मृत्यु के बाद भी ये आंखें देख रही दुनिया, जानने के लिए पढ़े ये खबर

कुछ दिनों पहले एक्टर वैशाली ठक्कर ने इंदौर में अपने ही घर में आत्महत्या कर ली। वैशाली को अपनी आंखें बेहद पसंद थीं। वो अपने घर वालों से अक्सर कहा करती थीं कि मरने से पहले, मैं अपनी आंखें डोनेट करना चाहती हूं।

अब परिवार ने उनकी आंखे जिला अस्पताल में दान में दे दीं। आपको पता है कि एक्सपर्ट कहते हैं कि एक इंसान अंगदान यानी ऑर्गन डोनेट करके 7 लोगों का जीवन बचा सकता है।

सवाल- ऑर्गन डोनेशन यानी अंग दान क्या है?

जवाब- एक व्यक्ति यानी ऑर्गन डोनर की सर्जरी कर, उसके किसी ऑगर्न या टिश्यू को निकालकर दूसरे यानी जरूरतमंद व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट करने के प्रोसेस को ऑर्गन डोनेशन कहते हैं।

सवाल- क्या ऑर्गन डोनेट मरने के बाद ही किया जाता है?

जवाब- नहीं। इसे एक जीवित व्यक्ति भी कर सकता है, लेकिन हर ऑर्गन के साथ यह संभव नहीं।

लिविंग डोनर : जीवित रहते हुए व्यक्ति शरीर के कुछ हिस्से जैसे किडनी, बोन मैरो डोनेट कर सकता है।

ब्रेन डेड : ब्रेन डेड घोषित होने पर किडनी, लिवर, फेफड़े, पेंक्रियाज, ओवरी, आंखें, बोन और त्वचा को दूसरे शरीर में ट्रांसप्लांट करते हैं।

जीवित और मृत व्यक्ति के ऑर्गन डोनेशन में अंतर है।

सवाल- अच्छा तो क्या कोई भी जीवित व्यक्ति ऑर्गन डोनट कर सकता है?

जवाब- नहीं, 18 साल से कम उम्र के लोग ऑर्गन डोनेट नहीं कर सकते हैं। यह एक ऐसा काम है, जिसमें जाति और धर्म का कोई लेना देना नहीं। वहीं ब्रेन डेड के केस में गार्जियन से पूछना जरूरी है।

सामान्य तौर से इन ऑर्गन को किया जा सकता है डोनेट

1- फेफड़े

2- हार्ट

3- लिवर

4- पैंक्रियाज

5- किडनी

6- स्मॉल इंटेस्टाइन

इन टिश्यू को कर सकते हैं डोनेट..

1- कॉर्निया, हड्डी

2- हार्ट वॉल्व

3- स्किन

4- आइलेट्स, तंत्रिकाएं

5- नसें

सवाल-क्या ऑर्गन डोनेशन की कोई शर्तें भी होती हैं?

जवाब- बिल्कुल। शर्तें यह है कि…

जो व्यक्ति ऑर्गन डोनेट करने जा रहा है, उसका हेल्दी होना जरूरी है।
जो व्यक्ति HIV, कैंसर, हार्ट और फेफड़ों की बीमारी जैसी किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित नहीं है, वही अपना ऑर्गन डोनेट कर सकता है।

सवाल- ऑर्गन और टिश्यू डोनेशन में क्या अंतर है?

जवाब- ऑर्गन शरीर का वह अंग है, जिसका काम करना किसी भी इंसान के जीवित रहने के लिए जरूरी है। जैसे हार्ट या दिल, फेफड़े, किडनी आदि। वहीं टिश्यू, जिन्हें ऊत्तक भी कहते हैं, वो कोशिकाएं कॉर्निया, त्वचा, हार्ट वॉल्व जैसे अंगों का हिस्सा होती हैं।

सवाल- ऑर्गन डोनेशन कहां करें?

जवाब- अंगदान के लिए angdaanmahadaan.com, www.nos.org, www.notto.nic.in , mohanfoundation.org, mfjcfnavjeevan.info इन वेबसाइट्स पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं या टोल फ्री नंबर 1800114770, 18001037100 पर संपर्क कर सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन के बाद जारी कार्ड की जानकारी परिजनों को दें, ताकि वो ब्रेन डेड होने पर जानकारी हॉस्पिटल को दे सकें। रजिस्ट्रेशन न होने पर भी इन नंबर पर संपर्क कर अंगदान करा सकते हैं।

स्टेटमेंट 1- अगर आपने ऑर्गन डोनेट किया है, तो माता-पिता बनने में परेशानी आएगी?

