
-शहीदों के नाम कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब -देशभक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रम से छात्रों ने मन मोहा -लोकनृत्य फरूवाही से कलाकारों ने बाधा समां
चौरी चौरा, गोरखपुर। चौरीचौरा जनांदोलन के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर सरकार पूरे प्रदेश में कार्यक्रम करने जा रही। तो वहीं इस जनांदोलन के गुमनाम नायकों की खोज एवं उनके परिजनों सम्मान दिलाने के लिए जिले के आवाम का सिनेमा कई सालों से चौरीचौरा फिल्म फेस्टिवल का आयोजन कर करती रही। इस साल मंगलवार को छठवें फिल्म फेस्टिवल का भव्य आगाज हुआ। तो पहला दिन शहीदों के नाम रहा, जिसमें उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। और शहीदों के याद में आयोजित कार्यक्रम में जनसैलाब उमड़ पड़ा।समारोह में देश भक्ति व सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ लोकनृत्य फरूवाही के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति से कार्यक्रम की शमां बांध दिया।

शहीद विक्रम अहीर और नेऊर पहलवान के वंशज सोमारी देवी, शहीद रूदली केवट के वंशज राम वचन, शहीद नजर अली के वंशज आखिरूज्जमा, कोमल पहलवान के वंशज फौजदार सहित शहीद अब्दुल्लाह के वंशज अलीमुन्निशा संयुक्त रूप से फ़िल्म फेस्टिवल का उद्घाटन किया। अवाम का सिनेमा द्वारा सम्मान पाकर उनके परिजन अभिभूत हुए और उन्होंने अपने परिजनों से सुने हुए उस कालखंड के आंदोलन को याद किया और कहा कि ये उस दौर का ऐसा जनांदोलन था। जिसे उस समय असहयोग आंदोलन को स्थगित न करके अगर आगे बढ़ाया गया होता तो शायद देश को 1922 में ही अंग्रेजो से आजादी मिल गई होती। क्रांतिकारी शहीद अब्दुल्लाह ब्रह्मपुर ब्लाक के राजधानी गांव के रहने वाले थे।
लिहाजा ऐतिहासिक रूप से चर्चित राजधानी गांव में स्थित रामचंद्र यादव इंटर कालेज में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। जिसमे आजादी के आंदोलन से जुड़ी फिल्म छात्रों और ग्रामीणों को दिखाई गई। फ़िल्म फेस्टिवल के मुख्य अतिथि शहीद शोध संस्थान के निदेशक सूर्यकांत पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा की चौरी चौरा जन विद्रोह जलियांवाला कांड की प्रतिक्रिया स्वरूप उभरा जन आंदोलन था। चौरी चौरा आंदोलन पर पहली पुस्तक लिखने वाले लेखक राम मूर्ति को भी सम्मानित किया गया।श्यामा मल्ल महाविद्यालय की आचार्य गरिमा यादव की अगुवाई में सैकड़ों छात्र छात्राएं मार्च करते हुए राजधानी कार्यक्रम स्थल पहुंचे। आजादी के क्रांतिवीरों पर पोस्टर प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही।