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दिल में थक्का जमने से धड़कन बहुत तेज होजाती है: डॉ. कुणाल

भास्कर ब्यूरो
कानपुर,यूपी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले जाड़े में खून का थक्का जमने की समस्या को लेकर सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रथम वक्ता सीनियर फिजीशियन एवं आईएमए उपाध्यक्ष डॉ. कुणाल सहाय ने बताया कि अगर धड़कन बहुत तेज हो जाती है तो यह दिल में थक्का जमने का संकेत होता है। उस व्यक्ति को तुरंत जांच करा लेनी चाहिए। दिल में जमा थक्का जब मस्तिष्क में पहुंचता है तो ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है।

जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ हर्ष अग्रवाल ने एट्रियल फाइब्रिलेशन के इलाज के बारे में आधुनिक दवा व आपरेशन के बारे में जानकारी दी उन्होंने बताया कि ऑपरेशन आजकल बिना सीना खोले भी किया जा सकता है और बहुत ही कारगर, नवीनतम दवाइयां हैं जो उपलब्ध है उनके बारे में जानकारी दी।

डॉक्टर एके सिंह, रीजेंसी हॉस्पिटल के सीनियर पल्मनोलॉजिस्ट है उन्होंने वीनस अंबो एम्बुलेंस यानी नसों में खून का थक्का जमने से फेफड़ों के आघात और उसके इलाज के बारे में डॉक्टरों को अवगत कराया। यह एक ऐसी बीमारी है जो कि अक्सर लंबे टाइम से बिस्तर पर पड़े मरीज, वृद्ध व्यक्ति या लंबी हवाई यात्रा के बाद भी हो सकती है इसलिए इस बीमारी की जानकारी व बचना जरूरी भी है और अगर बीमारी हो जाए तो समय रहते डॉक्टर से संपर्क कर इलाज करके जीवन बचाया जा सकता है।आईएमए सचिव डॉ विकास मिश्रा ने वक्ताओं का परिचय कराया।
कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक सचिव डॉ. गणेश शंकर ने किया। इस कार्यक्रम में डॉ.ए.सी. अग्रवाल, चेयरमैन साइंटिफिक कमिटी, डॉ ए.के. त्रिवेदी, डॉ आशुतोष त्रिवेदी. डॉ दीपक श्रीवास्तव (फाइनेंस सचिव) डॉ ए.के. शाह, डॉ सौरभ लूथरा एवं डॉ किरण सिन्हा आदि मौजूद रहे।

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