Congress RS Candidate List : राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर घर में ही घिरी कांग्रेस, जानिए क्या है वजह

कांग्रेस ने 29 मई को 15 राज्यों की 57 सीटों पर होने वाले राज्यसभा के चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। माना जा रहा था कि कांग्रेस के राज्यसभा के चुनाव के चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट में 2024 के आम चुनावों को लेकर उनकी तैयारी देखेगी। पर जो लिस्ट पार्टी की ओर से सामने आयी है उसमें ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है। उल्टे कई ऐसे नाम इस लिस्ट में शामिल हैं जिससे पार्टी के अंदर ही घमासान होने की संभावना बलवती हो गयी है।

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने रविवार को राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची से बाहर होने के बाद अपनी निराशा और क्षोभ को व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।

कई सालों तक नेशनल टेलीविजन पर ग्रैंड ओल्ड पार्टी का लोकप्रिय चेहरा रहे खेड़ा ने हिंदी में लिखा, “शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई है।” उनका यह बयान तब आया जब उनकी पार्टी ने 10 जून को होने वाले उच्च सदन के चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों के नाम जारी किए थे। खेड़ा ने बाद में अपने पार्टी सहयोगियों को बधाई दी, जिन्हें आलाकमान ने चुना था। उन्होंने यह कहकर अपनी निराशा को कम करने का भी प्रयास किया कि यह कांग्रेस है जिसने उन्हें एक पहचान दी। उन्होंने आजतक के साथ पहले की बातचीत की एक क्लिप साझा करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने मुझे एक पहचान दी। मैं अब भी अपने इस बयान पर कायम हूं।”

एक ट्विटर उपयोगकर्ता के जवाब में, जिसने उन्हें “देश के लिए जिएं और परिवार के लिए नहीं” का सुझाव दिया, खेड़ा ने कहा, “मैं जिस परिवार के साथ खड़ा हूँ वो देश के लिए जीता भी है और देश के लिए जान तक दे देता है। संघ परिवार वालों को यह जज्बा समझ नहीं आ सकता।

आपको बता दें कि कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए जो लिस्ट जारी की है उसमें छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन, हरियाणा से अजय माकन, कर्नाटक से जयराम रमेश, मध्य प्रदेश से विवेक तन्खा, महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी, राजस्थान से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम को मैदान में उतारा गया है।

यह दावा करते हुए कि सोनिया गांधी ने उन्हें 18 साल पहले कांग्रेस में शामिल होने पर राज्यसभा सीट देने का वादा किया था, अभिनेता से राजनेता बनी नगमा ने अपने बाद शायर से राजनेता बने इमरान प्रतापगढ़ी को चुनने के पार्टी के कदम की आलोचना की है। खेड़ा के ट्वीट को साझा करते हुए नगमा, जो कांग्रेस की मुंबई इकाई की उपाध्यक्ष भी हैं, ने लिखा है कि “इमरान भाई के सामने हमारी 18 साल की तपस्या भी कम हो गई।”

सोनिया जी हमारी कांग्रेस अध्यक्ष ने 2003/04 में मुझे राज्यसभा में समायोजित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से वादा किया था, जब मैं उनके कहने पर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ, तब हम सत्ता में नहीं थे। तब से 18 साल हो गए हैं, उन्हें मौका नहीं मिला। श्री इमरान को महाराष्ट्र से राज्यसभा में भेजा जा रहा है। मैं पूछती हूं कि क्या मैं कम योग्य हूं, “नगमा ने ट्विटर पर लिखा।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवारों का चयन, जहां पार्टी सत्ता में है, पार्टी द्वारा ‘बाहरी लोगों’ को चुनने के कारण काफी आलोचना हुई है। इस कदम की आलोचना करते हुए, कांग्रेस नेता संयम लोढ़ा ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा, “कांग्रेस ने राजस्थान से 3 राज्यसभा उम्मीदवारों को नामांकित किया है, लेकिन उनमें से कोई भी राज्य से संबंधित नहीं है। इससे पार्टी के कार्यकर्ता मायूस हैं। मैं पार्टी से इस पर पुनर्विचार करने और राजस्थान से किसी नेता को नामित करने का अनुरोध करता हूं।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्विटर पर लिखा, ‘कांग्रेस का चिंतन शिविर राजस्थान में हुआ। अब इस सोच की एक और उपलब्धि देखिए। स्थानीय उम्मीदवारों के कोटे पर ध्यान दें… ‘स्थानीय’ के बिना ‘मुखर’ कौन होगा..?”

वहीं कांग्रेस पार्टी के अदरखाने के ही कुछ लोग पार्टी आलाकमान पर इस बात के लिए निशाना साध रहे हैं कि राज्यसभा चुनाव के लिए जो लिस्ट जारी की गयी है उसमें पिछड़ों को दरकिनार कर अधिकतर ब्राह्मण नेताओं को ही मौ​का दिया गया है। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस का यह कदम साल 2024 के आम चुनावों की तैयारी के लिहाज से आत्मघाती साबित हो सकता है।

कांग्रेस ने रविवार को 15 राज्यों की 57 सीटों पर होने वाले ऊपरी सदन चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की। इस सूची में पी. चिदंबरम, जयराम रमेश, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला, मुकुल वासिक और विवेक तन्खा जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पार्टी के दिग्गज नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को राज्यसभा की सीट नहीं देने पर भी सोशल मीडिया पर पार्टी की आलोचना की गई है।

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