लखनऊ । कांग्रेस के राज में छोटे वर्ग के लोगों की जमीन हड़पने के लिए कैसे षड्यंत्र होते रहे। यह सोनभद्र में हड़पी गयी जमीन से उजागर होता है। सोनभद्र में हुये जन संहार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उसमें किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शुक्रवार को विधानसभा सदन स्थगित होने के बाद प्रेस वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि 1955 से 1989 में आदर्श सोसाइटी के नाम की जमीन कुछ लोगों के नाम पर चढ़ाया गया था। आदर्श सोसाइटी से पहले इस जमीन पर आदिवासी के लोग खेती किया करते थे। वहीं, सोसाइटी के लोग जमीन लेने के बाद ग्रामीणों को रुपये देते थे। 2017 में उस जमीन को ग्राम प्रधान के हाथों बेच दिया था। उसी विवादित जमीन को लेकर 17 जुलाई को प्रधान पक्ष द्वारा कब्जे को लेकर नरसंहार हुआ।
उन्होंने सोनभद्र नरसंहार पर एक-एक बिंदु पर चर्चा करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत की भूमि को 1955 में कांग्रेस की सरकार में हड़पने के लिए सोसायटी बनायी गई थी। 1989 में इस जमीन को उन अधिकारियों के नाम कर दिया गया था। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पहले तो इस जमीन को पहले सोसायटी के नाम पर किया जाना और इसके बाद उस व्यक्ति के नाम करना गैर कानूनी काम है। इस कार्य से यह पता चलता है कि कांग्रेस के काल में किस तरह से गड़बड़झाला किया जाता था।
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath on Sonbhadra land dispute incident in which 10 people were killed: The foundation of this incident was laid in 1955 when the then Tehsildar did the unlawful act of registering the land of Gram Samaj in the name of Adarsh Cooperative society. pic.twitter.com/VyrA1jODww
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 19, 2019
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्य 1955 और 89 में किया गया था। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन रहा। जब वे लोग जमीन को नहीं हड़प पाए तो उन लोगों ने इसे ग्राम प्रधान को बेच दिया। अप्रैल माह में सरकार ने कई भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। उन्होंने कहा कि इसमें कई अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि ग्राम समाज की भूमिका व कागजों में हेरफेर करके जमीन को हड़पने का काम किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस मामले मे कुल 29 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं जिसमें एक आरोपी ग्राम प्रधान भी है। वहीं मुख्यमंत्री ने यह भी माना कि मामले को लेकर अधिकारियों ने लापरवाही बरती। उन्होंने लापरवाही के चलते सीओ, एसडीएम, इंस्पेक्टर को निलम्बित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन पर विवाद था और शांति भंग की आशंका थी। फिर भी अधिकरियों ने लापरवाही की। जिलाधिकारी, क्षेत्रधिकारी समेत तीन लोगों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
जांच कमेटी की गयी गठित
मामले में अपर सविच राजस्व के नेतृत्व में जांच कमेठी गठित की गई है। इसकी रिपोर्ट वह दस दिन के भीतर सरकार को उपलब्ध कराएंगे। सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही 2017 से पहले वनवासियों जहां खेती करते आ रहे हैं, उसमें मामले के वाद विवाद को लेकर क्या-क्या कार्रवाई हुई है, जांच के लिए कहा गया है।कोई भी व्यक्ति कितना भी बड़ा हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।