जननी सुरक्षा योजना भुगतान की खराब प्रगति पर डीएम ने व्यक्त किया असंतोष..

मैनपुरी – जिलाधिकारी महेन्द्र बहादुर सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में समीक्षा के दौरान जननी सुरक्षा योजना के भुगतान कि खराब प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को आदेशित किया कि प्रसूताओं, आशाओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ सर्वोच्च प्राथमिकता पर दिया जाए, जो भी प्रसूता, आशा योजना का लाभ पाने से वंचित हैं उन्हें 1 सप्ताह में लाभान्वित किया जाए, प्रसव के समय ही प्रसूता से बैंक का विवरण, आधार कार्ड की प्रति ली जाए और तत्काल भुगतान किया जाए। डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि जननी सुरक्षा योजना का लाभ पाने से जो भी लाभार्थी वंचित हैं उनका विवरण तत्काल उपलब्ध कराया जाए।
          जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान पाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करहल, कुरावली, जिला महिला चिकित्सालय में भुगतान की प्रगति बेहद खराब है जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घिरोर द्वारा जननी सुरक्षा योजना का लाभ देने में बेहतर कार्य किया है। उन्होने स्वास्थ्य केंद्रवार जानकारी करने पर पाया कि गत वर्ष माह जून के सापेक्ष इस वर्ष माह जून तक बेवर में 138, घिरोर में 73, करहल में 74 संस्थागत प्रसव कम हुए हैं, इस पर उन्होंने संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को संस्थागत प्रसव की प्रगति सुधारने के निर्देश देते हुए कहा कि डिलीवरी के बाद डिस्चार्ज होने पर प्रसूता को उसके घर तक एंबुलेंस से भिजवाया जाए, स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती के दौरान उन्हें उत्तम क्वालिटी का खाना, नाश्ता मुहैया कराया जाए, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी स्वयं सप्ताह में एक बार खाने की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। उन्होने समीक्षा के दौरान आशा, संगिनी के मानदेय के भुगतान में विलम्ब के लिए जिम्मेदार स्वास्थ्य केन्द्र घिरोर, बेवर, कुरावली के बीसीपीएम सहित अन्य कर्मियों को नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिये।
          जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध अन्टाइड फंड का समय से प्रयोग किया जाये, उपलब्ध धनराशि से साफ-सफाई, एंटी लार्वा, फोगिंग करायी जाये, ब्लीचिंग पाउडर क्रय किया जाये, सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अन्टाइड फंड की धनराशि से मरीजों के बैठने हेतु फर्नीचर, पीने हेतु पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में भी प्रगति संतोषजनक नहीं है, आरबीएसके टीमें नियमित रूप से बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करें इस कार्य में आॅपचारिकता न निभाई जाये, सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध रहें, एम्बुलेंस सेवा 102, 108 में सभी जीवन रक्षक दवाएं, आधुनिक उपकरण उपलब्ध रहें। उन्होने परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत महिला, पुरुष नसबंदी के निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति करने के निर्देश प्रभारी  चिकित्सा अधिकारियों को दिए। उन्होने जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम, पीसीपीएनडीटी एक्ट की बिंदुवार समीक्षा की।
          बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के. पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला डा. ए.के. पचैरी, प्र. मुख्य चिकित्साधीक्षक डा.आर.के. सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जी.पी. शुक्ला, डीएमसी यूनीसैफ संजीव पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविन्द कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी विजय प्रताप, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. राजीव राय, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजीव राय बहादुर, जिला मलेरिया अधिकारी एस.एन.सिंह, डीपीएम संजीव सहित समस्त प्र. चिकित्साधिकारी, अन्य संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।