भाजपा राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक : PM मोदी के वर्चुअल संबोधन में छाया रहा “जीत का मंत्र”

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की तीन दिवसीय बैठक के दूसरे दिन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल संबोधन के साथ हुई। प्रधानमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों को विभिन्न राज्यों में प्रस्तावित चुनावों से पहले जीत का मंत्र दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में केंद्र की ओर से चलाई जा रही जनहित से जुड़ी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने और आगामी दिनों में जनसेवा से जुड़े कार्यों में जुटने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा- जनसंघ से लेकर हमारी यात्रा शुरू हुई

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनसंघ से लेकर हमारी जो यात्रा शुरू हुई और भाजपा के रूप में फली-फूली, पार्टी के इस स्वरूप को, उसके विस्तार को देखते हैं, तो गर्व तो होता ही है, लेकिन इसके निर्माण में खुद को खपाने वाली पार्टी की सभी विभूतियों को मैं आज नमन करता हूं।कार्यकर्ताओं के जरिए हमेशा सटीक इंफॉर्मेशन आती है।

राजस्थान नेताओं का ज़िक्र कर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने उद्बोधन में राजस्थान की धरा और यहां के नेताओं का खासतौर से ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि मेरे मन में कसक है कि मैं राजस्थान नहीं आ पाया। मुझे ऐसे ऐसे दिग्गजों की उंगली पकड़कर काम करने का सौभाग्य मिला, जिनमें भैरों सिंह शेखावत, रघुवीर सिंह कौशल, भंवरलाल शर्मा, गंगाराम कोली शामिल रहे।

जनता की भाजपा से आकांक्षा हमारा दायित्व बढ़ाती है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया आज भारत को बहुत उम्मीदों से देख रही है।ठीक वैसे ही भारत में भाजपा के प्रति, जनता का एक विशेष स्नेह है।देश की जनता भाजपा को भी बहुत विश्वास से, बहुत उम्मीद से देख रही है। जनता की ये आशा-आकांक्षा हमारा दायित्व बहुत बढ़ा देती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के इस अमृत काल में देश अपने लिए अगले 25 वर्षों के लक्ष्य तय कर रहा है।भाजपा के लिए ये समय है, अगले 25 वर्षों के लक्ष्यों को तय करने का, उनके लिए निरंतर काम करने का।

पुरानी सोच से बाहर है आज देश

प्रधानमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा रहा, जब लोगों की सोच ऐसी हो गई थी कि बस किसी तरह समय निकल जाए। न सरकार से उनको अपेक्षा थी और न ही सरकार उनके प्रति अपनी कोई जवाबदेही समझती थी। वर्ष 2014 के बाद भाजपा देश को इस सोच से बाहर निकालकर लाई है।

अंबर को तारों हाथ से कौनी टूटे- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान राजस्थान की एक पुरानी कहावत का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक कहावत है, ‘अंबर को तारों हाथ से कौनी टूटे’, यानी आसमान का तारा हाथ से नहीं टूटता है। यह कहावत अपनी जगह सही है। हमें भूलना नहीं है कि हमारा लक्ष्य आसमान जितना ऊंचा है और इतनी आसानी से नहीं मिलेगा, लेकिन मेहनत करेंगे तो उसे हासिल जरूर कर लेंगे।

बहन-बेटियों से बढ़ता है आत्मविश्वास

प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं और महिलाओं की प्रगति को लेकर ख़ुशी जताई। उन्होंने कहा कि मैं देश के उज्ज्वल भविष्य को भली भांति देख रहा हूं। जब मैं आत्मविश्वास से भरे हुए देश के युवाओं को देखता हूं, कुछ कर गुजरने के हौसले के साथ आगे बढ़ती हुई बहन-बेटियों को देखता हूं तो मेरा आत्मविश्वास भी कई गुना बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के ज़रिये तमाम कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि आजादी के इस अमृत काल में देश बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है, तब हमें कुछ बातें और भी याद रखनी जरूरी है। भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते हमें चैन से बैठने का कोई हक नहीं है, कोई अधिकार नहीं है।आज भी हम अधीर हैं, बेचैन हैं, आतुर हैं क्योंकि हमारा मूल लक्ष्य, भारत को उस उंचाई पर पहुंचाना है जिसका सपना देश की आजादी के लिए मर-मिटने वालों ने देखा था।

प्रधानमंत्री ने स्वयं के नेतृत्व की केंद्र सरकार के 8 वर्ष पूरे होने का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा और एनडीए सरकार के 8 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये 8 वर्ष संकल्प के रहे हैं, सिद्धियों के रहे हैं। ये 8 वर्ष सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित रहे हैं।ये 8 वर्ष देश के छोटे किसानों, श्रमिकों, मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं को पूरा करने वाले रहे हैं। ये 8 वर्ष देश के संतुलित विकास, सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा के लिए रहे हैं। ये 8 वर्ष देश की माताओं-बहनों-बेटियों के सशक्तिकरण, उनकी गरिमा बढ़ाने के प्रयासों के नाम रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा- मैं सैचुरेशन की बात करता हूं

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सैचुरेशन की बात करता हूं।लेकिन सैचुरेशन सिर्फ पूर्णता का आकंड़ा भर नहीं है। ये भेदभाव, भाई-भतीजावाद, तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार के चंगुल से देश को बाहर निकालने का एक माध्यम है। सरकार पर, सरकार की व्यवस्थाओं पर, सरकार के डिलीवरी मैकेनिज्म पर किसी समय देश का जो भरोसा उठ गया था। 2014 के बाद जनता जनार्दन के आशीर्वाद से भाजपा सरकार उसे वापस लेकर आई है।

विकास वाद की राजनीति पर करे कामकाज

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस एक और विषय पर हमें निरंतर काम करते रहना है वो है देश में विकास वाद की राजनीति ही चौतरफा, चारों दिशा में स्थापना होनी चाहिए। कोई भी दल हो, उसको भी विकासवाद की राजनीति पर आने के लिए मजबूर करना है।हमें कभी ऐसी पार्टियों के जाल में नहीं फंसना हैं जो देश को मुख्य मुद्दों से भटकाने में लगा हुआ है।

हमें शॉर्ट-कट नहीं अपनाना है

प्रधानमंत्री ने पदाधिकारियों को आगामी चुनावों में जीत का मंत्र देते हुए कहा कि हमें कभी कोई शॉर्ट-कट नहीं लेना है। हमें देशहित से जुड़े जो भी बुनियादी और मुख्य मुद्दे हैं उन्हीं पर लगातार काम करना है। इन मुद्दों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने खासतौर पर आर्थिक रुप से कमज़ोर वर्ग के कल्याण और उन्हें सशक्त बनाने का आह्वान किया।

वंशवाद-परिवारवाद ने देश का भयंकर नुकसान किया

प्रधानमंत्री परिवारवाद की राजनीति पर भी जमकर बोले। उन्होंने कहा कि परिवारवाद की राजनीति से विश्वासघात खाने वाले देश के युवाओं का विश्वास सिर्फ भाजपा ही लौटा सकती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही वंशवाद और परिवारवाद ने देश का भयंकर नुकसान किया है।

मुख्य विरोधी दल कांग्रेस का नाम लिए बगैर भी उन्होंने निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारवादी पार्टियों ने देश में भ्रष्टाचार को, धांधली को, भाई-भतीजा वाद को, इसी को आधार बनाकर देश का बहुत मूल्यवान समय बर्बाद किया है।

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