कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का निधन, गुर्जर समाज में पसरा मातम

जयपुर। गुर्जर आरक्षण के जनक और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का लंबी बीमारी के बाद 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने बृहस्पतिवार सुबह अंतिम सांस ली। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे।

बैंसला के निधन से गुर्जर समाज में शोक की लहर है। बताया जा रहा है कि तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें जयपुर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

जयपुर स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे समर्थक
कर्नल किरोड़ी सिंह का बैंसला का पार्थिव देह उनके खातीपुरा स्थित आवास पर रखा गया है, जहां पर उनके निधन की खबर सुनकर बड़ी संख्या में समर्थक और समाज के लोग उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे।

पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार

बताया जा रहा है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव टोडाभीम तहसील के मूंडिया गांव में होगा। बैंसला की पार्थिव देह दोपहर में हिंडौन के लिए के लिए रवाना होगी, जहां भी उनके समर्थक और समाज के लोग उनकी पार्थिव देह का अंतिम दर्शन करेंगे।

गुर्जर आरक्षण से पहले सेना में दे चुके सेवाएं

कर्नल बैंसला गुर्जर आरक्षण आंदोलन से पहले सेना में रहकर देश सेवा कर चुके हैं। 1962 में भारत चीन युद्ध में उन्होंने अपने शौर्य दिखाया था। इसके बाद 1965 भारत-पाक युद्ध में भी भाग लिया था। आर्मी से रिटायरमेंट के बाद बैंसला ने समाज को आरक्षण दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी और गुर्जर समाज को विशेष पिछड़ा वर्ग का 5 फीसदी आरक्षण दिलवाने में उन्होंने अहम रोल निभाया था।

राजनीति में नहीं मिल पाई सफलता

कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने राजनीतिक पारी भी खेली लेकिन सफल नहीं हो पाए।भाजपा ने टोंक-सवाईमाधोपुर लोससभा सीट से किरोड़ी सिंह बैंसला को टिकट दिया, लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी नमोनारायण मीणा से 317 वोटों से चुनाव हार गए थे। इसके बाद कर्नल बैंसला ने कुछ दिनों बाद ही भाजपा छोड़ दी थी।

गुर्जर आंदोलन में गई थी 70 लोगों की जान

साल 2008 में गुर्जर आरक्षण के दौरान पुलिस फायरिंग में 70 लोगों की जान चली गई थी। गुर्जर समाज आरक्षण को लेकर कई माह तक रेलवे ट्रेक और हाईवे जाम करके बैठे रहे थे।

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