
लोग लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें और क़ानून तोड़ने वालों को सज़ा मिले, इसके लिए यूपी पुलिस तरह-तरह के क्रिएटिव आईडिया आजमा रही है। इससे पहले हमने देखा था कि कैसे इसका पालन न करने वालों और बेवजह सड़क पर भटकने वालों के हाथ में प्लाकार्ड थमा कर उनकी तस्वीरें क्लिक की जा रही है। इन प्लाकर्ड्स पर क़ानून तोड़ने वालों को कोरोना का दोस्त और समाज का दुश्मन बताया गया है। यूपी में कोरोना के अब तक 35 मामले सामने आ चुके हैं, इसीलिए पुलिस एहतियातन सख्त क़दम भी उठा रही है ताकि लोग इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से बचें और घर में रहें। इधर, पुलिस ने मॉक-ड्रिल कर के भी अपने कर्मचारियों को लोगों के टेस्ट करने का प्रशिक्षण दिया।
लेकिन, साथ-साथ पुलिस अन्य तरीकों से भी लोगों का ख्याल रख रही है। पुलिस अनाउंसमेंट के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग कर रही है। नीचे संलग्न किए गए वीडियो में आप देख सकते हैं कि जैसे ही वो कार आई, पुलिस ने माइक से गाड़ी रोकने का निर्देश दिया ताकि अंदर के पैसेंजरों को चेक किया जा सके। जैसे ही लोग गाड़ी से उतरते हैं, पुलिस उनका टेम्परेचर चेक करती है। इसके लिए उन्हें एक निश्चित दूरी पर खड़ा किया जाता है और पुलिस अपने उपकरण से टेस्ट करती है।
I'm so proud of our UP Police! 👏🏻👏🏻👏🏻https://t.co/TWN4R9vZJT
— 🍁 (@AnjiOTrip) March 25, 2020
इसके बाद लोगों को मास्क और ग्लब्स दिए जाते हैं और उन्हें पहनने को कहा जाता है। मामला संदिग्ध पाए जाने पर पुलिस उन्हें लेकर हॉस्पिटल जाती हैं। लेकिन हाँ, हॉस्पिटल ले जाने से पहले पुलिस स्प्रे मार कर गाड़ी को सैनिटाइज करना नहीं भूलती। ये है यूपी पुलिस। जहाँ एक तरफ वो अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराती है, वहीं दूसरी तरफ लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए उनकी जाँच करती है और उन्हें ज़रूरी चीजें मुहैया कराती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि लोगों को ज़रूरी चीजें उनके घर तक मुहैया कराई जाए ताकि उन्हें घर से बाहर निकल कर बाजार न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य के स्टॉक में अनाज और सब्जियों या फलों व दूध की कमी नहीं है, इसीलिए जनता को पैनिक होने या घबरा कर अपने घर में स्टॉक जमा करने की आवश्यकता नहीं है। उत्तर प्रदेश के पुलिस व प्रशासन के इन क़दमों के कारण उनकी खूब वाहवाही हो रही है।