लिवर की बीमारी से पीड़ित अनेक मरीजों के लिए तारणहार बने डॉ. विवेक गुप्ता : 1000+ लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न की

भास्कर समाचार सेवा 
डॉ विवेक गुप्ता उत्तर प्रदेश में लिवर सम्बन्धी बिमारियों के इलाज में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं I वे पित्ताशय और आंतो के कैंसर सहित हेपेटोबिलरी और पैंक्रियास संबंधी विकारों के उपचार में भी विशेषज्ञ हैं।
नई दिल्ली। भारत में डॉ. विवेक गुप्ता लिवर ट्रांसप्लांट(प्रत्यारोपण) सर्जरी में एक जाना पहचाना नाम है। डॉ. गुप्ता एक सफल लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन है। उन्होंने उत्तरप्रदेश में लिवर और पेट के जटिल रोगों की बीमारी से पीड़ित अनेक मरीजों की सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न कर उनके जीवन में खुशियों के रंग भरे हैं। वे हाल में मेदांता, लखनऊ में लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार और प्रभारी हैं। वर्तमान समय में लिवर की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लाइफस्टाइल और आहार से संबंधित गड़बड़ियों ने इस महत्वपूर्ण अंग की बीमारियों के जोखिम को काफी बढ़ा दिया है। देश में बड़ी संख्या में युवा, लिवर रोगों का शिकार हो रहे है। डिस्टर्ब लाइफस्टाइल और अस्वास्थ्यकर खानपान की वजह से बीते दो दशकों में लिवर सिरोसिस के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। भारत में प्रति वर्ष लिवर रोगों व लिवर कैंसर से लगभग दो लाख लोगों की मौत हो जाती है। देश में हर वर्ष 30 से 35 हजार लोगों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है। डॉ विवेक गुप्ता कहते हैं कि, “लिवर फेलियर के इलाज में, लिवर ट्रांसप्लांट एक जटिल लेकिन जीवनरक्षक प्रक्रिया है, जो गंभीर लिवर रोगों जैसे सिरोसिस, अत्यधिक पीलिया और पेट में पानी बढ़ने की स्थिति में बेहद प्रभावी साबित होती है। इस प्रक्रिया में खराब लिवर को दूर करके स्वस्थ डोनर लिवर प्रत्यारोपित किया जाता है, जिससे मरीज 15-20 दिनों में स्वस्थ जीवन की ओर लौट सकता है। डॉ. विवेक गुप्ता वर्ष 2013 से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लिवर ट्रांसप्लांट(प्रत्यारोपण) और पेट के अंगों की सर्जरी के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने भारत और विदेशों के सर्वश्रेष्ठ केंद्रों में लिवर और गैस्ट्रो सर्जरी में व्यापक स्तर पर गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने वर्ष 2002 में सेठ GS मेडिकल कॉलेज और KEM हॉस्पिटल, मुंबई से स्नातक किया तथा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से जनरल सर्जरी में MS और चीफ रेजीडेंसी पूर्ण की थी। इसके बाद वर्ष 2009-2011 में उन्होंने सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली से सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट में फेलोशिप प्राप्त की और बेलर यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर, डलास, USA (2011-2013) से पेट/उदर अंग प्रत्यारोपण सर्जरी में फेलोशिप प्राप्त की थी। डॉ. विवेक गुप्ता बीते 12 सालों से उत्तर प्रदेश राज्य में अंगदान और लिवर ट्रांसप्लांट की स्थापना से संबंधित विभिन्न संगठनात्मक, शैक्षणिक और सामुदायिक गतिविधियों में प्रत्यक्ष रूप में शामिल रहे हैं । उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य में पहला मृतक दाता लिवर ट्रांसप्लांट (यकृत प्रत्यारोपण) वर्ष 2013 में किया था। हाल में अपनी स्कील का उपयोग शिक्षण, प्रशिक्षण के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए मरीजों की देखभाल के माध्यम से कर रहे हैं। खास ध्यानाकर्षक बात है कि, उनकी देखरेख में 30 से अधिक मल्टी ऑर्गेन डोनेशन(बहु-अंग दान) सर्जरी की गईं हैं, जो उत्तर प्रदेश में इस तरह की सबसे बड़ी संख्या है। उन्होंने लाइव डोनर लिवर ट्रांसप्लांट की भी शुरुआत की और उत्तर प्रदेश में एक सफल लिवर ट्रांसप्लांट कार्यक्रम शुरू किया। उनकी देखरेख यूपी की राजधानी लखनऊ में 100 से अधिक लाइव डोनर लिवर ट्रांसप्लांट किए गए हैं जो इस तरह की सबसे बड़ी संख्या है। वर्तमान में वह गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर आदि जैसे विभिन्न शहरों से बडी संख्या में रेफर किए गए के लिवर फेलियर के मामलों का संचालन रहे हैं। उनके डॉक्टरों की टीम में हेपेटोलॉजिस्ट, आईसीयू विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट आदि शामिल हैं, जो लीवर के मरीजों को बेहतरीन देखभाल प्रदान करने में निपुण हैं। प्रत्यारोपण के अलावा डॉ. विवेक गुप्ता यकृत, पित्ताशय और पैंक्रियास के कैंसर सहित हेपेटोबिलरी और आंतो संबंधी विकारों के उपचार में भी विशेषज्ञ हैं। उनके पास 1000 से अधिक लीवर ट्रांसप्लांट और 5000 से अधिक जटिल गैस्ट्रो सर्जरी केसों को हैंडल करने का अनुभव है। डॉ. गुप्ता लिवर ट्रांसप्लांट सोसाइटी ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्य हैं और उन्हें 2022 में अमेरिकन कॉलेज ऑफ सर्जन की प्रसिद्ध फेलोशिप भी मिली है। डॉ. विवेक गुप्ता ने कई रिसर्च प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं। उनके नाम से 50 से ज़्यादा प्रकाशन और वैज्ञानिक प्रेजेंटेशन हैं, जो मेडिसिन की कला और विज्ञान में उनकी पहल दर्शाती हैं।उन्होंने वर्ष 2004 में औद्योगिक विज्ञान और अनुसंधान केंद्र, लखनऊ के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर न्यूक्लियर मैग्नेटिक रिजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग करके उनके मेटाबोलिक छाप के आधार पर टिश्यू को कैंसर, क्षय रोगग्रस्त आदि के रूप में अलग करने का तरीका खोजा था। उन्होंने विश्व में पहली बार यकृत और पित्त संबंधी सर्जरी के दौरान इंट्रा-ऑपरेटिव अल्ट्रासाउंड तकनीक का नया प्रयोग वर्णित किया। दुनिया में पहली बार जीवित डोनर लिवर ट्रांसप्लांट के दौरान उपयोग के लिए वर्णित यकृत शिराओं (हिपेटीक शिराओं) के इंट्रा-ऑपरेटिव 3D प्रिन्टेड कद के साथ सुसंगत मॉडल का उपयोग किया। इस तकनीक को वर्ष 2022 में अमेरिकन कॉलेज ऑफ सर्जन्स की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया था। लिवर ट्रांसप्लांट और पेट के अंगों की सर्जरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. विवेक गुप्ता को भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश राज्य सरकार तथा स्वास्थ्य सेवा से जुड़े संगठनों द्वारा अनेक अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

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