महुआ मोइत्रा का पीछा नही छोड़ रही एथिक्स कमेटी, पूछताछ के लिये 2 नवंबर को बुलाया

नई दिल्ली। संसद में सवाल के बदले पैसे (कैश फॉर क्वेरी) मामले में फंसी TMC सांसद महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी ने पेश होने के लिए तारीख दे दी है। शनिवार 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को ही पेश होने को कहा है। कमेटी ने ये भी कहा कि इस तारीख में कोई बदलाव नहीं होगा।

महुआ ने शुक्रवार 27 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही मौजूद हो पाएंगी। इससे पहले कमेटी ने महुआ को 31 अक्टूबर को पेश होने को कहा था।

इधर, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने मित्र और बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को संसद का अपना लॉगइन पासवर्ड दिया था। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने इसके बदले में कैश या महंगे गिफ्ट लिए।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद ने कहा- उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से सिर्फ एक स्कार्फ, लिपस्टिक और आईशैडो लिया था, वो भी एक फ्रेंड के तौर पर। इसके साथ ही अपने बंगले के रेनोवेशन के लिए उन्होंने हीरानंदानी से मदद मांगी थी।

एक इंटरव्यू में मोइत्रा ने कहा- कोई भी सांसद अपना सवाल खुद टाइप नहीं करता। मैंने दर्शन हीरानंदानी को पासवर्ड और लॉग-इन दिया था ताकि उनके दफ्तर में कोई कर्मचारी सवाल टाइप कर के अपलोड कर दे। महुआ ने कहा- सवाल अपलोड करते समय फोन पर एक ओटीपी आता है। इसके लिए मेरा फोन नंबर दिया गया है। ऐसे में ये सवाल नहीं उठता कि दर्शन या फिर कोई और मेरी जानकारी के बिना सवाल अपलोड कर सकते थे।

मैं महंगे जूते तब से पहन रही, जब देहाद्राई स्पेलिंग नहीं जानते थे

सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के आरोपों का जिक्र करते हुए मोइत्रा ने कहा- मेरी देहाद्राई के साथ पालतू डॉग की कस्टडी को लेकर लड़ाई है। सोचिए यह कितना हास्यास्पद है। TMC सांसद ने आगे कहा- मेरे ऊपर आरोप लगा कि मैं महंगे जूते पहनती हूं।

आपको पता होना चाहिए, मैं एक बैंकर थी। मेरे पास 35 जोड़ी फेरागामो जूते हैं। मैं फेरागामो तब से पहन रही हूं जब जय देहाद्राई को यह पता नहीं था कि इसकी स्पेलिंग क्या है। उन्होंने देहाद्राई की शिकायत को पूरी तरह से फर्जी बताया और कहा- आपने निजी रिश्ते में नाकाम रहे एक व्यक्ति का इस्तेमाल एक फर्जी शिकायत दर्ज कराने में किया।

हीरानंदानी ने स्कार्फ, लिपस्टिक और आईशैडो गिफ्ट किया

संसद में सवाल पूछने के बदले हीरानंदानी से गिफ्ट लेने के आरोपों पर मोइत्रा ने कहा, दर्शन ने बतौर करीबी मित्र के तौर पर चार साल पहले बर्थडे पर मुझे एक स्कार्फ गिफ्ट किया था। इसके अलावा मैंने उनसे बॉबी ब्राउन मेकअप सेट मांगा था लेकिन उन्होंने मुझे एक मैक आईशैडो और लिपस्टिक दिया था।

उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जब भी वो मुंबई या दुबई में होती थीं दर्शन हीरानंदानी की कार उन्हें एयरपोर्ट से पिक और ड्रॉप करती थी। उन्होंने कहा- मैं ये स्वीकार करती हूं कि निजी रिश्ते चुनने के मामले में मैंने गलती की है, लोगों को चुनने के मामले में मेरा टेस्ट खराब है, मैं मानती हूं मैं इसकी दोषी हूं और मुझे इससे जल्द बाहर निकलना है।

