CM योगी ने कानपुर में भेजा दो अधिकारी, डीएम व डीआईजी के तबादले की उड़ी अफवाह

  • कोरोना को लेकर आईएएस अनिल गर्ग और आईपीएस दीपक रतन को मिली कमान

कानपुर,। उत्तर प्रदेश की ताज नगरी आगरा की भांति कानपुर नगर में भी कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा के सीएमओ को निलंबित कर दिया और कानपुर में भी कोरोना को नियंत्रित करने के लिए दो अधिकारियों को भेज दिया। कानपुर में जैसे ही यह खबर आई कि एक आईएएस और एक आईपीएस अधिकारी शासन द्वारा कानपुर भेजे गये तो लोग कयास लगा बैठे कि डीएम और डीआईजी का तबादला हो गया। यह अफवाह इतना तेज फैली लोग सोशल मीडिया पर भी चलाने लगे। मामला आलाधिकारियों तक पहुंचा तो इसका खंडन किया गया पर दिनभर ऐसी अफवाहें चलती रहीं।

कानपुर नगर के जिलाधिकारी और डीआईजी/एसएसपी के तबादले की खबर सोशल मीडिया में वायरल होते ही शासन व प्रशासन में हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे मैसेज की जब पड़ताल की गई तो पता चला की सोशल मीडिया में जो मैसेज वायरल हो रहे है उनकी सच्चाई कुछ और ही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस से प्रभावित वाले जिलों की कमान सीनियर आईएएस और आईपीएस को सौंपी है। सीएम ने कानपुर, मेरठ और आगरा में विशेष जांच टीमें तैनात करने के निर्देश दिए हैं। इन तीनों जिलों में संक्रमण बढ़ने पर उन्होंने वहां लॉकडाउन में विशेष सख्ती बरतने को कहा है।

इन जिलों में विशेष टीम के रूप में वरिष्ठ आईएएस, पुलिस व चिकित्सा अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये टीमें वहीं कैंप करें और रोज उन्हें रिपोर्ट भेजें। मुख्यमंत्री ने ये निर्देश रविवार को टीम-11 के अधिकारियों के साथ बैठक में दिए। उन्होंने कानपुर, मेरठ और आगरा में लॉकडाउन का सख्ती से पालन न होने पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कानपुर में यूपीसीडा के एमडी अनिल गर्ग और आईजी दीपक रतन, आगरा में प्रमुख सचिव आलोक कुमार और आईजी विजय कुमार, मेरठ में प्रमुख सचिव टी. वेंकटेश और आईजी लक्ष्मी सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है।

हो सकती है कार्रवाई

डीएम और डीआईजी के तबादले की खबरें दिनभर सोशल मीडिया पर चलती रहीं तो प्रशासनिक अधिकारियों को लोग फोन मिलाकर पूछते रहे। जिस पर बराबर प्रशासनिक अधिकारी बता रहे थे कि ऐसा कुछ नहीं और स्पष्टीकरण भी दे रहे थे कि दो अधिकारी सिर्फ कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर आये हैं। सोशल मीडिया में चली यह अफवाह से प्रशासन भी चिंतित हो गया है। वहीं सूत्रों की मानें तो प्रशासन अब इस बात को गंभीरता से लिया है और जानकारी जुटाई जा रही है कि इस तरह की शरारत किसने की और यह भी संभावना है अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई भी हो सकती है।

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