एक्सपोर्ट सेमिनार जनपद के निर्यात की वृद्धि में मील का पत्थर साबित होगा – सी0आई0एस0

निर्यातक कैसे बने सी0आई0एस0 के एक्सपोर्ट सेमिनार में जाना उद्यमियों ने-रविन्द्र मिगलानी

भास्कर समाचार सेवा

सहारनपुर। चैम्बर आफ इण्डस्ट्रीज एण्ड सर्विसेज द्वारा आयोजित एक्सपोर्ट सेमिनार जिसमें तकनीकी सहयोग एक्सपोर्ट प्रमोषन काउंसिल फार हैण्डीक्राफ्ट्स, नई दिल्ली का आयोजन दिल्ली रोड स्थित होटल के सभागार में किया। सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में डा0 लोकेश एम0 (आई0ए0एस0), मण्डलायुक्त, सहारनपुर मण्डल, सहारनपुर व डा0 राकेश कुमार, डायरेक्टर जनरल, ई0पी0सी0एच0, नई दिल्ली एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में विशाल शर्मा, संयुक्त महानिदेशक (विदेशी व्यापार), पानीपत कार्यालय भारत सरकार एवं श्री नीरज खन्ना जी, सी0ओ0ए0, ई0पी0सी0एच0, नई दिल्ली के साथ मुरादाबार के एक्सपोटर्स भाग उपस्थित रहे है। कार्यक्रम में स्कोर्कविज नई दिल्ली, और एच0डी0एफ0सी0 बैंक द्वारा सहयोग दिया गया।
मुख्य अतिथि डा0 लोकेश एम0, आई0ए0एस0, मुण्डलायुक्त, सहारनपुर मण्डल संस्था द्वारा आयोजित एक्सपोर्ट सेमिनार की सराहना करते हुए कहा कि जनपद में इस तरह के जागरूक कार्यक्रमों का होना अति आवश्यक ताकि उद्यमियों एवं जन जागरूक को उद्योग एवं निर्यात से संबंधित सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
डा0 राकेश कुमार, डायरेक्टर जनरल, ई0पी0सी0एच0, नई दिल्ली ने कहा कि जनपद सहारनपुर का वुडन हैण्डीक्राफ्ट उद्योग विश्व प्रसिद्ध तो है कि साथ ही इस एक्सपोर्ट सेमिनार में मुझे आमंत्रित किया गया उसके लिए में सी0आई0एस0 का धन्यवाद करता हूँ। पूरे विश्व में सहारनपुर के वुडन हैण्डीक्राफ्ट की मांग है, जो कारीगरी हाथ से यहां की जाती है वह पूरे भारत में देखने को नहीं मिलती। यदि सरकार जनपद के इस उद्योग को कलस्टर के रूप विकसित करें और उच्च तकनीकी संयंत्र स्थापित करें तो यह उद्योग गई गुणा तरक्की कर सकता है और कई बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।
विशाल शर्मा, संयुक्त महानिदेशक (विदेशी व्यापार), पानीपत कार्यालय भारत सरकार ने अपने सम्बोधन में बताया कि निर्यातकों के लिये भारत सरकार विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी और निर्यात शुरू करने के लिये आयात-निर्यात कोड इनके कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है। सहारनपुर क्षेत्र हमारे पानीपत कार्यालय की परिधि के अन्तर्गत आता है और हमारे कार्यालय द्वारा ही आयात लाईसेंस निर्गत किये जाते है। भारत सरकार की निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ अपने कार्यालय के माध्यम से देने में पूरा सहयोग देने की बात कही।
बैठक में अध्यक्ष रविन्द्र मिगलानी ने सर्वप्रथम “एक्सपोर्ट सेमिनार“ में उपस्थित मुख्य अतिथियों, विशिष्ट अथितियों एवं सभागार में उपस्थित सदस्यों एवं मीडिया का स्वागत एवं अभिनन्द किया। साथ ही कहा कि “निर्यातक कैसे बने“ – “आए और जाने“ जनपद सहारनपुर में इस तरह का कार्यक्रम पहली बार आपकी संस्था द्वारा आयोजित किया गया है। निर्यात के लिए चुनौतियां और अवसरों सहित क्या, कहां और कैसे के बारे में श्री एम0पी0 सिंह (विजिटिंग फैकल्टी, आईआईएफटी) विस्तार स आपको जानकारी देगें। साथ ही लकडी के हस्तशिल्प निर्यातकों की समस्याऐं एवं उनके समाधान के लिए सुझाव, निर्यात सुविधा और निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं एवं सहारनपुर में अन्य उत्पादों के निर्यात का एक्सपोजर जैसे हौजरी व एनीमल फीड सप्लीमेंट आदि के बारे में भी विस्तार से एक्सपर्ट द्वारा जानकारी दी जायेगी। हमें विश्वास है कि यह एक्सपोर्ट सेमिनार जनपद के निर्यात की वृद्धि में मील का पत्थर साबित होगा। यह सुनहरा मौका है, जो लोग निर्यातक बनना चाहते है इस एक्सपोर्ट सेमिनार से उनको अवश्य ही लाभ मिलेगा।
साथ अध्यक्ष ने बताया कि जनपद सहारनपुर के वुडन हैण्डीक्राफ्ट के लिए यदि सरकार निम्न बिन्दुओं पर सहयोग करें तो हमारा पूरा विष्वास कि आने वाले 5 वर्शो में जनपद से 5 गुणा यानि रू0 1000 करोड से बढकर रू0 5000 करोड का निर्यात हो सकता है-

