Explainer :  क्या है Excise Duty? क्या अब बढ़ जाएंगे घरेलु उत्पादों के दाम

Seema Pal

Excise Duty : केंद्र सरकार ने देश में एक्साइस ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। सोमवार को राजस्व विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। जिसके मुताबिक केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2-2 रुपए उत्पाद शुल्क बढ़ाया है। यानी कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर ₹2 प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। वहीं पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को ₹13 प्रति लीटर और डीजल पर उत्पाद शुल्क को ₹10 प्रति लीटर बढ़ाया गया है। 

एक्साइस ड्यूटी में वृद्धि से बढ़ेगी महंगाई

एक्साइस ड्यूटी एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर होता है, जिसे सरकार द्वारा उत्पादों के निर्माण और उत्पादन पर लगाया जाता है। यह कर विशेष रूप से उन उत्पादों पर लगाया जाता है जो उद्योगों में निर्मित होते हैं, जैसे कि अल्कोहल, तंबाकू, पेट्रोल, डीजल, और अन्य विशेष वस्त्र। इसका उद्देश्‍य सरकार के राजस्व को बढ़ाना है और कभी-कभी यह किसी विशेष उत्पाद के उपभोग को नियंत्रित करने के लिए भी लगाया जाता है।

अगर केंद्र सरकार ने एक्साइस ड्यूटी में वृद्धि की है, तो संभावनाएं हैं कि घरेलू उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होगी, खासकर उन उत्पादों पर जिन्हें यह कर लागू किया गया है। बेशक, यह स्थिति बाजार की प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता मांग पर भी निर्भर करेगी।

एक्साइस ड्यूटी (उत्पाद टैक्स) में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का प्रभाव

जब एक्साइस ड्यूटी में वृद्धि होती है, तो इससे उन उत्पादों की लागत बढ़ जाती है जिन पर यह कर लगाया गया है। उदाहरण के लिए, अगर पेट्रोल या डीजल पर एक्साइस ड्यूटी बढ़ती है, तो इसके परिणामस्वरूप परिवहन लागत बढ़ेगी, जो विभिन्न सामानों के मूल्य में भी वृद्धि का कारण बन सकती है।जब प्रमुख उत्पादों की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका व्यापक प्रभाव महंगाई पर भी पड़ता है। लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए ज्यादा खर्च करने लगते हैं, जिससे उनकी खरीदी की शक्ति प्रभावित होती है।

एक्साइस ड्यूटी की वृद्धि से केंद्र सरकार के लिए राजस्व में वृद्धि होती है, जिसका उपयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए किया जा सकता है। अगर घरेलू उत्पादों की कीमतें लगातार बढ़ती हैं, तो उपभोक्ता इसका विरोध कर सकते हैं, जिससे सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना पड़ सकता है।

एक्साइस ड्यूटी पर दैनिक भास्कर की रिपोर्ट

सोमवार को घरेलु उत्पादों पर उत्पाद शुल्क को बढ़ाने के बाद भले ही केंद्र सरकार ने अपने बयान में यह साफ किया है कि आम लोगों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि अगर एक्साइस ड्यूटी में वृद्धि की जाती है तो उत्पादन शुल्क में भी बढ़ोत्तरी निश्चित तौर पर होती है।

एक आंकड़े के अनुसार, साल 2014 में जब एक्साइस ड्यूटी में वृद्धि की गई थी तो क्रूड ऑइल के मूल्य में भी बढ़ोत्तरी हो गई थी, जो 9456.35 रुपये (107.9 डॉलर) हो गया था। जबकि पेट्रोल की कीमत 68.26 रु/लीटर और डीजल की कीमत 51.49 रु/लीटर हो गई थी। वहीं साल 2024 की बात करें तो एक्साइस ड्यूटी में वृद्धि के बाद क्रूड ऑइल की कीमत में कमी आई थी जो कि 5,644.00 रुपये (65.6 डॉलर) हुई थी। उस समय पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी देखी गई थी। पेट्रोल की कीमत 102.75 रु/लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रु/लीटर हो गई थी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

महाकुम्भ में बना एक और महारिकॉर्ड योगी सरकार ने महाकुंभ के दौरान सबसे बड़े सफाई अभियान का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। CM Yogi : ‘हैरिंग्टनगंज’ नहीं ‘विष्णु नगर’ नाम बोले इस प्यार को क्या नाम दूं… फारुक अब्दुल्ला ने किए माता वैष्णो देवी के दर्शन