बंगले के रिनोवेशन के लिए हीरानंदानी के आर्किटेक्ट को बुलाया

मोइत्रा ने उन आरोपों से भी इंकार कर दिया जिसमें कहा गया था कि बंगले के रिनोवेशन के लिए हीरानंदानी ने उन्हें पैसे दिए थे। इस पर महुआ बोलीं- जब मुझे मेरा निजी सरकारी बंगला आवंटित किया गया था, तो यह पुराना सा था। मैंने दर्शन से पूछा कि क्या वह अपने आर्किटेक्ट को बुला सकते हैं जिससे दरवाजों को रि-डिजाइन किया जा सके ताकि लाइट अंदर आ सके।

अदाणी के खिलाफ सवाल पूछने के लिए हीरानंदानी से पैसे लेने के आरोप के बारे में उन्होंने कहा- आप बताएं पैसे कहां हैं? मुख्य बात साबित करनी होगी कि इसमें आपसी मिलीभगत थी। दर्शन ने अपने हलफनामे में लिखा कि वो नरेंद्र मोदी के बड़े फैन हैं, तो फिर उन्होंने अदाणी पर हमला क्यों किया? मेरे सवालों को लेकर देहाद्राई ने जो बयान दिया है वो मजाक है।

गौतम अडाणी ने सवाल न करने के लिए पैसे देने की पेशकश की

अडाणी समुह को लेकर महुआ ने माना कि संसद में पूछे गए उनके 9 सवाल अडाणी समूह से जुड़े हुए थे। वो सवाल वाजिब और देश हित में थे। महुआ मोइत्रा ने यह भी आरोप लगाया कि गौतम अडाणी ने उन्हें सवाल न करने के लिए पैसे देने की पेशकश की थी।

मोइत्रा ने दावा किया, अडाणी ने पिछले तीन सालों में दो लोकसभा सांसदों के माध्यम से मुझसे संपर्क किया है कि मैं उनके साथ बैठूं और एक सौदा करूं, लेकिन मैंने इनकार कर दिया है। मुद्दा यह है कि वह सवाल न करने के लिए कैश दे रहे थे।

मोइत्रा ने आगे कहा- पिछले हफ्ते उनसे दोबारा संपर्क किया गया और चुप रहने के लिए कहा गया। सांसद ने कहा- मेरे पास एक मैसेज आया कि इसे जल्द खत्म करो। चुनाव खत्म होने तक छह महीने तक चुप रहें। बाद में सब कुछ ठीक हो जाएगा। अगर आप अडाणी पर हमला करना चाहती हैं, तो करिए लेकिन PM का नाम मत लीजिए।

पार्टी से समर्थन नहीं मिलने पर क्या कहा

तृणमूल कांग्रेस पार्टी से समर्थन न मिलने को लेकर उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा- मैं पार्टी की वफादार सेवक हूं और मरते दम तक रहूंगी। जन्म देने वाली मां तो नहीं, लेकिन ममता बनर्जी मेरी मां की तरह हैं। इससे जुड़े सवाल निराधार हैं।

महुआ ने कमेटी को लेटर लिखा- 31 अक्टूबर को पेश न होने की बात कही

महुआ ने 27 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी को एक लेटर लिखा, जिसमें उन्होंने 31 अक्टूबर को पेश न होने की बात कही। हालांकि, इस लेटर में महुआ से एक गलती हो गई। उन्होंने पत्र में निशिकांत का जिक्र करते हुए उनका नाम गलती से दुबे से दुबई लिख दिया। इसको लेकर भाजपा सांसद निशिकांत ने सोशल मीडिया पर महुआ पर तंज कसा।

निशिकांत ने लिखा- आरोपी सांसद के ऊपर दुबई का इतना नशा है कि मेरा भी नाम एथिक्स कमेटी के चेयरमैन को लिखे पत्र में दुबई कर दिया है। मोहतरमा ने मेरा दुबे नाम बदलकर अपनी मानसिक स्थिति का वर्णन कर दिया है। हाय रे क़िस्मत?