  1. इस उद्योग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर (मुलभूत सुविधाऐं जैसे सड़के, पानी निकासी हेतु नालियों की व्यवस्था, स्ट्रीट लाईट, पार्क, चार दीवारी एवं सुरक्षा इत्यादि)।
  2. इस उद्योग के लिए कच्चे माल (लकडी) की उपलब्धता सुनिष्चित कराने हेतु वन विभाग को अगले 50 से 100 साल तक वन क्षेत्र को रिजर्व करना चाहिए ताकि कच्चा माल उपलब्ध होता रहे।
  3. साथ ही सहारनपुर में वन विभाग का वुड सेल डिपो का होना भी अति आवश्यक है।
  4. रा-मैटिरियल बैंक – तैयार लकडी (यानि कैमिकली ट्रीटेड और सीजंड वुड) ब्रिकी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए – जिससे कि आॅर्डर मिलने पर प्रोडेक्षन तुरन्त षुरू हो सके। क्योंकि अभी तक आॅर्डर आने पर लकडी को खरीदकर चिराई, कैमिकल ट्रीटमेंट और सीजंन करने में कम-से-कम 30 से 40 दिन लग जाते है और प्रोडक्षन के लिए समय नहीं बचता। इसलिए हमारा सुझाव है कि रा-मैटिरियल बैंक होने से प्रोडक्शन कैपेसटी काफी बढ़ जायेगी।
  5. इन्टरनेषनल डिजाईनर- एक अन्तर्राश्ट्रीय स्तर के डिजाईनर की आवश्यकता है जो नए सैम्पल विकसित करने में सहयोग कर सके और जिसको अन्तर्राश्ट्रीय बाजार के टेंड की जानकारी हो और सहारनपुर में उपलब्ध कच्चे माल और यहां के कारीगरों के काम करने की कार्यक्षमता के अनुसार व सैम्पल विकसित करवों सके और प्रोडेक्षन फ्रैंडली हो। इनके होने से सहारनपुर के वुडन हैण्डीक्राफ्ट्स का निर्यात अवष्य ही बढे़गा ऐसा संस्था का मानना है।
  6. सीएफसी के साथ में वुडन कलस्टर भी प्रस्तावित है, सीएफसी एवं वुडन कलस्टर हेतु अम्बाला रोड से एक न्यू अपरोच रोड सीधे होनी चाहिए।
  7. आरा मषीनों के लिए लाईसेंस के संबंध मेंः- अवगत कराना है कि आरा मषीनों के लिये नये लाईसेंस न मिलने के कारण लकडी की चिराई की क्षमता नहीं बढ़ पा रही है। निर्यात के आर्डर मिलने के बावजूद, प्रोडक्षन कैपेसिटी में वृद्धि नहीं हो पा रही है। क्योंकि सबसे पहला प्रोसेस लकडी चिराई का होता है और वहां पर 20 से 25 दिनों की प्रतीक्षा होने की वजह से आर्डर समय पर नहीं बन पाते है। संस्था का सुझाव है कि यदि प्राईवेट सेक्टर में आरा मषीनों के लिए लाइसेन्स पर प्रतिबन्ध है तो उ0प्र0 सरकार को अपने वन विभाग को ही नई आरा मशीनों के लिये लाइसेन्स के लिये अधिकृत कर उनके द्वारा ही संचालित करा देना चाहिए जिससे कानूनी तौर पर ही लकडी कटेगी और उससे अवैध कटान पर नियंत्रण होगा।
    अगर नया लाईसेंस नहीं मिल सकता है तो पुराने लाईसेंस में ही नई लेटस्ट एडवांस मशीन उ0प्र0 सरकार के सहयोग से लगाई जाए क्योंकि विदेशी मशीन महंगी है लेकिन उसकी कैपेसिटी 10 गुणा ज्यादा है और एक्यूरेसी क्वालिटी बहुत बेहतर है एक छोटा उद्यमी इतनी मंहगी मशीन नहीं लगा सकता। अतः आपसे अनुरोध है कि सहारनपुर के वुड कार्विंग के निर्यात को बढ़ाने के लिए उक्त सुझाव की ओर ध्यान देने का कष्ट करे जिससे लकडी की चिराई की समस्या हल हो सकती है।
