कर्नाटक चुनाव को लेकर BJP ने कसी कमर, योग दिवस पर बेंगलुरु में पधारेंगे PM मोदी

बेंगलुरु कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तैयारियां अभी से तेज हो गई हैं। मोदी 21 जून को योग दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरु का दौरा करेंगे। मोदी के दौरे से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 18 जून को पहुंच रहे हैं। मोदी के आगमन के साथ धुंआधार प्रचार की तैयारी है। पार्टी पश्चिम बंगाल स्टाइल में आक्रामक प्रचार अभियान छेड़ेगी।

कर्नाटक चुनाव में जानिए क्या है बीजेपी का लक्ष्य

चुनावों में अभी 10 माह का समय बचा है, लेकिन भाजपा 150 सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरेगी। प्रधानमंत्री के दौरे के बाद संघ ने 23-24 जून को बेंगलुरु में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और कुछ सीनियर मंत्रियों की एक बैठक बुलाई है, ताकि यह एनालिसिस किया जा सके कि क्या कुछ क्षेत्रों में सरकार की अपनी कथित कमी और भ्रष्टाचार का असर भाजपा के चुनावी पर पड़ रहा है। PM मोदी के दौरे के बाद गृह मंत्री और मुख्य चुनाव रणनीतिकार अमित शाह भी कर्नाटक में पहुंचेंगे।

विधान परिषद चुनाव ने भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी

चुनावी तैयारियों में तेजी का एक बड़ा कारण ये भी है कि विधान परिषद चुनाव की चार सीटों पर हुए चुनाव ने भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी है। पार्टी को चार में से दो सीटें मिलीं और इतनी ही सीट जीतकर कांग्रेस ने वापसी का दमखम दिखाया है। ऐसे में भाजपा इसे चुनाव पूर्व घर को दुरुस्त करने के संकेत भी मान रही है।

चुनाव नतीजे भाजपा नेताओं के एक वर्ग के लिए गहरी चिंता का विषय है कि जब कर्नाटक में CM बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में एक साल से भी कम समय में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो वे कनार्टक में औसत प्रदर्शन को अंजाम दे रहे हैं।

कांग्रेस की जीत ने भाजपा को दी टेंशन

इस बीच राज्य की एक और प्रमुख पार्टी, यानी एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली पार्टी जद (एस) के लिए तो काफी निराशाजनक रहे हैं। जेडीएस अपने ही गढ़ मांड्या-मैसूर में हार गई। कांग्रेस की जीत ने भाजपा को चिंतिंत कर दिया है। पार्टी सूत्रों ने खराब प्रदर्शन के लिए मैसूर क्षेत्र में पार्टी नेताओं के बीच गहरी अंदरूनी कलह को जिम्मेदार ठहराया है।

नॉर्थवेस्ट टीचर्स सीट पर पार्टी के सुस्त प्रदर्शन ने पार्टी के नेताओं को परेशान कर दिया है क्योंकि मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र ने पारंपरिक रूप से भाजपा को वोट दिया था। पार्टी के पास बेलागवी, विजयपुरा और बागलकोट जिलों में 20 से अधिक विधायक और लोकसभा के चार सदस्य हैं।

भाजपा-कांग्रेस अपने बूते सरकार के फेर में

भाजपा के लिए येदियुरप्पा फैक्टर को साधना होगी सबसे बड़ी सियासी चुनौती हाल के परिषद चुनाव नतीजों में भाजपा के बेहद औसत प्रदर्शन के बाद भाजपा में अपने कद्दावर लिंगायत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की कथित नाराजगी से बेचैन भी है।

अमित शाह राज्य की अपनी यात्राओं के दौरान कर्नाटक के मठों में भी जाएंगे, जिससे कि वोटरों को साधा जा सके। कई नेताओं का मनना है कि येदियुरप्पा को नहीं साधा गया तो पार्टी को आने वाले चुनावों में बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

कांग्रेस को अभी सरकार के खिलाफ एंटी इन्कम्बैंसी का बड़ा सहारा

भाजपा के हिंदुत्व के मुद्दे और PM मोदी के चेहरे के मुकाबले अभी कनार्टक में कांग्रेस को भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इन्कम्बैंसी का बड़ा सहारा है। कांग्रेस कर्नाटक के दक्षिणी हिस्से में अपनी पकड़ के भरोसे और भाजपा के भीतर सियासी संघर्ष को आधार बना रही है। उधर, जेडीएस के देवेगौड़ा का दांव कुछ अलग है। वे कांग्रेस और भाजपा में जो भी बड़ी पार्टी होगी उसके साथ सरकार बनाने में जाने की मंशा में हैं।

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