किसान आंदोलन के छठे दिन सोमवार को भी हजारों किसान दिल्ली-हरियाणा हाइवे पर सिंघु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में जमा हैं। वे किसान दिल्ली में प्रवेश और नरेंद्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग पर अड़े हैं। किसान सड़कों पर ही ठंड में चादर व कंबल बिछा कर राज गुजार रहे हैं।
किसानों ने प्रदर्शन के लिए बुराड़ी मैदान जाने से इनकार कर दिया है और उनकी मांग है कि उन्हें रामलीला मैदान या जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति दी जाए।
वहीं, टिकरी बाॅर्डर पर किसानों के प्रदर्शन की वजह से आवाजाही बंद है। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि हरियाणा जाने के लिए झारोदा, धानसा, दरौला, झाटीखेड़ा, बादुसरी, कपासहेड़ा, रजोकरी एनएच – 8, बिजवासन, पालम विहार व डूंडाहेड़ा बार्डर खुले हुए हैं।
उधर, दिल्ली-गाजियाबाद पर किसानों ने बेरिकेड्स गिरा दिए हैं। रविवार को किसान संगठनों ने सरकार से किसी भी सशर्त वार्ता से इनकार कर दिया है और कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे दिल्ली प्रवेश करने वाले पांचों राजमार्गाें को सील कर देंगे।
मालूम हो कि शनिवार की रात गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों को तीन दिसंबर को वार्ता में शामिल होने की पेशकश की थी। शाह ने कहा था कि कृषिमंत्री ने उन्हें इसके लिए प्रस्ताव भेजा है और इसमें शामिल हों। वही,ं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ कृषि आंदोेलन से उत्पन्न चुनौतियो ंको लेकर एक बैठक की है।