  8. सरसावा एयरपोर्ट से संबंधित 16 जून 2020 को अमर उजाला द्वारा आयोजित आनलाइन विडियों कान्फ्रेस में अधोहस्ताक्षरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से सीधे वार्ता करने का अवसर मिला था, जिसमें मुख्यमंत्री ने जनपद सहारनपुर के सरसावा एयरपोर्ट को यात्री हवाई पट्टी टर्मिनल की सौगात दी थी और घोशणा की थी कि सरसावा एयरपोर्ट सिविल पब्लिक के लिये शुरू होने से विदेशी ग्राहक सीधे सहारनपुर पहुंचेगें और जनपद सहारनपुर के निर्यात को बढावा मिलेगा, परन्तु इसका संचालन अभी तक नहीं हो पाया है। अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया सरसावा एयरपोर्ट को जल्द से प्रारम्भ करवाने हेतु मुख्यमंत्री से वार्ता करें। इस यात्री हवाई पट्टी के चलने से बाहर के आये बायर्स सीधे जनपद में ही उतरेगें जिससे जनपद सहारनपुर के वुड कार्विंग का निर्यात बढेगा और सरकार को भी अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।
    बैठक में मुरादाबाद से आये निर्यातकों नीरज खन्ना जी मैसर्स नोडी एक्सपोर्ट, अवदेश अग्रवाल महासचिव, मुरादाबाद हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोट्र्स एसोसिएशन व सी0ओ0ए0 ईपीसीएच और जनमुल इस्लाम चीफ वार्डन सिविल डिफेंस, मुरादाबाद ने भी अपने-अपने विचार रखें।
    बैठक में नई दिल्ली, ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से निर्यातकों की सुविधा के लिए अपने प्रोडक्ट की जानकारी दी और एच0डी0एफ0सी0 बैंक ने भी विदेशी व्यापार में बैंकिंग की सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। कोषाध्यक्ष घनश्याम माहेश्वरी ने हौजरी उत्पाद से संबंधित व अमित चैधरी ने एनिमल फीड सप्लिमेंट्स के बारे में विस्तार से बताया।
    बैठक में संयुक्त आयुक्त उद्योग श्रीमति अंजू रानी, उपायुक्त उद्योग, सिद्धार्थ यादव, उपाध्यक्ष संजय कपूर, संजय गुप्ता, अमर गुप्ता, नीरत माहेश्वरी, बलजीत सिंह चावला, मंयक अरोडा, सुधाकर अग्रवाल, दिनेष माहेश्वरी, सचिव गौरव जैन, रविन्द्र कालरा, मनोज जैन, षरद भार्गव, स0 एमपीएस भोपाराय, राजीव चानना, डा0 अजय सिंह, सुशील मदान, अनुभव शर्मा, अमित गोयल, विजय मदान, सलमान आजम, इरफान उल हक, मौ0 औसाफ गुड्डू, मौलवी फरीद, तल टण्डन, के0एल0 अरोडा, सुपनीत सिंह, संजय मल्होत्रा, अमरनाथ सिंह, अजय कमार वर्मा, राकेष वर्मा, एस0एम0 पिल्लई, संजीव शर्मा, शरद अग्रवाल, अंकित अग्रवाल, संजय ढ़ीगरा, रवि टण्डन, रवि गुप्ता सहित लगभग 200 सदस्यों द्वारा भाग लिया गया।

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