जवाब- किडनी डोनेट करने के मामले में ये बात अक्सर कही जाती है। महिलाएं कई बार किडनी इस डर से डोनेट करने से हिचकती हैं। यह स्टेटमेंट पूरी तरह से गलत है। आप किडनी दूसरे को देने के बाद भी पेरेंट बन सकते हैं।

हां, महिलाओं को इस सिचुएशन में थोड़ा ज्यादा सावधान रहना चाहिए। उन्हें पूरी तरह से रिकवर होने के बाद मां बनने का फैसला करना चाहिए।

स्टेटमेंट 2- पुरुषों को महिलाओं के ऑर्गन नहीं लगाए जा सकते?

जवाब- यह बात भी गलत है। खासकर किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट के वक्त ऐसी बातें कही जाती हैं। सच यह है कि किडनी और लिवर दोनों का ट्रांसप्लांट सेफ है।

स्टेटमेंट 3- अंगदान शरीर को बेडौल कर देता है?

जवाब- अक्सर लोगों को लगता है कि अंगदान करने से शरीर बिगड़ जाता है। यह सही नही हैं, क्योंकि यह रेगुलर तरीके से होने वाली सर्जरी की तरह होता है, सर्जरी के निशान को अच्छे से कवर किया जाता है।

स्टेटमेंट 4- किसी भी बीमारी में अंगदान नहीं किया जा सकता?

जवाब- ऐसा नहीं है, सिर्फ कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनके पेशेंट अंगदान नहीं कर सकते। आपको सिर्फ कुछ मेडिकल क्राइटेरिया को पूरा करने की जरूरत होती है। अगर आप उन मेडिकल क्राइटेरिया की शर्तों को पूरा कर देते हैं, तो आप अंगदान कर सकते हैं।

स्टेटमेंट 5- सिर्फ परिवार के सदस्य को ही किडनी दी जा सकती है?

जवाब- ऐसा पहले हुआ करता था कि किडनी केवल एक ही परिवार के सदस्य को दी जा सकती है। अब परिवार के दूर के सदस्य, दोस्त या अजनबी को भी किडनी दे सकते हैं। हालांकि, लिविंग डोनर होने के नाते किडनी देने से पहले आपसे डिटेल में पूछताछ की जाएगी ।

स्टेटमेंट 6- ज्यादा उम्र के लोग अंगदान नहीं कर सकते हैं?

जवाब- बुजुर्ग भी ऑर्गन डोनर हो सकते हैं। अगर आप चिकित्सा की शर्तें पूरी करते हैं, तो अंगदान में कोई प्रॉब्लम नहीं।

स्टेटमेंट 7- क्या 18 साल से कम उम्र के लोग अंगदान नहीं कर सकते?

जवाब- ज्यादातर देशों में ऑर्गन डोनर की कानूनी उम्र 18 साल से ज्यादा होती है। अगर अंगदान करने वाला 18 साल से कम उम्र का है, तो उसके माता-पिता की सहमति लेना जरूरी होता है।

स्टेटमेंट 8- जिन्हें आप ऑर्गन दे रहे हैं उन्हें डोनर यानी आपके बारे में जानकारी होनी चाहिए?

जवाब- जिस प्रकार रोगी की गोपनीयता डोनर परिवार और प्राप्तकर्ता दोनों के लिए बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। उसी तरह डोनर के बारे में भी कोई जानकारी डोनर की सहमति से ही प्राप्तकर्ता को बताई जा सकती है।

क्या आप जानते हैं?

2010 से भारतीय अंगदान दिवस मनाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार, ऑर्गन डोनेशन में अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

अब डेटा देख लें…

2021 – कुल ऑर्गन ट्रांसप्लांट और भारत

9,105 किडनी
2,847 लिवर
151 हार्ट
133 लंग
19 पैंक्रियाज
सोर्स- ग्लोबल ऑब्जरवेटरी ऑन डोनेशन एंड ट्रांसप्लांटेशन (जीओडीटी)

चलते-चलते

ग्रीन कॉरिडोर शब्द का मतलब जानते हैं?

शरीर से निकाले गए ऑर्गन यानी अंग को जरूरतमंद लोगों के पास पहुंचाने के लिए एक स्पेशल रूट तैयार किया जाता है। इस रूट में जगह-जगह पर वॉलिंटियर्स तैनात होते हैं ताकि ऑर्गन सही समय पर पहुंच सके और किसी तरह की बाधा न हो। इसे ही ग्रीन कॉरिडोर कहा जाता है।

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