झारखंड के लातेहर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है. यहाँ लातेहार जिले में लुरगुमी कला गांव के 65 वर्षीय रामचरण मुंडा की बुधवार रात को मौत हो गई. बता दे परिवार को तीन महीने से उनके परिवार को राशन नहीं मिला था, जबकि बीते चार दिन से घर वाले भूखे थे. मौत का कारण भूख बताया गया है. . मिली जानकारी के मुताबिक 65 वर्षीय राम चरण मुंडा ने पिछले चार दिन से कुछ भी नहीं खाया था. मृतक की बेटी के हवाले से कहा गया कि उन्हें तीन माह से राशन नहीं मिला था। दरअसल, गांव में राशन देने के लिए बायोमीट्रिक आधारित जिस इलेक्ट्रॉनिक मशीन का इस्तेमाल होता था, वह कई दिन से काम नहीं कर रही थी। नतीजतन पीड़ित परिवार को राशन नहीं मिल सका.
इस घटना के बाद पूरे इलाके में हडकंप मच गया. वही इस घटना की सूचना मिलते ही मनरेगा सहायता केंद्र की अधिकारी अफसाना रामचरण के घर पहुंचीं. उन्होंने बताया कि वे जब रामचरण मुंडा के घर पहुंचीं तो पता चला कि घर में अनाज का एक दाना नहीं था और तीन दिन से घर में चूल्हा नहीं जला था. सरकारी राशन की दुकान चलाने वाला डीलर बायोमेट्रिक मशीन में नेटवर्क न आने का बहाना बनाकर 3 महीने से राशन नहीं दे रहा था. सूचना मिलने के बाद रामचरण मुंडा के परिवार को 50 किलो राशन और 2 हजार रुपए दिए गए.
Latehar: 65-yr-old Ramcharan Munda died allegedly from starvation y'day, because electronic machine used for biometric-based ration delivery wasn't working. His daughter says, "we haven't received ration since past 3 months. He hadn't eaten anything in past 4 days". #Jharkhand pic.twitter.com/m9pZbf8Cxc
— ANI (@ANI) June 7, 2019
इस घटना पर क्या कहते है एसडीएम
वही इस मामले की जानकारी पर सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) सुधीर कुमार ने भी मीडिया को बताया की “उनकी मौत भूख से हुई है…यह फिलहाल साबित नहीं हो पाया है. उन्हें आयुष्मान भारत योजना, राशन कार्ड और पेंशन सरीखी सुविधाएं मुहैया कराई गई थीं. हमारे यहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, इसलिए हम फिलहाल ऑफलाइन ही राशन बांट रहे हैं.”
इस घटना पर क्या कहते है बीडीओ प्रीति किस्कू
इस मामले पर बीडीओ प्रीति किस्कू का कहना है कि रामचरण मुंडा की मौत भूख से नहीं लू लगने से हुई है. अनाज न मिलने की शिकायत पर जांच की जाएगी. एसडीएम सुधीर कुमार ने कहा है कि अभी तक रामचरण मुंडा की मौत भूख से होना साबित नहीं हुआ है. आयुष्मान भारत, राशन कार्ड और पेंशन योजना का लाभ वो उठा रहा था. यहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, ऑफलाइन वितरण का रास्ता निकाला जा रहा है.
जानकारी के लिए बताते चले झारखंड में मौजूदा समय में मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का शासन है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार जिला प्रशासन के हवाले से कहा गया कि मुंडा की जान उनकी शराब पीने की लत की वजह से हुई है . दावा है कि दो दिन पहले ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि मृतक के परिवार में पिछले तीन से चूल्हा नहीं जला था.
ग्रामीणों के अनुसार
उन्होंने जिला प्रशासन से राशन आवंटन को लेकर शिकायत भी की, पर हालात जस के तस रहे। वहीं, उसी ब्लॉक में मनरेगा सेवा केंद्र चलाने वाली अफसाना खातून ने बताया, “मुंडा दिहाड़ी मजदूर थे और गांव में पत्नी व बेटी के साथ रहते थे। तीन महीने से उनके परिवार को राशन नहीं मिला था।”
सरकारी राशन की बिक्री में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम अनिवार्य किया गया था. जिसमें राशन कार्ड लाने वाले के अंगूठे का निशान लगता था. मशीन की समस्या ये है कि वो पहाड़ी और दूर दराज के इलाकों में काम नहीं करती. इसी का बहाना बनाकर डीलर ने 3 महीने से राशन रोक रखा था.