सीतापुर। मछरेहटा में मुख्य विकास अधिकारी, डीडीओ, पीडी, डीपी आरओ व मनरेगा डीसी ने विकास खण्ड मछरेहटा का निरीक्षण कर ब्लॉक के सभी कार्यलयों में रखे दस्तावेजो व पत्रावलियों की जांच की। वहीं खामियां मिलने पर सम्बंधित कार्मिकों को कड़ी फटकार लगाई। बताते चले कि मछरेहटा विकास खण्ड में ब्रहस्पतिवार को जिले के चार वरिष्ठ अधिकारियों ने औचक निरीक्षण किया जिसमें राष्ट्रीय आजीविका मिशन, कृषि, सहकारिता, पंचायत आदि विभागों के एडीओ व कार्मिकों से उनके कार्यो को लेकर जवाब सवाल किए।
ब्लॉक के सभी कार्यालयों के दस्तावेज जांचे, कई कार्मिकों को लगाई फटकार
मुख्य विकास अधिकारी अक्षत वर्मा ने ब्लॉक में बने ऑफिस की छत की मरमम्त व 5 किलो वाट का सोलर पैनल लगाने के आदेश दिए। वही उन्होंने ब्लॉक के मुख्य बाबू से सभी अधिकारियों की सर्विस बुक मंगवाई और साथ ही साथ जीपीएफ व एनपीएस आदि की फाइलें देखी और कमी मिलने पर सुधारने के आदेश दिए। वही डीसी मनरेगा जितेंद्र मिश्रा ने मनरेगा व आजीविका मिशन के मिशन मैनेजर से स्वयम सहायत से सम्बंधित जानकारी माँगी व कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने आजीविका मिशन के ऑफिस को ब्लॉक परिसर में दूसरी जगह शिफ्ट करने को कहा।
सीडीओ के आगे नही आये कोई सचिव
जब मछरेहटा विकास खण्ड परिसर में सभी कार्यालयों का निरीक्षण मुख्य विकास अधिकारी कर रहे थे तो उन्होंने सहायक विकास अधिकारी पंचायत के कार्यालय में सभी सचिवों को बस्ता लेकर आने को कहा तो केवल एक सचिव दिनकर यादव पहुंचे बाकी सारे सचिव इधर-उधर बगले झांकते नजर आए। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के आइएसबी एसपी दुबे ने मछरेहटा ब्लाक के स्वयं सहायत समूह द्वारा बनाये जा रहे उत्पाद के बारे में मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया कि क्षेत्र के गांव हरपालपुर में संचालित जयगुरुदेव स्वयं सहायत समूह की अध्यक्ष ममता यादव व सभी महिला सदस्यों द्वारा सुगंधित हर्बल साबुन बनाया जा रहा है तो सीडीओ ने महिला स्वयं सहायत के सभी उत्पादों को खरीद कर यूपीआई से भुगतान किया।
स्वयं सहायत से साबुन की ब्रांडिंग करने की सलाह दी। उसके बाद सभी अधिकारीगण क्षेत्र में हुए विकास कार्यो का जायजा लेने के लिए बनियामाऊ, अनोगी व परसदा के लिए रवाना हो गए। जहां उन्होने खेल मैदान, गौशालाओं व पंचायत भवन का निरीक्षण किया दैनिक भास्कर के एक सवाल की जल जीवन मिशन के द्वारा गांव-गांव सड़के खोद कर डाल दी गयी है पर सीडीओ अक्षत वर्मा ने बताया की जल जीवन मिशन का कार्य दो कंपनियों को दिया गया है जिनकी 10 वर्षो तक जिम्मेदारी रहेगी कि जहां-जहां सड़के खोदी है वहां-वहां उसको यथास्थिति में लाने की जिम्मेदारी रहेगी अभी कार्य चल रहा है कम से कम कार्य पूर्ण होने के बाद 2 से 3 महीने उसको सही कराने में लग जाएगा।