बलिया में पेपर लीक मामले में जिला प्रशासन घुटनों पर, हटी संगीन धारायें, मिली जमानत

द्विग्विजय सिंह, उपर प्रमोद गुप्ता, अजित ओझा

बलिया। लगभग चार सप्ताह से चल रहे पत्रकारों के आन्दोलन में सोमवार को पहला सुखद मोड़ आया जब पेपर लीक मामले में दायर मुकदमे में माननीय जनपद न्यायालय ने तीनों पत्रकारों को जमानत दे दी है। ऐसा इसलिए संभव हो सका कि अपने साथियों की गिरफ्तारी के विरोध में जनपद के सभी पत्रकार आन्दोलन पर है और इस आन्दोलन को आम जनमानस का भरपूर समर्थन और सहयोग मिला। पुलिस ने अपनी विवेचना में तीनों थानों सिकन्दरपुर, नगरा, बलिया कोतवाली की प्राथमिकी में दर्ज सभी गैर जमानती संगीन धाराओं को हटा लिया है। इस प्रकरण में अब तीनों पत्रकारो पर केवल परीक्षा नियमावली और 66 आईटी एक्ट की ही धारायें शेष रह गई है, जिनकी अभी तफ्तीश चल रही है ।

पत्रकार दिग्विजय सिंह व मनोज गुप्ता की जमानत पहले ही हो गयी थी, आज अजित ओझा की भी जमानत याचिका स्वीकृत हो गई है ,इनके ऊपर से भी प्राथमिकी में दर्ज धारा 420 को भी विवेचना में हटा लिया गया है।जमानत स्वीकृत होने के बाद की रिहाई की कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है । इधर संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के संयोजक ने कहा कि आज की जमानत के बाद भी

पत्रकारों का 30 अप्रैल को होने वाले जेल भरो आंदोलन के कार्यक्रम में कोई बदलाव नही है, यह अपने तय समय पर होगा । इस एक महीने से चल रहे आंदोलन को पूरे देश के अनेकों बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपना अपना समर्थन दिया है। इधर पुलिस प्रशासन के विरोध में पत्रकारों का क्रमिक अनशन नौवें दिन भी कलेक्ट्रेट परिसर में जारी रहा।

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