मंदिर की भूमि पर कब्जा, आयुक्त से की मुक्त कराने की मांग

बाबा मनोहर नाथ मंदिर की पीठाधीश्वर गुरु मां नीलिमा नंद महाराज ने लगाए आरोप

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहर नाथ मंदिर की पीठाधीश्वर गुरु मां नीलिमा नंद महाराज ने आयुक्त से मिलकर मंदिर की भूमि को कब्जा मुक्त कराने की मांग की। इस दौरान उनके साथ उनकी निजी सचिव मुक्ता चौधरी व पंडित शक्ति प्रसाद शर्मा रहें। बताया, अब बाबा मनोहर नाथ मंदिर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। भू माफियाओं द्वारा मंदिर की भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। आरोप लगाया, यह सब सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के दबाव में किया जा रहा है।

गुरु मां ने बताया, मंदिर का अस्तित्व मिटाने का षड्यंत्र फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया जा रहा है। इससे पूर्व माफिया फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मंदिर की भूमि बेच चुके हैं, जिसकी उन्होंने जांच करवाने की मांग की है। भूमि कब्जाने वाले दोषी लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग उन्होंने की है। ट्रस्ट के मंत्री पंडित शक्ति प्रसाद शर्मा ने बताया, हिंदू समाज ने सन 1858 को उक्त जमीन मंदिर के लिए मनोहर सिंह को दी थी। बाबा मनोहरनाथ नाम से प्रसिद्ध इस व्यक्ति ने वर्षों तपस्या की थी तथा इस स्थान पर उन्होंने समाधि ली। तब से इस स्थान पर बाबा मनोहरनाथ मंदिर की स्थापना हुई। इस मंदिर का इतिहास लगभग 500 वर्षों का है। गुरु मां का आरोप है, कुछ लोग फर्जी दस्तावेज बनाकर बाबा मनोहर नाथ के वारिस बताकर लगभग 100 करोड़ की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करना चाहते हैं। भूमाफिया अब इस मंदिर के अस्तित्व को समाप्त करना चाहते हैं।

26 बीघा भूमि पर कब्जे का आरोप
उन्होंने बताया, इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को भी पत्र लिखा गया है। हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से निष्पक्ष न्याय संगत जांच की मांग की गई है, ताकि मंदिर को 26 बीघा जमीन वापिस दिलाई जा सके।

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