ट्रंप से डरा चीन! पहले ही दिन दे दी ड्रैगन को 4 तगड़ी चोट, जानें किन मुद्दों पर घेरा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald) के बयानों में चीन के खिलाफ हमेशा से ही तीखे शब्द निकले हैं। शपथ लेने के बाद पहले ही दिन ट्रंप ने चीन को चार तगड़ी चोट दे दी। ट्रंप ने चीन पर कई आरोप लगाए और उसे ‘दुनिया का सबसे बड़ा खतरा’ करार दिया। सोमवार को पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने के अपने फैसले का बचाव करते हुए ट्रंप ने चीन को जिम्मेदार ठहराया। इससे पहले उन्होंने पहले कार्यकाल 2017 में इसके लिए भारत को दोष दिया था। ट्रंप के अनुसार, चीन ने अमेरिकी आर्थिक व्यवस्था, व्यापार, और वैश्विक शक्ति को कमजोर करने की कोशिश की है।

ट्रंप ने कई अहम मुद्दों पर चीन को घेरा

ट्रंप ने अपने भाषण में चीन पर अमेरिका के व्यापार घाटे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चीन ने अपनी नीतियों से अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचाया है और उनके उत्पादों को सस्ते में बेचा है, जिससे अमेरिका की उद्योगों को काफी नुकसान हुआ। ट्रंप का कहना था कि चीन ने अमेरिका के खिलाफ असमान व्यापारिक नीतियों को अपनाया है और इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।

ट्रंप ने चीन पर अमेरिकी बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि चीन अमेरिकी कंपनियों से तकनीकी जानकारी चुराता है और इसका फायदा अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए उठाता है। उन्होंने इसे “आर्थिक युद्ध” के रूप में देखा और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात की।

चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव और दक्षिण चीन सागर में उसके विस्तारवाद को लेकर भी ट्रंप ने आलोचना की। उन्होंने चीन के द्वारा क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा पैदा करने पर चिंता व्यक्त की। ट्रंप ने इसे अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए एक गंभीर चुनौती बताया और कहा कि चीन को अपनी सैन्य गतिविधियों को नियंत्रित करना चाहिए।

चीन की ह्यूमन राइट्स रिकॉर्ड को लेकर ट्रंप ने कड़ी आलोचना की। उन्होंने तिब्बत और शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। विशेष रूप से उइगर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ चीन की कठोर नीतियों की उन्होंने निंदा की। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका तिब्बत और अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर चीन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाएगा।

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