दादरी ग्रामीणों की एनटीपीसी के समक्ष चल रहे धरने की विवेचना जारी की गई

भास्कर समाचार सेवा
नई दिल्ली। सरकार द्वारा एनटीपीसी के दादरी स्‍टेशन की स्‍थापना, जिसे नेशनल केपिटल पॉवर स्‍टेशन के नाम से जाना जाता है, एनसीआर क्षेत्र में बिजली ज़रूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी स्‍टेज-I के तहत परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 1986 में शुरू हुआ जो कि वर्ष 1995 तक चला, राष्‍ट्र हित में एनसीआर क्षेत्र की ज़रूरतों को देखते हुए निर्माण गतिविधियां तेजी से चलाईं गईं और वर्ष 1991 में 210 मेगावाट की पहली इकाई कमीशन की गई यह वह समय काल था जब राष्‍ट्र के विकास रथ को गति देने के लिए विद्युत की बड़े स्‍तर पर उत्‍पादन की आवश्‍यकता थी और एनटीपीसी पूरे देश में तेजी से विद्युत संयंत्रों की स्‍थापना पर काम कर रहा था ताकि राष्‍ट्र की बिजली ज़रूरतों को पूरा किया जा सके, दादरी में विद्युत स्‍टेशन की स्‍थापना के लिए समय-समय पर विभिन्‍न चरणों में भू-अधिग्रहण किया गया है. दादरी स्‍टेशन के मुताबिक अधिग्रहण के तहत जो भूमि अर्जित की गई थी, वह अधिकतर बंजर प्रकृति की थी यह अधिग्रहण उस समय लागू भू-अधिग्रहण अधिनियम 1894 और उत्‍तर प्रदेश जमींदारी उन्‍मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 के तहत किया गया है. यहां इस बात का उल्‍लेख ज़रूरी है कि भू-अधिग्रहण करते समय भूमि की दरें, भूमि के वर्गीकरण के आधार पर शासन के राजस्‍व विभाग द्वारा निर्धारित की जाती हैं. दादरी के भूमि-अधिग्रहण हेतु भूमि की उपलब्‍धता और संयंत्र हेतु स्‍थान के निर्धारण की अनुमति राज्‍य शासन द्वारा दी गई, खाताधारकों और दरों का निर्धारण भी शासन द्वारा करवाया गया और एनटीपीसी ने शासन के निर्देशानुसार तय दरों और खाताधारकों की जानकारी के अनुसार समग्र राशि राज्‍य शासन के पास जमा करवादी गई और ग्रामीणों को मुआवजे का वितरण राज्‍य शासन द्वारा किया गया, उस समय दादरी क्षेत्र वैसा नहीं था, जैसा विकसित स्‍वरूप में आज दिखाई देता है। क्षेत्र के विकास में एनटीपीसी ने सृजनात्‍मक भूमिका निभाई है एनटीपीसी ने जिस स्‍थान पर शासन के निर्देशों का अनुपालन करते हुए संयंत्र की स्‍थापना की, यह भी सुनिश्चित किया कि वहां के विस्‍थापितों का समुचित खयाल रखा जा सके कंपनी ने अपनी सीएसआर गतिविधियों के माध्‍यम से क्षेत्र में स्‍वास्‍थ्‍य, पर्यावरण, शिक्षा, आधारभूत संरचना आदि में योगदान करने का प्रयास किया है।
एनटीपीसी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार जहां तक रोजगार की बात है अधिग्रहण के समय परियोजना में उपलब्‍ध रोजगारों के तहत 182 भू-विस्‍थापितों को नियमित रोजगार दिया गया. वर्तमान में भी एनटीपीसी दादरी में विभिन्‍न ठेकों के तहत किये जा रहे कार्यों में 70 प्रतिशत ठेका श्रमिक क्षेत्र के भू-विस्‍थापित एवं समीपवर्ती ग्रामों के लोग ही होते हैं।

इस भ‍ूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के लगभग 30 वर्ष बीत जाने के बाद मुआवजे की दरों और नियमित रोजगार की मांगों को लेकर गांव वासियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों के साथ समय – समय पर विभिन्‍न वार्ताओं के दौरान एनटीपीसी दादरी द्वारा अपना पक्ष रखते हुए अवगत कराया जाता रहा है कि सभी को समान मुआवजा दिया जाना संभव नहीं होता है, क्‍योंकि मुआवजे की दरें तत्‍कालीन समय की भू-दरों और भूमि की प्रकृति पर निर्भर करता है. जहां तक रोजगार का प्रश्‍न है एनटीपीसी के मौजूदा संयंत्रों में काम को आउटसोर्स कर ठेकों के माध्‍यम से निष्‍पादित करवाया जाता है और एनटीपीसी यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि ठेकों के तहत अधिकतम रोजगार आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों व विस्‍थापितों को मिले।

सरकारी क्षेत्र का उपक्रम होने के नाते एनटीपीसी सामाजिक दायित्‍वों को लेकर सदैव सजग और प्रतिबद्ध रहा है. एनटीपीसी का मानना है कि हमारा विकास क्षेत्र और समाज के विकास के साथ जुडा है इस क्रम में एनटीपीसी ने दादरी क्षेत्र में युवाओं के कौशल उन्‍नयन के लिए आईटीआई का निर्माण करवाया है जिसमें वर्तमान में 04 ट्रेड में शिक्षा प्रदान की जा रही है इसमें 70 प्रतिशत सीटें विस्‍थापितों के लिए आरक्षित हैं. गांवों में विद्यालय भवन तैयार करवाए गए हैं. बालिकाओं के भविष्‍य को संवारने के लिए प्रत्‍येक वर्ष लगभग 40 बालिकाओं को बालिका सशक्तिकरण अभियान के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है दादरी क्षेत्र के गांवों में पक्‍के संपर्क मार्ग तैयार करवाए गए हैं पानी की सुविधा के लिए स्‍वच्‍छ जल योजना के तहत गांवों में हेंडपंप लगवाए गए हैं. तालाबों का जीर्णोद्धार करवाया गया है गांवों में शौचालयों के निर्माण में एनटीपीसी का सहयोग रहा है। दिव्‍यांगजनों के लिए 12 वीं तक मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित की जा रही है और एनएफएनडीआरसी के सहयोग से उनके जीवन को सरल बनाने के लिए उन्‍हें कृत्रिम अंग तैयार कर मुहैया करवाए जा रहे हैं. गांवों का विद्युतीकरण का काम पूर्ण हो चुका है. आगे भी एनटीपीसी सदैव सीएसआर कार्यों के लिए तत्‍पर है। एनटीपीसी के अधिकारी ने बताया कि जब भी उनके पास गांवों के विकास और सुधार कार्यों से जुड़ा कोई अच्‍छा प्रस्‍ताव आएगा, संस्‍थान का प्रयास रहेगा कि वह उन कार्यों को मन से करे।

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