
उचौलिया/लखीमपुर खीरी। हिंदू धर्म में माघ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसदिन नदी में स्नान व दान पुण्य किया जाता है। कुछ लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं। माघ मास की पूर्णिमा को कुछ लोग माघी भी कहते हैं। पूर्णिमा तिथि चंद्र देव और भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। दान पुण्य और स्नान के अलावा लोग सत्यनारायण की कथा भी सुनते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर मे धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती। सौभाग्य में वृद्धि होती है और निसंतान दंपतियों को योग्य संतान प्राप्त होती है।
माघ पूर्णिमा पर कस्बे में स्थिति मानो गंगा मेले पर जमकर उमड़े श्रद्धालु कस्बे से 2 किलोमीटर दूर स्थित मनो गंगा पर प्राचीनतम भगवान भोलेनाथ का मंदिर है यहां पर हर पूर्णमासी को मेला लगता है। माघ पूर्णिमा को लगने वाले मेले का विशेष महत्व है। बुधवार ब्रह्म मुहूर्त में शुरू हुआ स्नान शाम तक चलता रहा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान व पूजा अर्चना की बहुत से श्रद्धालुओं ने बच्चों के मुंडन संस्कार कराएं, महिलाओं और बच्चों ने जलेबी और चाट पकौड़ी का स्वाद लिया। वही बच्चों ने खेल खिलौने के साथ ही मेले में लगे झूले का आनंद लिया।