बिहार : नीतीश मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, भाजपा के किसी विधायक को नहीं मिली जगह

Nitish kumar cabinet Expansion, No BJP MLA will get...- India TV

एनडीए की सरकार के गठन के बाद बिहार में पहली बार रविवार को नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ। राज्यपाल लालजी टंडन ने 8 नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। मंत्री परिषद में शामिल होने वाले सभी नेता जदयू कोटे के हैं। नीतीश कैबिनेट विस्तार में भाजपा के विधायकों को जगह नहीं दी गयी है। नए मंत्री बनने वालों में अशोक चौधरी, रामसेवक सिंह, नरेंद्र नारायण यादव, संजय झा, श्याम रजक, रुपौली विधायक बीमा भारती, लक्ष्मेश्वर राय, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार शामिल हैं। जुलाई 2017 में नीतीश महागठबंधन छोड़ एनडीए में आए थे। उसके बाद से यह पहला विस्तार है। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत कैबिनेट के कई मंत्री मौजूद रहे।

जानकारी के लिए बताते चले लोकसभा चुनाव के बाद जीतकर संसद पहुंचे बिहार के तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था जिसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार तय माना जा रहा था लेकिन केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद ही बिहार सरकार के कैबिनेट विस्तार को नीतीश के पलटवार से भी जोड़कर देखा जा रहा है. नीतीश ने सामाजिक समीकरण खास कर पिछड़ी जमात को ध्यान में रखते हुए लोगों का चयन किया है. 11:30 बजे से पटना के राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने सभी आठ मंत्रियों को शपथ दिलाई. इनमें से कई नाम परिचित हैं तो कई नए भी हैं.

मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधयाक

  1. अशोक चौधरी (बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं, महागठबंधन की सरकार में शिक्षा मंत्री थे, बाद में जेडीयू में शामिल हो गए, अभी जेडीयू के विधान पार्षद हैं।)
  2. नीरज कुमार (टीवी पर दिखने वाले जेडीयू के प्रवक्ता है, जेडीयू के विधान पार्षद हैं)
  3. लक्ष्मेश्वर राय (जेडीयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं, मधुबनी के लौकहा से जेडीयू के विधायक)
  4. श्याम रजक (नीतीश सरकार में पहले मंत्री रह चुके हैं, 2015 में मंत्री भी रह चुके हैं)
  5. बीमा भारती (नीतीश के पहले कार्यकाल में मंत्री थी, पूर्णिया के रुपौली से जेडीयू की विधायक हैं)
  6. संजय झा (नीतीश के करीबी हैं, पहले बीजेपी में रह चुके हैं, 3 दिन पहले ही नीतीश ने एमएलसी बनाया)
  7. नरेंद्र नारायण यादव (मधेपुरा के आलमनगर सीट से विधायक, 8 बार विधायक रह चुके हों)
  8. राम सेवक सिंह (हथुआ से विधायक हैं)

लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार सरकार के मंत्री लल्लन सिंह और दिनेश यादव के सांसद बन जाने की वजह से दो मंत्रियों के पद भी खाली हो गए हैं. इस मंत्रिमंडल विस्तार से नीतीश कुमार बिहार के जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश रही है.लेकिन, जो सबसे बड़ा सवाल है इस कैबिनेट में बीजेपी क्यों नहीं?

लोजपा कोटे से खाली हुई सीट पर नीतीश ने नहीं दी BJP-LJP को जगह

मालूम हो कि नीतीश कुमार की पार्टी ने केंद्र सरकार में सांकेतिक हिस्सेदारी से इंकार कर दिया था और आनुपातिक प्रणाली से कैबिनेट में हिस्सेदारी की बात कही थी. केंद्र सरकार के गठन के बाद इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, पशुपालन मंत्री पशुपति कुमार पारस और आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव हैं. इन तीनों में से दो जेडीयू से जबकि एक चेहरा लोजपा से था. लोजपा कोटे से खाली हुई सीट पर भी नीतीश ने किसी चेहरे को जगह नहीं दी है और इस विस्तार में केवल अपनी ही पार्टी के लोगों को जगह दी है.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें