स्वाइन फ्लू को लेकर पैनिक न हों : सीएमओ

गाजियाबाद। स्वाइन फ्लू को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जनपद में जो मरीज सामने आए हैं उनमें से केवल 10 फीसदी मरीज ही ‘सी’ श्रेणी वाले हैं, बाकी 90 फीसदी मरीज ‘ए’ और ‘बी’ श्रेणी के हैं, इन्हें मात्र पांच से सात दिन तक एंटी स्वाइन फ्लू डोज देने की जरूरत होती है। ये बातें मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. एनके गुप्ता ने कहीं। सीएमओ ने कहा स्वाइन फ्लू से बचाव के जन जागरूकता की जरूरत है। इसके लिए नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय किया गया है। नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली गाडियों से स्वाइन फ्लू के प्रति जन जागरण किया जा रहा है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सफाई का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। सीएमओ ने कहा कि किसी को स्वाइन फ्लू होने पर उसके पास न जाएं। मरीज से कम से कम छह फीट की दूरी पर रहना चाहिए। पास जाना हो तो अपनी नाक पर रूमाल लगा लें। वैसे एहतियात के तौर पर, किसी को जुकाम भी हो तो नाक पर कपड़ा रखना बेहतर रहता है।

सौ पर पहुंचा जनपद में स्वाइन फ्लू के मरीजों का आंकड़ा

स्वाइन फ्लू एक तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है। यह एक विशेष प्रकार के एन्फ्लुएंजा वायरस (एन1एन1) से होता है। छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को यह वायरस सबसे पहले अपनी चपेट में लेता है। गाजियाबाद जनपद में अब तक स्वाइन फ्लू के सौ मरीज सामने आ चुके हैं। फ्लू से पीड़ित लोगों के परिवारों का स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन कराने की तैयारी कर रहा है। विशेषज्ञों के माने की स्वाइन फ्लू का खतरा मार्च तक रहने की आशंका है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहरी और देहात क्षेत्र में बीमारी से बचाव की जानकारी दी जा रही है।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

  1. इसके मरीज के लक्षण सामान्य मौसमी सर्दी बुखार जैसे ही होते हैं।
  2. नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना।
  3. गले में खराश।
  4. सर्दी-खांसी।
  5. तेज बुखार।
  6. सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द।
  7. उल्टी-दस्त होना।

बचाव के लिए ये सावधानियां हैं जरूरी —

  1. साफ-सफाई रखें।
  2. बार-बार साबुन-पानी से हाथ धोएं।
  3. खांसी, सर्दी और बुखार के रोगियों से दूर रहें।
  4. खांसते और छीकते समय मुंह व नाक पर कपड़ा रखें।
  5. स्टार्च और शर्करायुक्त भोजन का सेवन कम करें।
  6. उबला हुआ पानी पिएं, दही का सेवन न करें।
  7. सर्दी-जुकाम होने पर घर में रहकर आराम करें।