हालांकि आसपास के इलाके को कवर करने के लिए टेंट और तिरपाल मंगा लिया गया है. साथ ही आसपास खड़े वाहनों को भी वहां से हटा दिया गया है. पूरे मामले में मुंगेर एसपी नजर बनाए हुए हैं.

जिला प्रशासन का कहना है कि बच्ची को लगातार बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है. अभी बच्ची ठीक है. गड्ढे की लंबाई करीब 44 फीट बताई जा रही है.

दरअसल, मंगलवार को सना शाम 3 बजे के आसपास घर के पास खुदे बोरवेल में गिर गई. बताया जा रहा है कि सना अपनी नानी की यहां आई हुई थी, जिस दौरान ये हादसा हुआ.

स्थानीय सदर अस्पताल के डॉ. फैज़ मौके पर ही मौजूद हैं और लगातार बच्ची की सेहत पर नज़र बनाई जा रही है. वहां मौजूद SDRF लगातार सीसीटीवी के जरिए बच्ची पर नज़र बनाए हुए है.

एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर संजीत ने बताया कि अभी 42 फिट गड्ढा हुआ है, लगातार काम चल रहा है. गड्ढा खुदाई के लिए करीब 50 मजदूरों को लगाया गया है.

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