
चीन में अब मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चुनौती देने वाले तमाम नेताओं पर नकेल कसी जा रही है। कम्युनिस्ट पार्टी की 20 कांग्रेस यानी CCP मीटिंग से देश के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को जबरन बाहर निकाल दिया गया। एक न्यूज एजेंसी के हवाले से जारी एक वीडियो में शी जिनपिंग के बाजू में बैठे हू जिंताओ को दो सुरक्षाकर्मियों ने कुर्सी से उठाया और एस्कॉर्ट कर मीटिंग हॉल से बाहर ले गए।
हू जिंताओ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के सीनियर लीडर हैं। शी जिनपिंग के 2013 में राष्ट्रपति बनने से पहले जिंताओ दस साल तक चीन के राष्ट्रपति रह चुके हैं। वे 15 मार्च 2003 से 14 मार्च 2013 तक पद पर काबिज थे। उन्होंने संविधान के मुताबिक, दो कार्यकाल पूरे होने के बाद पद छोड़ दिया था। हालांकि, इसके बाद भी लगातार कम्युनिस्ट पार्टी की मीटिंग्स में शामिल होते रहे हैं।
प्रधानमंत्री को हटाया, करीबी नेता को भी नहीं छोड़ा
इधर, न्यूज एजेंसी AP ने खबर दी है कि शी जिनपिंग ने चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग को भी पार्टी लीडरशिप से हटा दिया है। उनके साथ तीन और टॉप ऑफिशियल्स को हटाया गया है। अब ये चारों नेता दोबारा पोलित ब्यूरो के मेंबर नियुक्त नहीं किए जा सकेंगे। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CCP) की बैठक के आखिरी दिन यानी शनिवार को यह फैसला किया गया।
जिनपिंग ने PM के साथ शंघाई पार्टी के प्रमुख हान झेंग, पार्टी एडवाइजरी हेड वांग यांग और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के प्रमुख ली झांशु को भी पार्टी लीडरशिप से हटा दिया है। ली झांशु को जिनपिंग का बेहद करीबी माना जाता है। इनकी जगह जो नाम चर्चा में हैं, वे हैं- डिंग जुएक्सियांग, चेन मिनेरो, ली कियान्ग और हू चुनहुआ। चारों ही कम्युनिस्ट पार्टी के लीडर्स हैं।
जिनपिंग के जिंदगीभर राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ
पिछले 7 दिनों से बीजिंग में चल रही चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की हाई लेवल मीटिंग आज खत्म हो गई। इस दौरान पार्टी कॉन्स्टिट्यूशन (संविधान) में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। ये संशोधन चीन के नेता के रूप में शी जिनपिंग की लीडरशिप को बढ़ा सकता है।
दरअसल बैठक के दौरान मेंबर्स नई सेंट्रल कमेटी के लिए वोटिंग करते हैं। यही कमेटी पोलितब्यूरो मेंबर्स का सिलेक्शन करती है। कांग्रेस के बाद सेंट्रल कमेटी की मीटिंग होती है। इसमें पोलितब्यूरो और स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर्स चुने जाते हैं।
पिछले साल CCP कांग्रेस में जिनपिंग को हीरो दिखाया
चीन में 2021 में हुई CCP कांग्रेस के दौरान जिनपिंग के लिए खास तौर पर संकल्प पत्र लाया गया था। इसमें बतौर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की उपलब्धियां गिनाई गई थीं, तो वहीं उन्हें भविष्य के लीडर के तौर पर भी प्रोजेक्ट किया गया था। CCP के 100 साल के इतिहास में इससे पहले केवल दो संकल्प पत्र लाए गए थे।
जिनपिंग के खिलाफ बयान देने पर सजा: पिछले साल यानी 2021 में चाइना कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) का कॉनक्लेव हुआ था। इसमें ‘ऐतिहासिक संकल्प-पत्र’ जारी किया गया था। तमाम प्रस्तावों के अलावा इस मीटिंग की खास बात यह रही कि जिनपिंग के खिलाफ बयानबाजी को अपराध की कैटेगरी में डाल दिया गया। यानी जिनपिंग के खिलाफ बोलने पर सजा का प्रावधान है।
दो टर्म ही राष्ट्रपति रहने की कंडीशन खत्म: जिनपिंग 2012 में सत्ता में आए थे। जिनपिंग से पहले राष्ट्रपति रहे सभी नेता पांच साल के दो कार्यकाल या 68 साल की उम्र होने पर रिटायर होना होता था। 2018 में चीन ने राष्ट्रपति पद के लिए दो टर्म की बाध्यता खत्म कर दी थी। ऐसे में जिनपिंग पूरी उम्र के लिए राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। जिनपिंग का दूसरा कार्यकाल 2023 में खत्म हो रहा है, लेकिन ये तय माना जा रहा है कि वे तीसरा कार्यकाल भी लेंगे।
चीन के सबसे ताकतवर नेता बने जिनपिंग: शी जिनपिंग 2012 में पहली बार चीन के राष्ट्रपति चुने गए थे। पहला टर्म खत्म होने के बाद CCP की बैठक में उन्हें दोबारा राष्ट्रपति चुन लिया गया। राष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा खत्म होने के बाद जिनपिंग अब माओत्से तुंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बन गए हैं।
जिनपिंग के विचार संविधान में शामिल किए: चाइना कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) कांग्रेस ने जिनपिंग के लिए अधिकतम दो बार राष्ट्रपति बनने की शर्त तो हटाई ही, उन्हें दूसरी बार पार्टी प्रमुख भी चुना गया। वहीं, CCP ने उनके विचारों को संविधान में शामिल करने का फैसला किया था।
100 साल के इतिहास में केवल दो संकल्प-पत्र
जुलाई 1921 की बैठक में चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की नींव रखी गई थी। सौ सालों के इतिहास में चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी सिर्फ दो संकल्प-पत्र लेकर आई है। पहला 1945 में और दूसरा 1981 में। इन संकल्पों के जरिए माओत्से तुंग और देंग जियाओपिंग को शक्तियां बढ़ाने में मदद मिली थी।