आरोपों की गंभीरता को देखते हुए और न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, यह जरूरी है कि मुझे हीरानंदानी से जिरह करने के अपने अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी जाए।
महुआ ने पैनल से आग्रह किया कि वे हीरानंदानी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहे और उन्होंने मुझे जो गिफ्ट दिए हैं उसकी लिस्ट पैनल के सामने रखें।
महुआ ने आगे लिखा- हीरानंदानी के मौखिक साक्ष्यों को दर्ज किए बिना उनके खिलाफ कोई भी जांच अधूरी होगी। इसके लिए हीरानंदानी का पैनल के सामने आना जरूरी है।
TMC सांसद ने आगे लिखा, 30 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच विजयादशमी के बाद के कार्यक्रमों में वह बिजी रहेंगी। इसलिए 31 अक्टूबर को दिल्ली नहीं आ सकतीं।

एथिक्स कमेटी ने गृह मंत्रालय से महुआ के पिछले 5 सालों के फॉरेन टूर का ब्योरा मांगा

इस बीच कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी ने जांच शुरु कर दी है। 26 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने दोपहर में करीब 3 घंटे की मीटिंग की थी। कमेटी ने आयकर विभाग और गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर महुआ मोइत्रा केस से जुड़ी जानकारी मांगी है।

कमेटी ने गृह मंत्रालय से महुआ के पिछले 5 सालों के फॉरेन टूर का ब्योरा मांगा है। कमेटी ये जांच करेगी कि महुआ देश के बाहर कहां-कहां गईं और उन्होंने इसके बारे में लोकसभा में जानकारी दी या नहीं। इसके बाद इनसे उनके सांसद ID पर लॉगइन का मिलान किया जाएगा। मोइत्रा से जुड़े विवाद में IT मंत्रालय से पहले ही जानकारी मांगी जा चुकी है। कमेटी ने महुआ को 31 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया था।

क्या है पूरा मामला

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया।

निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। निशिकांत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसे के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।

उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वो कथित सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केन्द्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC व विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।

महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति

इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी। कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीतीं।

निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे

इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे। गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।

दर्शन हीरानंदानी: रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO, अडाणी ग्रुप के कॉम्पिटिटर

42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी ने एक लेटर लिखकर महुआ पर और आरोप मढ़े हैं। दर्शन मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। उनके पिता रियल एस्टेट टाइकून निरंजन हीरानंदानी हैं।

दर्शन डेटा सेंटर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, तेल और गैस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस जैसी कई कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, जो हीरानंदानी ग्रुप के अंडर में हैं। दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BSc की डिग्री ली है। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है।

जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील

जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। दूसरी ओर, अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।

महुआ मोइत्रा के संसद में 62 सवाल, 9 अडाणी से जुड़े

2019 में सांसद बनने के बाद से महुआ मोइत्रा ने पार्लियामेंट में 28 केंद्रीय मंत्रालयों से जुड़े 62 सवाल पूछे हैं। इनमें पेट्रोलियम से लेकर कृषि, शिपिंग, नागरिक उड्डयन, रेलवे आदि शामिल हैं।

sansad.in की वेबसाइट के मुताबिक, 62 सवालों में से सबसे ज्यादा 9 सवाल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए थे, उसके बाद वित्त के लिए आठ सवाल थे। कुल 62 में से 9 सवाल अडाणी समूह से संबंधित थे। इनमें से छह सवाल पेट्रोलियम मंत्रालय के लिए और एक-एक सवाल वित्त, नागरिक उड्डयन और कोयला मंत्रालयों के लिए था।

आरोप सही साबित हुए तो महुआ को सजा क्या मिलेगी

जिस भी सांसद पर ऐसे आरोप लगते हैं उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। कमेटी जांच करेगी कि क्या ये किसी खास के हित में या उसके बिजनेस को लाभ पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। पूरी जांच कर एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देगी। अगर इसमें किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है तो संसद में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। वहीं स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो तो कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकते हैं।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें