
- – कुरावली में कानून का राज खत्म, अपराधियों के हौसले बुलन्द,
- पुलिस शून्य – भांजो ने ही मामा को ईंटों से कुचला, दो गिरफ्तार
गिरफ्तारमैनपुरी/कुरावली – कुरावली थाना क्षेत्र में गुरुवार को दिनदहाड़े थाना कोतवाली के सामने चंद कदमों की दूरी पर भांजों ने 35 वर्षीय मामा की ईटों से कुचल-कुचलकर हत्या कर दी। भीड़ ने हमलावरों को खदेड़ा तो हमलावर भागकर कोतवाली में घुस गये। पुलिस ने दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया। इस हत्या की घटना ने यह साबित कर दिया है कि कुरावली में अब कानून का राज खत्म हो गया है। अब केवल अपराधियों का राज कायम है।
इसलिए अपराधियो के हौसले बुलन्द है। तभी अपराधियो ने थाने के सामने ने हत्या की घटना को अंजाम दिया।कुरावली नगर के मोहल्ला कुंवरपुर निवासी विधवा वृद्धा शकुंतला देवी पत्नी लाल बहादुर निवासी मोहल्ला कुंवरपुर ने थाना में पहुंचकर सूचना दी कि उसके साथ उसके दामाद राजेश कुमार तथा उसके पुत्र ने मारपीट की है।

पुलिस ने राजेश तथा उसके पुत्र भोला को थाना में बुला लिया। दोपहर लगभग दो बजे पुलिस ने शकुंतला के 35 वर्षीय पुत्र बसंत को थाना बुलाकर उससे मां को घर ले जाने के लिये कहा जिसके बाद बसंत अपनी मां को घर छोड़ आया और अपनी दुकान पर जाने लगा। जैसे ही वह जीटी रोड पर पूर्व चेयरमेन किशनलाल की कोठी के नीचे पहुंचा तभी राजेश के दो पुत्रों ने मामा बसंत को पकड़ लिया और जमीन पर गिरा लिया। जिसके बाद दोनों ने बसंत के सिर पर पास में पड़ी ईटों से प्रहार करना शुरू कर दिया। जिससे बसंत लुहूलुहान हो गया। जैसे ही स्थानीय लोगों ने दोनों को कुचलते देखा तो दर्जनों की संख्या में लोग दोनों हमलावरों को पकड़ने के लिये भागे। भीड़ से बचने के लिये दोनों हमलावर भागते हुये कोतवाली में घुस गये। जिनको थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों हमलावरों ने अपने मामा की हत्या करने की बात कबूल की।
जिस पर पुलिस के हाथ-पैर फूल गये आनन-फानन में पुलिस तथा स्थानीय लोगों ने घायल पड़े बसंत को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। जहां से उसे जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया। जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों ने बसंत को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। घटना के संबंध में शाम तक कोई भी तहरीर नहीं दी गई थी।
लंबे समय से रूपयों को लेकर चल रहा था विवादनगर के मोहल्ला कुंवरपुर निवासी राजेश पुत्र रामकिशन वर्मा का विवाह थाना भोगांव निवासी लालबहादुर की पुत्री उमादेवी के साथ हुआ था। लगभग पंद्रह वर्ष पहले लाल बहादुर की मृत्यु होने पर उनका पुत्र बसंत भोगांव स्थित अपना मकान बेचकर मां शकुंतला देवी तथा दो बहनों के साथ कुरावली आ गया था। उस समय राजेश ने अपने साले बसंत को अपने मकान के निकट ही मकान खरीदवा दिया था। जिसके बाद राजेश तथा उसका साला बसंत नगर के मंडनपाल सिंह मार्केट में एक ही दुकान पर बैठने लगे थे। राजेश सुनारी का तथा बसंत टेलरी का कार्य करते थे।
इसके बाद दोनों में विवाद होने पर दोनों अलग हो गये और अलग-अलग दुकानों पर बैठने लगे। इस दौरान बसंत ने पहली पत्नी मंजू को छोड़कर दूसरी महिला के साथ शादी कर ली। दूसरी महिला के आने के बाद रूपये के लेनदेन को लेकर दोनों के बीच फिर विवाद होने लगा। लगातार नगर के वरिष्ठ लोगो द्वारा कई बार दोनों के बीच पंचायत कराई गई। लेकिन विवाद जस का तस रहा। उसी विवाद को लेकर गुरूवार को वृद्धा शकुंतला अपने दामाद से विवाद हुआ था।