उत्तराखंड के आध्यात्मिक खजाने की जानकारी देती डॉक्यूमेंट्री फिल्म: ‘डिवाइन ट्रेल्स: स्पिरिचुअल ट्रेजर्स ऑफ उत्तराखंड’

देवभूमि उत्तराखंड अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य दिव्यता की खोज करने वालों को दिव्य मार्ग पर चलने की पूरी प्रक्रिया को दर्शाता है। उत्तराखंड भारत के कुछ सबसे पवित्र स्थलों का घर है। इसके अलावा, यह कई ऐसे अनजानी जगहों से भी घिरा हुआ है, जिनकी सदियों पुरानी उत्पत्ति के साथ अद्भुत शक्ति का विशेष महत्व है। ‘डिवाइन ट्रेल्स: स्पिरिचुअल ट्रेजर्स ऑफ उत्तराखंड’ (DIVINE TRAILS: Spiritual Treasures of Uttarakhand) राज्य में छिपे हुए कुछ ऐसे ही रोचक आध्यात्मिक खजानों को पेश करती डॉक्यूमेंट्री है। प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता और वॉयसओवर कलाकार दलीप ताहिल की आवाज में वर्णित की गई यह डॉक्यूमेंट्री हमारे देश की इस अनूठी सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने के इच्छुक लोगों को एक शानदार अवसर प्रदान करती है।

इस शो का प्रीमियर 27 मई को डिस्कवरी एसडी और एचडी पर शाम 7:10 बजे और 31 मई को डिस्कवरी+ पर होगा। यह डॉक्यूमेंट्री उत्तराखंड में कुछ छिपे हुए दिव्य स्थल और उनके समृद्ध इतिहास का स्पष्ट रूप से चित्रण करती है। साथ ही कुछ अनछुए पहलुओं पर भी प्रकाश डालती है। इस डॉक्यूमेंट्री में ऋषिकेश के पास कुंजापुरी मंदिर की गूंजती शक्ति जो एक स्थिर दिल की धड़कन की तरह पहाड़ों के माध्यम से गूँजती है, पूर्णागिरि का पवित्र निवास जहां सांसारिक चिंताएं हवा में विलीन हो जाती हैं और दिव्यता के मार्ग को रोशन करने वाले पवित्र प्रकाश स्तंभ के रूप में काम करती हाट कालिका मंदिर की दिव्य ज्वालाओं के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है।

दर्शकों को आध्यात्मिक यात्रा में आगे ले जाते हुए, यह फिल्म अल्मोड़ा में गोलू देवता मंदिर के साधकों को आशीर्वाद और न्याय प्रदान करने के महत्व को बताती है। साथ ही पाताल भुवनेश्वर मंदिर की आश्चर्यजनक चट्टान संरचनाओं और भूमिगत धाराओं की स्वर्ग समान अलौकिकता और रुद्रप्रयाग का कार्तिक स्वामी मंदिर, जहां ठंडी पहाड़ी हवाएं शांति की गहन भावना में समा लेती है। उत्तराखंड राज्य दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रकृति की भव्यता और मानव प्रतिभा के शानदार संगम का गवाह है। जैसा कि कांची धाम के दिव्य स्थानों में देखा जा सकता है, जो नीम करोली बाबा, कटारमल मंदिर में उपस्थित है, जहां ऐसा प्रतीत होता है कि समय थम गया हो, और विशाल देवदार के पेड़ों के बीच प्राचीन मंदिरों से घिरा जागेश्वर धाम, जो पत्थर की उत्तम नक्काशी से सुशोभित है।

इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में आदि कैलाश और ओम पर्वत के पवित्र स्थलों का चित्रण दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। कैलाश पर्वत के समान आदि कैलाश और ॐ पर्वत का स्वाभाविक रूप से निर्मित “ओम” प्रतीक एक आध्यात्मिक शक्ति रखता है जो साधकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिससे वे इन दिव्य अभिव्यक्तियों की रहस्यमय भव्यता से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। डॉक्यूमेंट्री के महत्व के बारे में बात करते हुए, उत्तराखंड सरकार में पीडब्ल्यूडी, पर्यटन, संस्कृति और सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा, “दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भारत से आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा देने की सख्त आवश्यकता है। मैं इस बहुमूल्य जानकारी को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए टीम के प्रयासों की सराहना करता हूं।” श्री सचिन कुर्वे जो कि एक आईएएस है और उत्तराखंड सरकार में पर्यटन सचिव और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के सीईओ है उन्होंने कहा कि, “उत्तराखंड दिव्य अनुभवों के खोज करने की बहुतायत प्रदान करता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम विजुअल मीडिया के माध्यम से अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जागरूकता पैदा करें ताकि वे दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच सकें। डॉक्यूमेंट्री के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बात करते हुए, दलीप ताहिल ने कहा, “डिवाइन ट्रेल्स पर काम करना मेरे लिए बेहद अच्छा अनुभव रहा है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे यह डॉक्यूमेंट्री देखें, जिसे हमने इस उम्मीद में बनाया है कि यह उनकी आध्यात्मिक यात्रा का मार्ग आनंदमय करें।

https://www.youtube.com/watch?v=wOXi1RB-hpo

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