शुक्रवार को उत्तराखंड के चंपावत में भूकंप मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया। यह अभ्यास पूर्वाह्न 10:45 बजे भूकंप के झटकों की सूचना के साथ शुरू हुआ। जैसे ही झटके महसूस हुए, जिलाधिकारी नवनीत पांडे और इंसीडेंट रिस्पॉन्स टीम (आईआरएस) के सभी अधिकारी जिला कार्यालय सभागार में जुट गए। मॉक ड्रिल के दौरान जानकारी दी गई कि भूकंप का केंद्र नेपाल में था और इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.2 दर्ज की गई। चंपावत जिले में प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार जीआईसी चंपावत, जीआईसी लोहाघाट, स्वाला और संतोला में नुकसान की सूचना मिली। इन विद्यालयों में मॉक ड्रिल के तहत बच्चों के फंसे होने का परिदृश्य बनाया गया।
राहत और बचाव कार्य की तैयारीजिलाधिकारी के निर्देश पर गोरलचौड़ मैदान को स्ट्रेजिंग एरिया बनाया गया। यहां से राहत और बचाव टीमों को तुरंत प्रभावित स्थानों के लिए रवाना किया गया। आईआरएस टीम ने मॉक ड्रिल के तहत आपदा प्रबंधन की रणनीतियों का पालन करते हुए कार्य किया। जिले के अन्य स्थानों से भी नुकसान की प्राथमिक सूचनाएं जुटाई गईं।
मॉक ड्रिल का उद्देश्यमॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखना और इमरजेंसी रिस्पॉन्स को मजबूत करना था। इस अभ्यास में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और राहत कर्मियों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने मॉक ड्रिल की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि इस तरह के अभ्यास आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक हैं।