पूरी दुनिया से भारत की प्राचीनता छुपी नहीं है। दुनिया के कोने कोने से पुरातत्वविद और इतिहासकार भारत आते रहे है। भारत की संस्कृति और यहाँ का हिन्दू धर्म पूरी दुनिया में सबसे पुराना और प्राचीन है। भारत की प्राचीन संस्कृति की पहचान हिन्दू धर्म है और यहाँ से मंदिर। कई मंदिर तो प्राकृतिक है और कई इतने प्राचीन है की उनकी सही सही तारीख निकाल पाना असंभव है। आज भी एक अन्न हिन्दू मंदिर एक नदी से निकाले जाने की खबर आ रही है।
आँध्रप्रदेश के नेल्लोर में 16 जून 2020 मंगलवार को पेरुमलापाडु गाँव (Perumallapadu village) के नजदीक पेन्ना नदी में रेत निकालने (खनन) के वक़्त एक मंदिर जैसी आकृति देखे दी। ठीक से देखन पर यह कोई पुराना खोया हुआ मंदिर मालूम बाद रहा था। इस पर कुछ लोगों का कहना है की यह मंदिर 200 वर्ष पुराना शिव मंदिर है।
अब यहाँ मंदिर मिल जाने के चलते यह खनन का काम बंद कर दिया गया है। खबर है की अब इस साइट की पूरी जाँच की जाएगी और इसे संरक्षित करने के लिए जरुरी कात्या किये जाएँगे। क्षेत्र के एंडोस्मेंट असिस्टेंट कमिश्नर वी रवीन्द्र रेड्डी में मीडिया में बताया कि मंदिर की खबर सामने आने के बाद विभाग अब सही समय पर स्थानीय लोगों की धार्मिक मान्यता और इच्छा के अनुसार मंदिर के नवीनीकरण के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
इस क्षेत्र की स्थानीय किस्से और कहानियों में लोगो में चर्चा है की इस मंदिर का नाता 200 साल से भी पुराना और प्राचीन है। इस क्षेत्र का एक किस्सा भगवान परशुराम से जुड़ा हुआ है और यहाँ मंदिर पाया गया है, वजह कभी भगवान परशुराम के आने की प्राचीन कहानियां प्रचलित है। लोकल लोग स्थानीय कथाओं के अनुसार इस मंदिर को भगवान् नागेश्वरा शिव मंदिर (Lord Nageswara Shiva Temple) बता रहे है।
हाल ही में ऐसी ही एक घटना में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के नयागढ़ जिले में महानदी के पानी में 500 साल पुराने गोपीनाथ मंदिर का ऊपरी हिस्सा दिखाई दिया था। स्थानीयों लोगो ने बताया था कि नदी के पानी में डूब चुके इस मंदिर के दर्शन 11 साल पहले हुए थे। इसके बाद अब जाके नदी के पानी का स्तर कम होने से अब पुनः मंदिर के दर्शन हुए हैं।
आपको बता दे की गोपीनाथ मंदिर के उप्पर के हिस्से दे दिखने के बाद इसे INTACH की महानदी वैली हेरिटेज साइट्स डॉक्यूमेंटेशन प्रोजेक्ट का हिस्सा बना दिया गया था। मीडिया की खबर के अनुसार साल 1933 में यह गाँव पूरी तरह से नदी में विलीन डूब गया था। उस साल बाढ़ आने के साथ नदी अपनी धारा बदलकर व् की तरफ मुड़ गई थी और पूरा गाँव जलमग्न हो गया था।
ओडिशा के अधिकारी ने मीडिया में बताया था की ओडिशा में ऐसे बहुत से मंदिर हैं, जो पानी में डूबे हुए हैं। इसमें हीराकुद जलभंडार में 65 मंदिर शामिल हैं। नदियों में भी बहुत से मंदिर ड्प्प्बे हुए हैं, जिनका सर्वे होना चाहिए। इस प्रदेश में हमेशा से बाढ़ आने से अनेक गांव और मंदिर जलमग्न होने से समय समय पर होनी उपस्थिति दर्ज़ करवाते रहते हैं।