
नई दिल्ली : दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ विवादित बयान दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी के दबाव में आकर निर्वाचन आयोग ने दिल्ली नगर निगम के चुनाव टाल दिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम के चुनावों को टालना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सत्ता का दुरुपयोग करके दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 अप्रैल में होने थे. उनको टाला गया है. यह दर्शाता है कि केंद्र शासित भाजपा और दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपनी हार से घबराई हुई है. उन्होंने निर्वाचन आयोग के फैसले को भाजपा-आम आदमी पार्टी की मिलीभगत और साजिश का नतीजा भी करार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो समय पर चुनाव करवाए जाने चाहिए थे. चुनाव आयोग के तरफ से जो बयान जारी हुआ है. 4:30 बजे उन्हें एक पत्र मिलता है और चुनाव टालने पड़ते हैं.
यह दर्शाता है कि किस तरीके से राय-मशविरा के साथ दोनों ही सत्ताधारी लोगों ने इस चुनाव को टाला है, लेकिन लोकतांत्रिक प्रकिया में चुनावों को समय पर करवाना आवश्यक होता है. इलेक्शन आयोग को यह सुनिश्चित करना था कि इलेक्शन समय पर हो. यह अंदेशा था कि जिस तरीके से तारीख को टाला जा रहा था. 17 अप्रैल से पहले एमसीडी का गठन होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कहीं ना कहीं चुनाव को टाला गया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने 15 साल में एमसीडी को कंगाल कर दिया, बर्बाद कर दिया. जवाबदेही थी अरविंद केजरीवाल की जिनके पार्षद रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं. वह भी उपमुख्यमंत्री के क्षेत्र से.
आंगनबाड़ी महिलाओं ने जो मोर्चा खोला हुआ है. अपना हक मांगते हुए उन प्रश्नों से बचने के लिए शिक्षकों के प्रश्नों से बचने के लिए डीटीसी कर्मचारियों के सवालों से बचने के लिए एमसीडी के कर्मचारी सैलरी के लिए धरने पर बैठे हैं. उनकी सवालों से बचने के लिए दोनों ही पार्टी अपनी हार से बचने के लिए जनता के सवालों से बचने के लिए चुनावों को डालने का काम करती हैं. 2 साल सहित कांग्रेस के कार्यकर्ता तैयारी में थे. लोगों की आवाज बनकर सड़कों पर थे. करोना काल में जो फेलियर है, उसे भी यह बचना चाहते थे. कांग्रेस को लोग पसंद कर रहे थे.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने का भी इशारा किया है. बतादें कि बुद्धवार की शाम राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव अधिकारी ने प्रेस वार्ता करके यह साफ कर दिया था, कि फिलहाल चुनाव तीराखों का आज एलान नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि करीब 30 मिनट पहले ही केंद्र का एक आदेश आया है. जिस पर विधिक राय लेने के बाद कोई फैसला किया जाएगा. उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि चुनाव किसी भी दशा में टाले नहीं जाएंगे. तीनों दिल्ली नगर निगमों को एकीकृत करने की सूरत में भी चुनाव अपने तय समय पर ही होंगे. शायद इन बातों को कांग्रेस नेता ने नजरअंदाज कर दिया. इसीलिए वह चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बातें कह रहे हैं.