उदयपुर में कांग्रेस का 13 से 15 मई तक चिंतन शिविर, जानिए खोई हुई विरासत लौटेगी वापस

जयपुर। राजस्थान में राजनीतिक का सियासी पारा हाई होना शुरू हो चुका है। इसकी वजह ये है कि उदयपुर में 13 मई से शुरू हो रहे कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर (नव संकल्प शिविर – Nav Sankalp Shivir) जो 15 मई तक चलेगा। इस चिंतन शिविर में कांग्रेस पार्टी अपने आगामी दो साल के लिए दिशा तय करेगी। इससे पहले भी राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर के चार कार्यक्रम कर चुकी हैं। इनमें से तीन में पार्टी की राष्ट्रीय रणनीति को लेकर मंथन किया गया है। जयपुर में हुए चिंतन शिविर के 9 साल बाद एक बार फिर कांग्रेसी पार्टी की रणनीति तैयार करने को लेकर राजस्थान आ रहे हैं। लेकिन अंतर इतना है कि पार्टी ने पहले अपने विस्तार और संगठनात्मक सुधार पर चर्चा की थी। अब पार्टी अपने वजूद को बचाए रखने के लिए खोए हुए जनाधार को वापस पाने के लिए मंथन करेगी।

चिंतन शिविर में जाने किस रणनीति पर होगी चर्चा

तीन दिवसीय Chintan शिविर को इस बार नव संकल्प शिविर का नाम दिया गया है। इसमें 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तो बनेगी ही, इससे पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी चिंतन होगा। वैसे पार्टी ने शिविर के लिए आधा दर्जन एजेंडा तय कर दिए हैं, जिन पर रणनीति बनाने के लिए पहले 54 वरिष्ठ नेता जुटे हुए हैं। वहीं सोनिया गांधी अभी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं। ऐसे में कांग्रेस का ही एक धड़ा चुनाव के जरिए पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने की मांग कर रहा है। शिविर में भी यह मांग भी कुछ नेता उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री गहलोत इस पूरे चिंतन शिविर की तैयारियों में जुट गए हैं।

कांग्रेस के पहला राष्ट्रीय अधिवेशन में चुना गया गांधी नगर

कांग्रेस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर में दिसंबर 1948 में हुआ था। इसके लिए गांधी नगर को चुना गया था। इसका नाम गांधी नगर भी अधिवेशन के बाद पड़ा। उस समय यहां रेत के टीले थे। सभी प्रतिनिधियों के लिए टेंट लगाए गए थे। दरियों पर बैठकर पार्टी की रूपरेखा तय की गई थी। पार्टी अध्यक्ष पट्टाभि सीतारामैया थे। अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू सहित सभी देशभर के बड़े नेता आए थे।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में की गई राहुल गांधी की ताजपोशी

कांग्रेस वर्ष 2013 में केंद्र और राजस्थान के सत्ता पर काबिज थी। उस समय 18-19 जनवरी को दो दिवसीय चिंतन शिविर जयपुर में हुआ था। इसमें वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव, महिला सशक्तीकरण, युवाओं की भागीदारी बढ़ाने, मंहगाई पर अंकुश लगाने और पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने को लेकर मंथन किया गया था। साथ ही राहुल गांधी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में ताजपोशी की गई थी। माउंट आबू में वर्ष 2002 में 8-9 नवंबर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के 14 राज्यों के सीएम से उनके कामकाज को लेकर रिपोर्ट कार्ड मांगा था। साथ ही संगठनात्मक मुद्दों को लेकर मंथन भी हुआ था।

राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी ने लिये कई अहम फैसले

राजस्थान को एक बार फिर कांग्रेस की राष्ट्रीय रणनीति तय करने के लिए चुना गया था। पार्टी अध्यक्ष के. कामराज की अध्यक्षता में 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन जुलाई 1966 में हुआ था। इसमें पार्टी ने कई अहम निर्णय लिए। उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर की तैयारियों को लेकर 9 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस मुख्यालय पर शाम 4 बजे सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में शिविर को लेकर बनाई गई छह कमेटियों से भी फीडबैक लिया जाएगा।

13 मई से होने वाले नव संकल्प शिविर में पधारेंगे ये दिग्गज नेता

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 13 मई से होने वाले नव संकल्प शिविर में देशभर से आने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के लिए उदयपुर शहर के तीन होटलों में 545 कमरे बुक किए गए हैं। होटल ताज अरावली में सोनिया व राहुल गांधी रुकेंगे। सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने बताया कि होटल ताज अरावली में 176, अनंता में 249 और ओरिका में 120 कमरों की बुकिंग की गई है। होटल ताज अरावली में छह छोटे हॉल की भी बुकिंग है। यहां पर सभी छह अलग-अलग कमेटियों के दफ्तर बनेंगे, जिनमें विभिन्न कमेटियों के पदाधिकारियों के कम्प्यूटर व फेस मशीन लगाई जाएगी।

सभी दफ्तरों में प्रत्येक कमेटी के 75-75 सदस्य बैठेंगे। इन दफ्तरों से शिविर की गतिविधियां नियंत्रित होंगी। शहर के मार्गों पर स्वतंत्रता सेनानियों व वरिष्ठ नेताओं के दिए नारों के साथ हॉर्डिंग्स व पोस्टर लगाए जाएंगे। शिविर में होने वाली गतिविधियों व निर्णयों पर सीडब्ल्यूसी की ओर से पूरे आयोजन का डॉक्यूमेंट्स तैयार किया जाएगा।

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