21 साल पहले हुआ था रिहा, HC ने रेप केस में दी अब सजा…

कहा गया है जिसने भी कोई भी कभी भी जुर्म की वारदात को अंजाम दिया है. उसे सजा भी मिलेगी. चाहे देर में मिले मगर मिलेगी ऐसा ही कुछ इस मामले में हुआ. कोर्ट के घर देर है अंधेर नहीं. ये साबित किया है बॉम्बे हाई कोर्ट ने. 21 साल पहले 14 साल की एक लड़की का रेप करने के आरोप में नासिक के रहने वाले मछिन्द्र सोनावन को सजा सुनाई गई है. 1996 के हुए इस रेप में सोनावन को 1997 में ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया था. उस वक़्त सोनावन की उम्र 19 साल थी. अब वो 40 साल का हो चुका है.

जस्टिस इंद्रजीत महंती और विश्वास जाधव की खंडपीठ ने वर्ष 1997 में ट्रायल कोर्ट द्वारा मछिंद्र सोनवाने (जो घटना के वक्त 19 वर्ष का था और अब उम्र 41 वर्ष है) को रिहा करने के फैसले पलटते हुए उसे रेप के मामले दोषी पाया और सात वर्ष कैद की सजा सुनाई। दो दशकों की देरी होने पर आरोपी के ऊपर दया बरतने संबंधी याचिका को बेंच ने खारिज कर दिया और सोनवाने को निर्देश दिया कि वह पीड़िता को 1 लाख रुपये बतौर मुआवजा दे। सोनवाने को सरेंडर करने के लिए एक महीने का वक्त दिया गया है।

‘सेशन कोर्ट ने अपनाया लापरवाहीपूर्ण रवैया’
हाई कोर्ट ने कहा कि मामले में सेशन कोर्ट ने गलती करते हुए लापरवाही भरा रवैया अपनाया है। सत्र न्यायालय द्वारा एक एक्सरे रिपोर्ट को आधार मानकर आरोपी को बरी कर दिया गया था, जिसमें पीड़िता की उम्र 14 वर्ष दिखाई गई है। दो से तीन साल के अंतराल की गलती को ध्यान में रखकर पीड़िता की उम्र को 16 वर्ष निर्धारित किया गया, जो कि उस वक्त सहमति की आयु थी।

‘महाराष्ट्र सरकार की योजना के अंतर्गत पीड़िता को दिलाएं मदद’
हाई कोर्ट ने लीगल सर्विसेज अथॉरिटी से कहा है कि वह पीड़िता का पता लगाएं और उसे महाराष्ट्र सरकार द्वारा रेप पीड़िताओं के लिए योजना के अंतर्गत मदद भी मुहैया कराएं। बता दें कि 1 दिसंबर 1996 को पीड़िता अपने घर में अकेली थी। सिर में दर्द होने पर वह दवा लेने के लिए आरोपी की शॉप पर पहुंची। सोनवाने ने इसी दौरान किशोरी को अपने कमरे में खींच लिया और उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद वह पीड़िता को उसके घर के बाहर फेंक आया। पीड़ित किशोरी परिजनों को घर के बाहर खून से लथपथ हालत में मिली। आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर इस बात की पुष्टि हुई कि बलपूर्वक उसके साथ रेप किया गया है।

‘गिरफ्तारी के बाद 1997 में आरोपी को कर दिया गया था रिहा’
पुलिस ने आरोपी को रेप मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद 1997 में उसे सेशन कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया। ट्रायल कोर्ट ने एक्सरे ऑसिफिकेशन को आधार मानकर यह निर्धारित कर लिया कि पीड़िता की उम्र 14 वर्ष थी। इतना ही नहीं, सेशन कोर्ट ने उम्र में दो-तीन साल की त्रुटि मानते हुए पीड़िता की उम्र 16 निर्धारित कर आरोपी के पक्ष में फैसला सुना दिया। 2013 से पहले सहमति से सेक्स की उम्र 16 वर्ष थी, जिसे बढ़ाकर 18 कर दिया गया है।

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