
नई दिल्ली। जब देश की युवा पीढ़ी अपने करियर को लेकर उलझनों में घिरी होती है, तब कुछ मार्गदर्शक ऐसे होते हैं जो सिर्फ रास्ता नहीं दिखाते, नई सोच और आत्मबल भी देते हैं। डॉ. प्रदीप कुमार, एक ऐसा ही नाम है, जिन्होंने श्रीराम IAS एकेडमी की स्थापना कर न केवल UPSC जैसी कठिन परीक्षा को सरल बनाया, बल्कि शिक्षा के मायने ही बदल दिए।

केवल कोचिंग नहीं, एक संस्कारशाला
जहां ज्यादातर कोचिंग संस्थान पढ़ाई और परिणामों तक सीमित हैं, वहीं श्रीराम IAS एकेडमी एक मानवीय शिक्षण केंद्र बनकर उभरी है। यहां छात्रों को न सिर्फ पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है, बल्कि उन्हें मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक दृष्टि से भी मजबूत बनाया जाता है।

डॉ. प्रदीप कुमार का मानना है—
“UPSC की तैयारी केवल किताबों से नहीं, सोच और संतुलन से होती है।”
सपनों को पहचानने वाला शिक्षक*
डॉ. कुमार का शैक्षणिक दृष्टिकोण पारंपरिक तरीकों से अलग है। वह प्रत्येक छात्र के भीतर छुपे संभावनाओं के बीज को पहचानते हैं, उन्हें सींचते हैं और सही मार्गदर्शन से उन्हें फलने-फूलने का अवसर देते हैं। यही कारण है कि उनके छात्रों की सफलता की कहानियां आज देशभर में गूंज रही हैं।
मानसिक स्वास्थ्य: एक अनदेखा लेकिन अहम पहलू*
शिक्षा की दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य पर बात कम होती है, लेकिन डॉ. कुमार ने इस विषय को मुख्यधारा में लाने का बीड़ा उठाया है। उनके द्वारा आयोजित थेरेपी सेशन, तनाव प्रबंधन कार्यशालाएं और नियमित काउंसलिंग छात्रों को न सिर्फ सफल बनाती हैं, बल्कि उन्हें जीवन जीने की कला भी सिखाती हैं।
कोरोना काल में भी बना सहारा
COVID-19 के दौर में जब स्कूल, कोचिंग और विश्वविद्यालय बंद थे और छात्र मानसिक रूप से परेशान थे, तब डॉ. कुमार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हजारों छात्रों को सहारा दिया। उनके वेबिनार और लाइव सेशंस ने छात्रों में आशा और सकारात्मकता का संचार किया।
अभिभावकों और शिक्षकों को भी जोड़ा अभियान से*
शिक्षा केवल छात्र तक सीमित नहीं है। इस सोच को लेकर डॉ. कुमार अभिभावकों और शिक्षकों के लिए विशेष सेमिनार आयोजित करते हैं, जिसमें बच्चों के व्यवहार, उनके मनोविज्ञान और संवेदनशीलता को समझने पर बल दिया जाता है।
राष्ट्र स्तर पर मिली सराहना*
उनके प्रयासों को केवल छात्र ही नहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराह चुके हैं। प्रधानमंत्री द्वारा भेजा गया प्रशंसा पत्र इस बात का प्रमाण है कि डॉ. कुमार का योगदान केवल शिक्षा में नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण है।
एकेडमी जो कर रही है नई परिभाषा तय*
आज के समय में जब शिक्षा व्यवसाय बन गई है, ऐसे में श्रीराम IAS एकेडमी आदर्श मॉडल के रूप में उभरी है। यहां शिक्षा एक मूल्य आधारित प्रक्रिया है, जिसमें उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, एक संवेदनशील और सक्षम नागरिक बनाना है।
भविष्य से जुड़ने की राह*
अगर आप या आपके परिवार में कोई छात्र UPSC की तैयारी कर रहा है या करियर को लेकर भ्रम में है, तो डॉ. प्रदीप कुमार से जुड़ना आपके लिए मार्गदर्शक साबित हो सकता है। उनकी एकेडमी की वेबसाइट है:
👉 www.shriramiasacademy.com
यह केवल एक कोचिंग नहीं, एक आंदोलन है — युवाओं को सक्षम, सजग और सजग नागरिक बनाने का।
निष्कर्ष: शिक्षा को एक दिशा दे रहे हैं डॉ. कुमार”*
देश को यदि उज्ज्वल भविष्य देना है, तो हमें ऐसे शिक्षकों की आवश्यकता है जो केवल किताबें न पढ़ाएं, बल्कि जीवन पढ़ना सिखाएं। डॉ. प्रदीप कुमार अपने कार्यों, दृष्टिकोण और समर्पण से यही कर रहे हैं।
श्रीराम IAS एकेडमी उनका माध्यम है, और हर छात्र उनका मिशन।