रबी फसलों में शुद्ध बीज उत्पादन के लिए प्रयुक्त होने वाली  तकनीकों पर की चर्चा

कानपुर | सीएसए के कुलसचिव डॉ सी एल मौर्या द्वारा कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह के निर्देशन में विश्वविद्यालय चला गांव की ओर अभियान के अंतर्गत आज ग्राम फत्तेपुर, पतरा, सुजानपुर एवं विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए जैव संवर्धित गांव अनूपपुर में किसानों के साथ उनके प्रक्षेत्र पर गेहूं,सरसों, चना एवं मटर आदि रबी फसलों में शुद्ध बीज उत्पादन के लिए प्रयुक्त होने वाली तकनीकों पर परिचर्चा की।

उन्होंने किसानों से कहा कि खड़ी बीज फसल की शुद्धता हेतु खेत में उपस्थित सभी अवांछनीय पौधे जैसे:-लंबे पौधे, छोटे पौधे,भिन्न लक्षण वाले पौधे, रोग ग्रसित पौधे इत्यादि को खेत से बाहर निकालने का उन्होंने सुझाव दिया। डॉ मौर्या ने किसानों को यह भी बताया कि स्वयं बीज उत्पादन करने से आने वाले वर्षों में बीज निवेश पर होने वाला व्यय शून्य हो जाता है। जिससे किसानों का समय बचने के साथ-साथ आय में बढ़ोतरी होती है। बीज उत्पादन एवं बीज बाजारीकरण को एक उद्योग के रूप में कार्यक्रम लिए जाने का सुझाव दिया है। जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।

इससे कृषकों का जीवन खुशहाल होगा।उन्होंने किसानों को कृषि निवेश में कमी करने के लिए प्रत्येक वर्ष नये बीज क्रय न  करके स्वयं के द्वारा उत्पादित बीजों को तीन वर्षों तक प्रयोग करने की सलाह दी। इस अवसर पर शोध निदेशालय के वैज्ञानिक डॉ भानु प्रताप सिंह सहित कई किसान उपस्थित रहे।

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